एजेंसी, वॉशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 21 Nov 2021 01:52 AM IST
सार
यदि बाइडन प्रशासन रिपब्लिकन सांसदों के दबाव को मान्यता देता है तो पूरे क्षेत्र में पूर्ण संघर्ष के हालात बन जाएंगे। इससे यूक्रेन को और ज्यादा नुकसान होगा और यूरोप में ऊर्जा संकट पैदा हो जाएगा। जबकि कमजोर प्रतिक्रिया देने पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ और भी आक्रामक कदम उठाने का साहस मिल जाएगा।
यूक्रेन के पास रूसी बलों की बढ़ती तैनाती के कारण अमेरिकी बाइडन प्रशासन एक ऐसी पेचीदा स्थिति में फंस गया है, जहां वह ये तय नहीं पा रहा है कि अमेरिका रूस को रोकने के लिए किस तरह की प्रतिक्रिया करे। रिपब्लिकन पार्टी के अमेरिकी सांसदों का दबाव है कि हमें यूक्रेन को सैन्य मदद बढ़ाना चाहिए जबकि यदि अमेरिका ने कमजोर प्रतिक्रिया दी तो उसके लिए आगे खतरा पैदा होगा।
यदि बाइडन प्रशासन रिपब्लिकन सांसदों के दबाव को मान्यता देता है तो पूरे क्षेत्र में पूर्ण संघर्ष के हालात बन जाएंगे। इससे यूक्रेन को और ज्यादा नुकसान होगा और यूरोप में ऊर्जा संकट पैदा हो जाएगा। जबकि कमजोर प्रतिक्रिया देने पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ और भी आक्रामक कदम उठाने का साहस मिल जाएगा। इसके बाद रूस निश्चित ही यूक्रेन के अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर सकता है।
यह कदम राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए एक बड़ा राजनीतिक नुकसान कर सकता है। इन हालात में बाइडन प्रशासन के लिए सबसे बेहतर दोनों स्थितियों में संतुलन बैठाने को माना जा रहा है। जबकि दूसरी तरफ, अमेरिकी सीनेट के विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष बॉब मेनेंडेज से यूक्रेन विरोधी उकसावे वाले कदमों के खिलाफ रूस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
मिन्स्क समझौते के तहत यूक्रेन को समझाए अमेरिका : रूस
रूस ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन से संघर्ष टालने के लिए अमेरिका मिन्स्क समझौतों के दायित्व पूरे करेगा। अमेरिका में रूसी दूतावास ने फेसबुक पेज पर लिखा, हम मिन्स्क समझौते के मुताबिक डोनबास में संघर्ष को सुलझाने की कोशिशों का समर्थन करते हैं। हमें आशा है कि अमेरिका इस संबंध में यूक्रेन को समझाएगा। व्हाइट हाउस प्रवक्ता जेन साकी ने भी इस संबंध में मिन्स्क समझौते को उचित ठहराया था।
विस्तार
यूक्रेन के पास रूसी बलों की बढ़ती तैनाती के कारण अमेरिकी बाइडन प्रशासन एक ऐसी पेचीदा स्थिति में फंस गया है, जहां वह ये तय नहीं पा रहा है कि अमेरिका रूस को रोकने के लिए किस तरह की प्रतिक्रिया करे। रिपब्लिकन पार्टी के अमेरिकी सांसदों का दबाव है कि हमें यूक्रेन को सैन्य मदद बढ़ाना चाहिए जबकि यदि अमेरिका ने कमजोर प्रतिक्रिया दी तो उसके लिए आगे खतरा पैदा होगा।
यदि बाइडन प्रशासन रिपब्लिकन सांसदों के दबाव को मान्यता देता है तो पूरे क्षेत्र में पूर्ण संघर्ष के हालात बन जाएंगे। इससे यूक्रेन को और ज्यादा नुकसान होगा और यूरोप में ऊर्जा संकट पैदा हो जाएगा। जबकि कमजोर प्रतिक्रिया देने पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ और भी आक्रामक कदम उठाने का साहस मिल जाएगा। इसके बाद रूस निश्चित ही यूक्रेन के अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर सकता है।
यह कदम राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए एक बड़ा राजनीतिक नुकसान कर सकता है। इन हालात में बाइडन प्रशासन के लिए सबसे बेहतर दोनों स्थितियों में संतुलन बैठाने को माना जा रहा है। जबकि दूसरी तरफ, अमेरिकी सीनेट के विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष बॉब मेनेंडेज से यूक्रेन विरोधी उकसावे वाले कदमों के खिलाफ रूस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
मिन्स्क समझौते के तहत यूक्रेन को समझाए अमेरिका : रूस
रूस ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन से संघर्ष टालने के लिए अमेरिका मिन्स्क समझौतों के दायित्व पूरे करेगा। अमेरिका में रूसी दूतावास ने फेसबुक पेज पर लिखा, हम मिन्स्क समझौते के मुताबिक डोनबास में संघर्ष को सुलझाने की कोशिशों का समर्थन करते हैं। हमें आशा है कि अमेरिका इस संबंध में यूक्रेन को समझाएगा। व्हाइट हाउस प्रवक्ता जेन साकी ने भी इस संबंध में मिन्स्क समझौते को उचित ठहराया था।
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