अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 27 Nov 2021 06:40 AM IST
सार
कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट और सामान्य क्रोसम रिकवरी प्लांट (सीसीआरपी) का पालन न करने के कारण गंगा में जहरीला क्रोमियम मिल रहा है।
गंगा नदी में गिरता गंदा पानी
– फोटो : अमर उजाला
कानपुर के जाजमऊ व अन्य स्थानों पर गंगा में क्रोमियम व अन्य अपशिष्टों को मिलने से रोकने की योजना बनाने के लिए एनजीटी ने पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया किया है। एनजीटी के अध्यक्ष वाली पीठ ने समिति को योजना के परिणामों की अनुपालन स्थिति रिपोर्ट 31 मार्च 2022 तक पेश करने का निर्देश दिया।
पीठ रानिया, कानपुर देहात और राखी मंडी, कानपुर नगर से गंगा में अपशिष्ट के तौर पर मिलने वाले क्रोमियम के वैज्ञानिक तरीके से निपटान के मुद्दों की सुनवाई कर रही है। क्रोमियम के कारण भूजल के दूषित होने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। टेनरियों से निकले जल को सिंचाई नहरों में छोड़ने से होने वाले जल प्रदूषण पर भी सुनवाई की गई।
एनजीटी ने पाया कि 1976 से ही इन जगहों पर क्रोमियम गंगा में मिल रहा हैै। पीठ ने सीपीसीबी और निरीक्षण समिति की 12 नवंबर, 2021 की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि क्रोमियम के उपचार का मुद्दा अभी भी लटका हुआ है। कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट और सामान्य क्रोसम रिकवरी प्लांट (सीसीआरपी) का पालन न करने के कारण गंगा में जहरीला क्रोमियम मिल रहा है।
विस्तार
कानपुर के जाजमऊ व अन्य स्थानों पर गंगा में क्रोमियम व अन्य अपशिष्टों को मिलने से रोकने की योजना बनाने के लिए एनजीटी ने पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया किया है। एनजीटी के अध्यक्ष वाली पीठ ने समिति को योजना के परिणामों की अनुपालन स्थिति रिपोर्ट 31 मार्च 2022 तक पेश करने का निर्देश दिया।
पीठ रानिया, कानपुर देहात और राखी मंडी, कानपुर नगर से गंगा में अपशिष्ट के तौर पर मिलने वाले क्रोमियम के वैज्ञानिक तरीके से निपटान के मुद्दों की सुनवाई कर रही है। क्रोमियम के कारण भूजल के दूषित होने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। टेनरियों से निकले जल को सिंचाई नहरों में छोड़ने से होने वाले जल प्रदूषण पर भी सुनवाई की गई।
एनजीटी ने पाया कि 1976 से ही इन जगहों पर क्रोमियम गंगा में मिल रहा हैै। पीठ ने सीपीसीबी और निरीक्षण समिति की 12 नवंबर, 2021 की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि क्रोमियम के उपचार का मुद्दा अभी भी लटका हुआ है। कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट और सामान्य क्रोसम रिकवरी प्लांट (सीसीआरपी) का पालन न करने के कारण गंगा में जहरीला क्रोमियम मिल रहा है।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...