बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: योगेश साहू
Updated Wed, 01 Dec 2021 03:26 AM IST
सार
2021-22 में अप्रैल से अक्तूबर तक बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 15.1 फीसदी रही, जो पिछले साल की समान अवधि में शून्य से 12.6 फीसदी नीचे थी। इस साल कच्चे तेल को छोड़कर सभी उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था
– फोटो : पीटीआई
कोयला, क्रूड, सीमेंट सहित आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अक्तूबर में बढ़कर 7.5 फीसदी पहुंच गई। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सितंबर में बुनियादी उद्योगों की विकास दर 4.5 फीसदी थी, जबकि पिछले साल अक्तूबर में 0.5 फीसदी गिरावट रही थी।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले आठ बुनियादी उद्योगों में आई तेजी कारोबारी गतिविधियों में सुधार का स्पष्ट संकेत है। अक्तूबर में बुनियादी उद्योगों का सूचकांक 136.2 रहा, जो पिछले साल की समान अवधि से 7.5 फीसदी ज्यादा है। 2021-22 में अप्रैल से अक्तूबर तक बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 15.1 फीसदी रही, जो पिछले साल की समान अवधि में शून्य से 12.6 फीसदी नीचे थी। इस साल कच्चे तेल को छोड़कर सभी उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि हुई है।
किस उद्योग में कितना उछाल
प्राकृतिक गैस |
25.8 फीसदी |
कोयला |
14.6 फीसदी |
पेट्रोलियम उत्पाद |
14.4 फीसदी |
सीमेंट |
14.5 फीसदी |
बिजली |
2.8 फीसदी |
उर्वरक |
0.04 फीसदी |
इस्पात |
0.9 फीसदी |
कच्चा तेल |
2.2 फीसदी (गिरावट) |
राजस्व वसूली बढ़ने से सरकार के घाटे में कमी
जीएसटी और प्रत्यक्ष कर वसूली बढ़ने से अक्तूबर में राजकोषीय घाटे का दबाव कम हुआ है। लेखा महानियंत्रक ने मंगलवार को बताया कि अक्तूबर तक राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 36.3 फीसदी रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 119.7 फीसदी पहुंच गया था। यह सुधार सरकार के खर्च और राजस्व की खाई कम होने से आया है। फरवरी में पेश बजट में 15.06 लाख करोड़ के राजकोषीय घाटे का अनुमान था, जो अक्तूबर में 5,47,026 करोड़ रुपये पहुंच गया है। 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.3 फीसदी रहा था।
विस्तार
कोयला, क्रूड, सीमेंट सहित आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अक्तूबर में बढ़कर 7.5 फीसदी पहुंच गई। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सितंबर में बुनियादी उद्योगों की विकास दर 4.5 फीसदी थी, जबकि पिछले साल अक्तूबर में 0.5 फीसदी गिरावट रही थी।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले आठ बुनियादी उद्योगों में आई तेजी कारोबारी गतिविधियों में सुधार का स्पष्ट संकेत है। अक्तूबर में बुनियादी उद्योगों का सूचकांक 136.2 रहा, जो पिछले साल की समान अवधि से 7.5 फीसदी ज्यादा है। 2021-22 में अप्रैल से अक्तूबर तक बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 15.1 फीसदी रही, जो पिछले साल की समान अवधि में शून्य से 12.6 फीसदी नीचे थी। इस साल कच्चे तेल को छोड़कर सभी उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि हुई है।
किस उद्योग में कितना उछाल
प्राकृतिक गैस |
25.8 फीसदी |
कोयला |
14.6 फीसदी |
पेट्रोलियम उत्पाद |
14.4 फीसदी |
सीमेंट |
14.5 फीसदी |
बिजली |
2.8 फीसदी |
उर्वरक |
0.04 फीसदी |
इस्पात |
0.9 फीसदी |
कच्चा तेल |
2.2 फीसदी (गिरावट) |
राजस्व वसूली बढ़ने से सरकार के घाटे में कमी
जीएसटी और प्रत्यक्ष कर वसूली बढ़ने से अक्तूबर में राजकोषीय घाटे का दबाव कम हुआ है। लेखा महानियंत्रक ने मंगलवार को बताया कि अक्तूबर तक राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 36.3 फीसदी रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 119.7 फीसदी पहुंच गया था। यह सुधार सरकार के खर्च और राजस्व की खाई कम होने से आया है। फरवरी में पेश बजट में 15.06 लाख करोड़ के राजकोषीय घाटे का अनुमान था, जो अक्तूबर में 5,47,026 करोड़ रुपये पहुंच गया है। 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.3 फीसदी रहा था।
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