एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 03 Mar 2022 06:51 AM IST
सार
पीएमआई का यह आंकड़ा क्षेत्र में मजबूत सुधार दर्शाता है। जनवरी में विनिर्माण पीएमआई 54.0 पर था। पीएमआई का 50 से ऊपर रहना विस्तार और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री श्रेया पटेल ने कहा कि बिक्री में निरंतर वृद्धि से फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में तेजी को बल मिला।
नए आर्डर की संख्या बढ़ने और उत्पादन में तेजी से देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी में बढ़ गईं। मांग की अनुकूल स्थिति से इन गतिविधियों को समर्थन मिला है। इससे बुधवार को जारी आएचएस मार्किट का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में बढ़कर 54.9 पहुंच गया।
पीएमआई का यह आंकड़ा क्षेत्र में मजबूत सुधार दर्शाता है। जनवरी में विनिर्माण पीएमआई 54.0 पर था। पीएमआई का 50 से ऊपर रहना विस्तार और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री श्रेया पटेल ने कहा कि बिक्री में निरंतर वृद्धि से फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में तेजी को बल मिला।
विनिर्माण का आंकड़ा फरवरी, 2022 में कंपनियों की परिचालन स्थिति में सुधार दर्शाता है। खरीद संबंधी गतिविधियां जारी रहने के साथ उत्पादन और नए ऑर्डर की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि, कुछ ऐसी प्रमुख चिंताएं हैं, जो वृद्धि के लिए खतरा बनी हुई हैं। कच्चे माल की कमी के कारण लागत का दबाव ऊंचा बना हुआ है, जबकि आपूर्ति का समय एक बार फिर बढ़ गया। विनिर्माताओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बिक्री कीमतों में मामूली वृद्धि है। पिछले बकाया ऑर्डर की वजह से भारतीय विनिर्माताओं पर दबाव बढ़ा है। इससे मांग में तेजी के बावजूद रोजगार घटा है।
विस्तार
नए आर्डर की संख्या बढ़ने और उत्पादन में तेजी से देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी में बढ़ गईं। मांग की अनुकूल स्थिति से इन गतिविधियों को समर्थन मिला है। इससे बुधवार को जारी आएचएस मार्किट का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में बढ़कर 54.9 पहुंच गया।
पीएमआई का यह आंकड़ा क्षेत्र में मजबूत सुधार दर्शाता है। जनवरी में विनिर्माण पीएमआई 54.0 पर था। पीएमआई का 50 से ऊपर रहना विस्तार और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री श्रेया पटेल ने कहा कि बिक्री में निरंतर वृद्धि से फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में तेजी को बल मिला।
विनिर्माण का आंकड़ा फरवरी, 2022 में कंपनियों की परिचालन स्थिति में सुधार दर्शाता है। खरीद संबंधी गतिविधियां जारी रहने के साथ उत्पादन और नए ऑर्डर की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि, कुछ ऐसी प्रमुख चिंताएं हैं, जो वृद्धि के लिए खतरा बनी हुई हैं। कच्चे माल की कमी के कारण लागत का दबाव ऊंचा बना हुआ है, जबकि आपूर्ति का समय एक बार फिर बढ़ गया। विनिर्माताओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बिक्री कीमतों में मामूली वृद्धि है। पिछले बकाया ऑर्डर की वजह से भारतीय विनिर्माताओं पर दबाव बढ़ा है। इससे मांग में तेजी के बावजूद रोजगार घटा है।
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