न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 28 Apr 2021 07:33 AM IST
बड़े आकार वाले बैंकों और शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को कम से कम दो ऑडिटर नियुक्त करने होंगे। रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि दोनों ऑडिटर्स में कोई संबंध नहीं होना चाहिए और हर साल नियुक्ति या पुनर्नियुक्ति से पहले आरबीआई की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
रिजर्व बैंक ने कहा, 15 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति वाले वित्तीय संस्थानों को कम से कम दो ऑडिट फर्म की संयुक्त टीम से सांविधिक लेखा परीक्षण का काम कराना होगा। जिन बैंकों की बैलेंस शीट 15 हजार करोड़ से कम है वो एक ऑडिटर्ससे ही लेखा परीक्षा का काम पूरा करा सकते हैं।
हालांकि, दोनों ही परिस्थितियों में बैंक के साथ पहले से जुड़े समवर्ती लेखा परीक्षक को सांविधिक लेखा परीक्षक नहीं बनाया जा सकता। इसके अलावा संबंधित से ऑडिटर्स की संख्या निर्धारित कर सकते हैं जो उनके आकार, जोखिम, लेनदेन की विविधता और संपत्ति के प्रसार पर निर्भर होगी।
बैंकों के आकार के साथ बढ़ती जाएगी ऑडिटर्स संख्या
- 5 लाख करोड़ चार ऑडिटर्स
- 20 लाख करोड़ तक आठ ऑडिटर्स
- 5 से 10 लाख करोड़ छह ऑडिटर्स
- 20 लाख करोड़ से ज्यादा 12 ऑडिटर्स
लगातार तीन साल के लिए ही नियुक्ति
आरबीआई ने कहा, ऑडिटर्स की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए किसी वित्तीय संस्थान में लगातार तीन साल तक नियुक्ति की जा सकेगी। अगर इस बीच किसी ऑडिटर्स को हटाया जाता है तो बैंक को अगला कदम उठाने के लिए रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होगी।
विस्तार
बड़े आकार वाले बैंकों और शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को कम से कम दो ऑडिटर नियुक्त करने होंगे। रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि दोनों ऑडिटर्स में कोई संबंध नहीं होना चाहिए और हर साल नियुक्ति या पुनर्नियुक्ति से पहले आरबीआई की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
रिजर्व बैंक ने कहा, 15 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति वाले वित्तीय संस्थानों को कम से कम दो ऑडिट फर्म की संयुक्त टीम से सांविधिक लेखा परीक्षण का काम कराना होगा। जिन बैंकों की बैलेंस शीट 15 हजार करोड़ से कम है वो एक ऑडिटर्ससे ही लेखा परीक्षा का काम पूरा करा सकते हैं।
हालांकि, दोनों ही परिस्थितियों में बैंक के साथ पहले से जुड़े समवर्ती लेखा परीक्षक को सांविधिक लेखा परीक्षक नहीं बनाया जा सकता। इसके अलावा संबंधित से ऑडिटर्स की संख्या निर्धारित कर सकते हैं जो उनके आकार, जोखिम, लेनदेन की विविधता और संपत्ति के प्रसार पर निर्भर होगी।
बैंकों के आकार के साथ बढ़ती जाएगी ऑडिटर्स संख्या
- 5 लाख करोड़ चार ऑडिटर्स
- 20 लाख करोड़ तक आठ ऑडिटर्स
- 5 से 10 लाख करोड़ छह ऑडिटर्स
- 20 लाख करोड़ से ज्यादा 12 ऑडिटर्स
लगातार तीन साल के लिए ही नियुक्ति
आरबीआई ने कहा, ऑडिटर्स की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए किसी वित्तीय संस्थान में लगातार तीन साल तक नियुक्ति की जा सकेगी। अगर इस बीच किसी ऑडिटर्स को हटाया जाता है तो बैंक को अगला कदम उठाने के लिए रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होगी।
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