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इनकम टैक्स: करदाताओं के लिए दो टैक्स स्लैब मौजूद, क्या है अंतर और किससे होगा फायदा?

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ‌डिंपल अलावाधी
Updated Tue, 15 Jun 2021 04:13 PM IST

सार

करदाता पुराने टैक्स स्लैब और नए टैक्स स्लैब (जो बजट 2020 में घोषित हुईं) के बीच चयन कर सकते हैं। नए टैक्स स्लैब के तहत करदाताओं को सिर्फ 30 रियायतें मिलेंगी। 

करदाताओं के लिए दो टैक्स स्लैब मौजूद
– फोटो : pixabay

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बजट 2020 में करदाताओं की सुविधा के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए आयकर स्लैब की घोषणा की थी। वहीं आम बजट 2021 में आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। अब टैक्स के लिए लोगों के पास दो विकल्प मौजूद हैं। करदाता पुराने टैक्स स्लैब और नए टैक्स स्लैब (जो बजट 2020 में घोषित हुईं) के बीच चयन कर सकते हैं। यानी वित्त मंत्री ने नई टैक्स स्लैब की दरों को वैकल्पिक रखा है। अगर किसी करदाता को पुराने स्लैब से ज्यादा फायदा हो रहा है तो वो उसे दाखिल कर सकता है। आइए जानते हैं इन टैक्स स्लैब में अंतर क्या है और ये किसके लिए फायदेमंद है।

पुरानी कर व्यवस्था

  • 2.5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
  • 2.5 लाख से पांच लाख तक की आय पर पांच फीसदी की दर से कर।
  • पांच लाख से 7.5 लाख तक की आय पर 20 फीसदी की दर से कर।
  • 7.5 लाख से 10 लाख तक की आय पर 20 फीसदी की दर से कर।
  • 10 लाख से 12.5 लाख तक की आय पर 30 फीसदी की दर से कर।
  • 12.5 लाख से 15 लाख तक की आय पर 30 फीसदी की दर से कर। 
  • 15 लाख के ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से कर। 

नई कर व्यवस्था

  • 2.5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
  • 2.5 लाख से पांच लाख तक की आय पर पांच फीसदी की दर से कर।
  • पांच लाख से 7.5 लाख तक की आय पर 10 फीसदी की दर से कर।
  • 7.5 लाख से 10 लाख तक की आय पर 15 फीसदी की दर से कर।
  • 10 लाख से 12.5 लाख तक की आय पर 20 फीसदी की दर से कर।
  • 12.5 लाख से 15 लाख तक की आय पर 25 फीसदी की दर से कर। 
  • 15 लाख के ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से कर। 
2020-21 से पुरानी और नई कर व्यवस्था में किसी एक को चुनने का विकल्प है। पुरानी व्यवस्था में आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी, एचआरए समेत कई छूट मिलती हैं। नई व्यवस्था में छूट नहीं मिलेगी। इसमें सिर्फ 80 सीसीडी (2) यानी नियोक्ता के योगदान पर छूट का लाभ ले सकते हैं। हालांकि, नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं।

नए टैक्स स्लैब में सिर्फ 30 रियायतें
नए टैक्स स्लैब के साथ आयकर अधिनियम 80सी, 80सीसीडी सहित अन्य प्रावधानों के तहत मिलने वाली 70 रियायतों को खत्म कर दिया गया है। इसके तहत करदाताओं को सिर्फ 30 रियायतें मिलेंगी। 

सालाना 15 लाख आय वालों का उदाहरण
बजट 2020 की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने सालाना 15 लाख आय वालों का उदाहरण देते हुए बताया था कि उनको दोनों विकल्प के तहत कितना कर देना होगा। उन्होंने कहा था, इस आयवर्ग वालों को पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से 2.73 लाख रुपये टैक्स देना पड़ेगा, लेकिन अगर वे नया विकल्प अपनाते हैं, तो उन्हें 1.95 लाख रुपये देने होंगे। यानी, करदाता का भार 78 हजार रुपये कम हो जाएगा।

विस्तार

बजट 2020 में करदाताओं की सुविधा के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए आयकर स्लैब की घोषणा की थी। वहीं आम बजट 2021 में आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। अब टैक्स के लिए लोगों के पास दो विकल्प मौजूद हैं। करदाता पुराने टैक्स स्लैब और नए टैक्स स्लैब (जो बजट 2020 में घोषित हुईं) के बीच चयन कर सकते हैं। यानी वित्त मंत्री ने नई टैक्स स्लैब की दरों को वैकल्पिक रखा है। अगर किसी करदाता को पुराने स्लैब से ज्यादा फायदा हो रहा है तो वो उसे दाखिल कर सकता है। आइए जानते हैं इन टैक्स स्लैब में अंतर क्या है और ये किसके लिए फायदेमंद है।

पुरानी कर व्यवस्था

  • 2.5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
  • 2.5 लाख से पांच लाख तक की आय पर पांच फीसदी की दर से कर।
  • पांच लाख से 7.5 लाख तक की आय पर 20 फीसदी की दर से कर।
  • 7.5 लाख से 10 लाख तक की आय पर 20 फीसदी की दर से कर।
  • 10 लाख से 12.5 लाख तक की आय पर 30 फीसदी की दर से कर।
  • 12.5 लाख से 15 लाख तक की आय पर 30 फीसदी की दर से कर। 
  • 15 लाख के ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से कर। 

नई कर व्यवस्था

  • 2.5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
  • 2.5 लाख से पांच लाख तक की आय पर पांच फीसदी की दर से कर।
  • पांच लाख से 7.5 लाख तक की आय पर 10 फीसदी की दर से कर।
  • 7.5 लाख से 10 लाख तक की आय पर 15 फीसदी की दर से कर।
  • 10 लाख से 12.5 लाख तक की आय पर 20 फीसदी की दर से कर।
  • 12.5 लाख से 15 लाख तक की आय पर 25 फीसदी की दर से कर। 
  • 15 लाख के ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से कर। 

2020-21 से पुरानी और नई कर व्यवस्था में किसी एक को चुनने का विकल्प है। पुरानी व्यवस्था में आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी, एचआरए समेत कई छूट मिलती हैं। नई व्यवस्था में छूट नहीं मिलेगी। इसमें सिर्फ 80 सीसीडी (2) यानी नियोक्ता के योगदान पर छूट का लाभ ले सकते हैं। हालांकि, नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं।

नए टैक्स स्लैब में सिर्फ 30 रियायतें

नए टैक्स स्लैब के साथ आयकर अधिनियम 80सी, 80सीसीडी सहित अन्य प्रावधानों के तहत मिलने वाली 70 रियायतों को खत्म कर दिया गया है। इसके तहत करदाताओं को सिर्फ 30 रियायतें मिलेंगी। 

सालाना 15 लाख आय वालों का उदाहरण

बजट 2020 की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने सालाना 15 लाख आय वालों का उदाहरण देते हुए बताया था कि उनको दोनों विकल्प के तहत कितना कर देना होगा। उन्होंने कहा था, इस आयवर्ग वालों को पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से 2.73 लाख रुपये टैक्स देना पड़ेगा, लेकिन अगर वे नया विकल्प अपनाते हैं, तो उन्हें 1.95 लाख रुपये देने होंगे। यानी, करदाता का भार 78 हजार रुपये कम हो जाएगा।

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