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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय: भारत ने अफगानिस्तान में प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर निभाई रचनात्मक भूमिका

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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने कहा है कि भारत ने अफगानिस्तान में प्रशिक्षण और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर हमेशा से रचनात्मक भूमिका निभाई है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने अफगानिस्तान पर भारत-अमेरिकी सहयोग के बारे में पूछने पर कहा, युद्धग्रस्त देश में स्थिरता तथा सुशासन के लिए इस तरह के काम और इस तरह की कोशिशों का हमेशा स्वागत योग्य है।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा, तालिबान को पाकिस्तानी मदद पर चर्चा जारी
किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच, सीमा पर मौजूद सुरक्षित पनाहगाहों से मिल रही मदद के बारे में पाक नेतृत्व से वार्ता जारी रखी है। उन्होंने कहा, हम इस बात पर सचेत हैं कि वे सुरक्षित पनाहगाहें अफगानिस्तान में और अधिक असुरक्षा तथा अस्थिरता पैदा कर रही हैं। हम पाकिस्तानी नेताओं के साथ इस पर चर्चा को लेकर हिचकिचाते नहीं हैं।

हमारा ध्यान इस ओर भी है कि इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों का शिकार पाकिस्तान और वहां के लोग भी हो रहे हैं। इसलिए, हम इस बात पर सहमत हैं कि तालिबान या अन्य आतंकी नेटवर्क को सुरक्षित पनाहगाहों का इस्तेमाल ना करने दिया जाए और इन्हें बंद किया जाए। इस बारे में हम पाकिस्तान से लगातार बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर चिंतित हैं।

पाक की सुरक्षित पनाहगाहें अफगानिस्तान में आतंकियों के लिए मददगार हैं : पेंटागन 
अमेरिका एक तरफ अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को रचनात्मक मानता है वहीं पाकिस्तानी नेताओं से पाक-अफगान सीमा पर सुरक्षित पनाहगाहों को बंद करने की जरूरत पर वार्ता कर रहा है। पेंटागन ने कहा कि रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इस बारे में पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से फोन पर बात की है।

पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि पाक की सुरक्षित पनाहगाहें अफगानिस्तान में आतंकियों की मदद कर रही हैं। इस बारे में पाक नेतृत्व से चर्चा जारी है। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने अतीत में तालिबान को पाक में घुसने की मंजूरी देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है। 

अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से अफगानिस्तान के हालात, क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों और द्विपक्षीय रिश्तों पर चर्चा की। पेंटागन के मुताबिक, इस दौरान दोनों देशों के रिश्तों में सुधार और क्षेत्र में साझा हितों का निर्माण करने में रुचि जताई गई। खासतौर पर अफगानिस्तान के हालात पर लॉयड ऑस्टिन ने चिंता जताई। 

हवाई हमले तेज करने के अमेरिकी संकेत नहीं
अमेरिका ने अफगानिस्तान में हवाई हमले तेज करने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। पेंटागन के एक प्रवक्ता ने जोर दिया कि जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो यह नेतृत्व के लिए झुकने जैसा है। अब यह उनका देश है, जिसका उन्हें ख्याल रखना है। यह उनका संघर्ष है। अमेरिका की खुद को संघर्ष से और दूर करने वाली टिप्पणियां तब आईं हैं जब तालिबान ने सोमवार को अफगानिस्तान की दो और प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया। अमेरिकी ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने सोमवार को अपने शीर्ष मध्य पूर्व कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेंजी से बात की, लेकिन अफगानों की रक्षा में कोई नई सिफारिश नहीं दी।

महिलाओं के अस्तित्व पर गंभीर खतरा : यूएन
विश्व निकाय के मानवीय संस्था प्रमुख ने अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात पर चिंता जाहिर करते हुए संघर्ष विराम का आग्रह किया है। ‘मानवीय मामलों तथा आपातकालीन सहायता समन्वयक’ के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि अफगान बच्चे, महिलाएं और पुरुष मुश्किल में हैं और उन्हें हिंसा, असुरक्षा तथा डर के माहौल में हर दिन जीना पड़ रहा है। महिलाओं के अस्तित्व पर गंभीर खतरा है।

सैंडविच बना पाकिस्तान : कुरैशी
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का मानना है कि अफगानिस्तान की नाकामी सिर्फ पाकिस्तान की नहीं बल्कि सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। कोई भी देश इससे मुंह नहीं मोड़ सकता है। कुरैशी ने कहा, कुछ ऐसे तत्व हैं जो अफगानिस्तान में शांति नहीं चाहते हैं। ऐसे तत्व पाक की छवि खराब करने की कोशिश कर कर रहे हैं और इन हालात में पाक किसी सैंडविच की तरह फंसा हुआ है।

विस्तार

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने कहा है कि भारत ने अफगानिस्तान में प्रशिक्षण और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर हमेशा से रचनात्मक भूमिका निभाई है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने अफगानिस्तान पर भारत-अमेरिकी सहयोग के बारे में पूछने पर कहा, युद्धग्रस्त देश में स्थिरता तथा सुशासन के लिए इस तरह के काम और इस तरह की कोशिशों का हमेशा स्वागत योग्य है।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा, तालिबान को पाकिस्तानी मदद पर चर्चा जारी

किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच, सीमा पर मौजूद सुरक्षित पनाहगाहों से मिल रही मदद के बारे में पाक नेतृत्व से वार्ता जारी रखी है। उन्होंने कहा, हम इस बात पर सचेत हैं कि वे सुरक्षित पनाहगाहें अफगानिस्तान में और अधिक असुरक्षा तथा अस्थिरता पैदा कर रही हैं। हम पाकिस्तानी नेताओं के साथ इस पर चर्चा को लेकर हिचकिचाते नहीं हैं।

हमारा ध्यान इस ओर भी है कि इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों का शिकार पाकिस्तान और वहां के लोग भी हो रहे हैं। इसलिए, हम इस बात पर सहमत हैं कि तालिबान या अन्य आतंकी नेटवर्क को सुरक्षित पनाहगाहों का इस्तेमाल ना करने दिया जाए और इन्हें बंद किया जाए। इस बारे में हम पाकिस्तान से लगातार बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर चिंतित हैं।

पाक की सुरक्षित पनाहगाहें अफगानिस्तान में आतंकियों के लिए मददगार हैं : पेंटागन 

अमेरिका एक तरफ अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को रचनात्मक मानता है वहीं पाकिस्तानी नेताओं से पाक-अफगान सीमा पर सुरक्षित पनाहगाहों को बंद करने की जरूरत पर वार्ता कर रहा है। पेंटागन ने कहा कि रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इस बारे में पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से फोन पर बात की है।

पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि पाक की सुरक्षित पनाहगाहें अफगानिस्तान में आतंकियों की मदद कर रही हैं। इस बारे में पाक नेतृत्व से चर्चा जारी है। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने अतीत में तालिबान को पाक में घुसने की मंजूरी देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है। 


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