बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली 
                                  Published by: योगेश साहू
                                  Updated Fri, 26 Nov 2021 03:22 AM IST
सार
आईबीसी के तहत पांच साल में 1.82 लाख करोड़ वसूली हुई है, जबकि 80 फीसदी से ज्यादा हेयरकट होने की वजह से वसूली पर असर पड़ता है।
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विस्तार
सूत्रों के अनुसार, वित्तीय मामलों की संसदीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर आईबीसी का संशोधित बिल तैयार किया जाएगा। इसमें प्रक्रिया में लगने वाले समय को घटाने और हेयरकट का अनुपात कम करने पर जोर रहेगा।
कर्ज में डूबी कंपनियों के तेजी से निपटाने के लिए भी कानून में कुछ बदलाव किया जाएगा। साथ ही विदेशी संपत्तियों को जब्त करने के लिए सरकार क्रॉस बॉर्डर इंसॉल्वेंसी फ्रेमवर्क बनाने पर जोर दे रही है। यह ढांचा भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने मेें काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अभी समाधान के लिए 180 दिन निर्धारित
                                    
                                    कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अभी 180 दिन निर्धारित हैं, लेकिन हकीकत में ऐसे मामले निपटाने में एक साल से अधिक लग जाता है। समिति ने समाधान के इस समय को और घटाने की सिफारिश की है। 2016 में कानून लागू होने के बाद से अब तक कुल 4,541 मामलों का निपटारा हुआ है।
इसमें शामिल 13.94 लाख करोड़ में से महज 1.82 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में 80 फीसदी से ज्यादा हेयरकट पर चिंता जताई है और कई मामलों में संपत्तियों के मूल्य आंकलन पर भी सवाल उठाए हैं। 
दिवालिया कानून से बदला कर्जदारों का रवैया : गोयल
                                    
                                    वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कॉरपोरेट जगत से कर्ज की वसूली में आईबीसी ने बड़ी भूमिका निभाई है और कानून लागू होने के बाद बैंकों और कर्ज लेने वालों के रवैये में बड़ा बदलाव आया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल्स के पांचवें स्थापना दिवस पर गोयल ने कहा कि पहले कॉरपोरेट समाधान प्रक्रिया में दशकों लग जाते थे।
आईबीसी ने यह सुनिश्चित किया कि फंसे कर्ज की वसूली तय समय में करनी होगी। कर्ज को लेकर मानसिकता में आ रहे बदलाव का लाभ पूरी अर्थव्यवस्था को मिलेगा। साथ ही कॉरपोरेट जगत को लेकर बैंकों का भरोसा भी बढ़ेगा।
                                    
                                  
                          
                          
                          
                          
                        
 