सार
अयान शांकता ने अपनी परियोजना पवई झील के संरक्षण और पुनर्वास के लिए 8-14 वर्ष आयु वर्ग में तीसरा स्थान हासिल किया।
पवई झील (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : Wiki.org
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बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, अयान शांकता ने अपनी परियोजना ‘पवई झील का सरंक्षण एवं पुनरुद्धार’ के लिए आठ से 14 वर्ष आयु वर्ग में तीसरा स्थान हासिल किया है।
शांकता दुनियाभर के 25 युवा पर्यावरणीय कार्यकर्ताओं में से एक है जिन्हें ‘एक्शन फॉर नेचर’ (एएफएन) ने इंटरनेशनल यंग इको-हीरो पुरस्कार से सम्मानित किया है। इस पुरस्कार के तहत पर्यावरण के प्रति सचेत आठ से 16 साल की आयु के उन युवाओं को सम्मानित किया जाता है जो कठिन पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए अहम कदम उठा रहे हैं।
पवई झील के समीप रहने वाले अयान ने कहा, ‘मेरा मकसद एक स्वच्छ और पानी के जीवंत स्रोत के तौर पर इस झील का पूर्व गौरव वापस लौटाना है। यह झील कभी मुंबई के लिए पेयजल का स्रोत हुआ करती थी, लेकिन अब यहां कचरा और सीवर का पानी है।’
अयान की परियोजना का उद्देश्य प्रदूषण, झील को स्वच्छ करने और उसके पारिस्थितिकी की रक्षा करने को लेकर जागरुकता पैदा करना है। जागरुकता पैदा करने के लिए गैर स्वयंसेवी संगठनों के साथ काम करने के अलावा अयान ने झील की स्थितियों पर एक कार्य रिपोर्ट तैयार की है और वह अभी पवई झील को लेकर एक वृत्तचित्र पर भी काम कर रहा है।
शांकता ने कहा कि ‘इससे न केवल मुंबई की घनी आबादी वाले शहर में पारिस्थितिक संतुलन लाने में मदद मिलेगी, बल्कि लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी।’
एक्शन फॉर नेचर के अध्यक्ष बेरिल के ने कहा, टअयान जैसे बच्चों ने साबित कर दिया है कि ये अगली पीढ़ी के नेता हैं, और वे दुनिया की सबसे अधिक दबाव वाली पर्यावरणीय चुनौतियों को हल करने के लिए इंतजार करने से इनकार कर रहे हैं। एक्शन फॉर नेचर एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन जो पृथ्वी के प्रति प्रेम और सम्मान का पोषण करने और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए व्यक्तिगत कार्रवाई करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करता है।
बेरिल ने कहा कि ‘इन युवा लोगों द्वारा बनाई गई परियोजनाओं का न केवल उनके समुदायों पर वास्तविक और सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा बल्कि वे वैश्विक जलवायु चुनौतियों को हल करने में भी मदद करेंगे।