पं जयगोविंद शास्त्री, ज्योतिषाचार्य, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Sun, 23 May 2021 10:51 AM IST
मृत्यु लोक के दंडाधिकारी शनिदेव 23 मई की दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर मकर राशि में ही गोचर करते हुए वक्री हो रहे हैं। इसी अवस्था में भ्रमण करते हुए ये 11 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 43 मिनट पर मार्गी होंगे। मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि तुला राशि में उच्चराशिगत तथा मेष राशि में नीचराशिगत संज्ञक माने गए हैं। अपनी ही राशि में इनके वक्री होने का अन्य राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।