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अनिल कपूर बॉलीवुड के एक ऐसे स्टार हैं जो 60 साल की उम्र में युवा पीढ़ी को मात देते हैं। जहां हर स्टार अपने किरदार के हिसाब से लुक को बदल लेते हैं वहीं अनिल ने अपने लुक के साथ कुछ खास एक्सपेरिमेंट नहीं किया। लेकिन एक फिल्म के लिए अनिल कपूर को इतना बड़ा त्याग करना पड़ा था कि उनके पसीने छूट गए थे। दरअसल एक फिल्म के लिए अनिल कपूर को अपनी मूंछें मुंडवानी पड़ गईं थीं।
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अनिल कपूर बॉलीवुड के एक ऐसे स्टार हैं जो 60 साल की उम्र में युवा पीढ़ी को मात देते हैं। जहां हर स्टार अपने किरदार के हिसाब से लुक को बदल लेते हैं वहीं अनिल ने अपने लुक के साथ कुछ खास एक्सपेरिमेंट नहीं किया। लेकिन एक फिल्म के लिए अनिल कपूर को इतना बड़ा त्याग करना पड़ा था कि उनके पसीने छूट गए थे। दरअसल एक फिल्म के लिए अनिल कपूर को अपनी मूंछें मुंडवानी पड़ गईं थीं।
निधन के दो साल बाद ओटीटी पर आएगी ऋषि कपूर की आखिरी फिल्म… ‘पाताल लोक’ और ‘तांडव’ के दूसरे सीजन में कहां फंसा पेंच…सुनिए मनोरंजन जगत की बड़ी खबरें।
दोस्तों भारतीय फिल्म संगीत अनेक सुनहरे पड़ावों से गुजरा है। ‘आलम आरा’ पहली बोलती हुई फिल्म थी। लेकिन इससे पहले भी फिल्मों में संगीत था। बेशक यह पार्श्व संगीत नहीं था। फिल्म के पर्दे पर चलते चित्रों के मुताबिक साजिंदे संगीत बजाया करते थे। वह फिल्म के पर्दे के निकट बैठे होते थे। तबला, हारमोनियम और सारंगी बजती। लोग पास में ही बज रहे इस संगीत का मजा लेते थे और उनकी नजरें फिल्म के परदे पर होती थीं।
दोस्तों आज बात होगी अपने जमाने के मशहूर संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी की…कल्याणजी अब दुनिया में नहीं हैं लेकिन आनंदजी अभी भी टीवी पर किसी न किसी शो में दिख जाते हैं…आनंद जी अक्सर अपने भाई के बारे में बताते रहते हैं…आइए आपको भी बताते हैं कि कल्याणजी के बारे में…उनकी संगीत के सफर के बारे में…कल्याण जी के बारे में उनके छोटे भाई आनंद वीरजी शाह बताते हैं, ‘गुजरात में कच्छ के कुंडरोडी में जन्मे मेरे बड़े भाई कल्याणजी वीरजी शाह बचपन से ही संगीतकार बनने का सपना देखा करते थे लेकिन उन्होंने किसी उस्ताद से संगीत की शिक्षा नहीं ली थी।’
मनोरंजन दिनभर :ट्वीट कर हिजाब विवाद पर क्या बोली ट्विंकल खन्ना…..बोनी कपूर ने बेटी जान्हवी को दी जन्मदिन की बधाई
मनोरंजन दिनभर : अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा के खिलाफ जारी हुआ वारंट, फैंस ने की लोकप्रिय शो अनुपमा के बायकॉट की मांग
ऋषि कपूर और नीतू कपूर दुबई के एक मॉल में घूम रहे थे, तो वहां दाऊद भी मौजूद था. वो अपने 8 से 10 बॉडीगार्ड के साथ मौजूद था. दाऊद ने ऋषि कपूर को देखते ही कहा कि आपको जो लेना है ले लीजिए…
फिल्म गुलाम के एक सीन में आमिर को रेल की पटरी पर आने वाली ट्रेन की ओर दौड़ते हुए दिखाया गया है…इस सीन को देखकर दर्शकों का कलेजा मुंह को आ जाता है क्योंकि आमिर के पटरी से कूदने से पहले ट्रेन और उनके बीच 1.3 सेकेंड का ही अंतर होता है। इस स्टंट को असल में आमिर ने खुद किया था। इस हैरतअंगेज सीन ने 44वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ दृश्य का पुरस्कार जीता था…हालांकि बाद में आमिर ने इस तरह का गैर जरूरी जोखिम उठाने के लिए खुद की आलोचना भी की थी…
दिनभर की मनोरंजन जगत की बड़ी खबरें
9 अक्तूबर 1964 की शाम यानि गुरु दत्त की मौत के ठीक एक दिन पहने आर्क रॉयल की बैठक फिल्म ‘बहारे फिर भी आएंगी’ की नायिका के मरने की कहानी लिखने का काम चल रहा था। अबरार ने बताया कि जब वो शाम को सात बजे के आसपास वहां पहुंचे तो माहौल बिल्कुल अलग था। गुरु दत्त शराब में डूबे हुए थे। उनके चेहरे पर तनाव और अवसाद साफ झलक रहे थे। उन्होंने गुरु के सहायक रतन से पूछा कि बात क्या है? अबरार ने बताया था कि उन दिनों गुरु दत्त और उनकी पत्नी के बीच काफी समय से अनबन चल रही थी। गुरु दत्त अपनी निजी जिंदगी को लेकर परेशान थे। जब भी दोनों की फोन पर बात होती तो उसमें झगड़ा ही होता। हर फोन के बाद गुरु दत्त के चेहरे पर तनाव और गुस्सा दोनों बढ़ जाता था।
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