न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Wed, 24 Nov 2021 02:45 PM IST
सार
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद में फेडरल बोर्ड ऑफ रिवेन्यू के एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि सरकार के पास पैसे की कमी है।
इमरान खान (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन गई अर्थव्यवस्था
इमरान खान ने कहा कि सरकार पर विदेशी कर्ज तेजी से बढ़ रहा है और टैक्स से प्राप्त होने वाला राजस्व घटता चला जा रहा है। ऐसे में यह कहीं न कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मुद्दा बन चुका है। पाक पीएम ने कहा कि सरकार के पास कल्याणकारी योजनाएं चलाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं बचे हैं।
टैक्स देने से बचते हैं लोग
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत खेद की बात है कि हमारे मुल्क के लोग टैक्स देने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि उनका पैसा उन पर खर्च नहीं किया जा रहा है। यह औपनिवेशिक काल की विरासत है। उन्होंने पाकिस्तान के मौजूदा हालातों का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ते हुए कहा कि 2009 से 2018 तक की दो सरकारों ने स्थानीय संसाधन विकसित नहीं किए और लोन का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि टैक्स के सहारे ही देश कर्ज और लोन के दुष्चक्र से बाहर निकल पाएगा।
ब्रिटेन से सीखें पाक के राजनेता
इमरान खान ने कहा कि ब्रिटेन के मंत्रियों की आय आज पाकिस्तान के मंत्रियों के मुकाबले 50 गुना अधिक है। इसके बावजूद जब वे कहीं विदेश यात्रा करते हैं तो इकोनॉमी क्लास में जाते हैं, ब्रिटेन दूतावास में रुकते हैं। ऐसा इसलिए है कि उन्हें पता है कि वह जतना का पैसा इस्तेमाल कर रहे हैं। वह अपने देश का पैसा बचाने के लिए ऐसा करते हैं।