वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 31 Mar 2022 11:10 PM IST
सार
लाइव संबोधन के दौरान पाक पीएम इमरान खान की जुबान भी फिसली जब वह कह बैठे कि अमेरिका ने एक पत्र लिखा था जो पाकिस्तान की नीति के खिलाफ था। हालांकि उन्होंने तुरंत सुधार करते हुए कहा कि अमेरिका नहीं, एक विदेशी मुल्क ने पत्र लिखा था।
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विस्तार
अमेरिका…विदेशी मुल्क ने संदेश भेजा
इमरान ने कहा, 8 मार्च या उससे पहले 7 मार्च को अमेरिका ने हमें…अमेरिका नहीं एक विदेशी मुल्क ने एक संदेश भेजा था। ये है तो पीएम के खिलाफ, लेकिन ये पूरी कौम के खिलाफ है। उस मैसेज में लिखा है कि पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव आ रहा है, जो विपक्ष रखने वाला है। यानी विपक्ष का पहले से ही विदेशी ताकतों का संपर्क था। वो बताते हैं कि पाकिस्तान से वे क्यों गुस्सा हैं। वे यह भी कहते हैं कि अगर इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव हार जाता है तो हम सब भुला देंगे। लेकिन अगर इमरान बच जाता है तो पाकिस्तान को फिर से मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। ये रिकॉर्डेड बात है। ये आधिकारिक दस्तावेज है। ये पाकिस्तान सरकार के राजदूत के नोट्स से है। इसमें कहा गया कि अगर इमरान वजीरे आजम रहता है तो हमारे आपके ताल्लुकात भी खराब हो जाएंगे और आपको मुश्किलों का भी सामना करना पड़ेगा।
#WATCH | Islamabad: In his address to the nation, Pakistan Prime Minister Imran Khan claims that a foreign nation sent a message to them (Pakistan) that Imran Khan needs to be removed else Pakistan will suffer consequences. pic.twitter.com/aTGUh9HqSe
— ANI (@ANI) March 31, 2022
अमेरिका पर जोरदार हमला भी बोला
इस दौरान इमरान ने अमेरिका पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, मैं इसी कमरे में था जब हमसे कहा गया था कि अगर हमने अमेरिका की खिदमत नहीं की तो वे जख्मी रीछ की तरह हमें ही न मार दें। तब मैंने कहा था कि 9-11 में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं था। मैंने कहा था कि हम दहशतगर्दी के खिलाफ हैं और हमें उनकी मदद करनी चाहिए। इसका क्या ये मतलब है कि उनके लिए हम अपनों को कुर्बान कर दें। सबसे बड़ी गलती जनरल मुशर्रफ ने की। हम अमेरिका के सहयोगी थे और हम सोवियत के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। यहां से कबायली गए और हमने उनकी हिमायत की। हमने उनसे कहा कि विदेशी अफगानिस्तान में जंग लड़ रहे हैं, हमें उसके खिलाफ जेहाद करना है। जब सोवियत चला गया तो वही अमेरिका जो हमारे साथ जंग लड़ रहा था, उसी ने हम पर प्रतिबंध लगा दिए।
इन्होंने मुझे तालिबान खान कहा
इस दौरान इमरान ने कहा, इन्होंने मुझे तालिबान खान कहा। जब मैंने अमेरिका के ड्रोन हमलों के खिलाफ विरोध किया तो मुझे तालिबान के साथ बताया गया। मैंने इसे जुल्म कहा। लेकिन हमारे सीनियर पॉलिटिशियंस ने कुछ नहीं कहा। उनका कहना था कि अमेरिका कहीं नाराज न हो जाए। अगर कोई बाहरी फैसला कर ले कि कौन कसूरवार है, कौन बेकसूर, तो यह सही नहीं। हमारी सरकारों ने अमेरिका के साथ सहयोग किया। हर तरफ पाकिस्तानियों ने मुसीबतें झेलीं।
अमेरिका ने दिया जवाब
वहीं, अमेरिका ने इमरान खान के आरोपों पर सफाई दी है। अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता ने एएनआई से कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। हम पाकिस्तान के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम पाकिस्तान की संवैधानिक प्रक्रिया और कानून के शासन का सम्मान और समर्थन करते हैं।