एजेंसी, दुबई
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 12 Sep 2021 01:29 AM IST
सार
खाड़ी अरब देशों में ईरान से खतरे को लेकर भावी अमेरिकी योजनाओं पर चिंता है, क्योंकि अमेरिका की सेना एशिया में बढ़ते सैन्य खतरे को मानती हैं और उसके लिए उसे मिसाइल रक्षा प्रणाली की जरूरत है।
अमेरिका ने हाल के सप्ताहों में सऊदी अरब से अति आधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली और पैट्रियट बैटरी को हटा लिया। यह जानकारी उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों के विश्लेषण के आधार पर मिली है। अमेरिका की यह कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है जब सऊदी अरब लगातार यमन के हूथी विद्रोहियों से हवाई हमले का सामना कर रहा है।
रियाद से बाहर प्रिंस सुल्तान एयर बेस से सुरक्षा प्रणाली को हटाने की यह कार्रवाई ऐसे समय पर देखी जा रही है जब अमेरिका के खाड़ी अरब सहयोगियों ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की अफरा-तफरी वाले माहौल में वापसी देखी है। उधर ईरान का मुकाबला करने के लिए अरब प्रायद्वीप में हजारों अमेरिकी सैनिक बने हुए हैं।
ऐसे में खाड़ी अरब देशों को भावी अमेरिकी योजनाओं को लेकर चिंता है क्योंकि अमेरिका की सेना एशिया में बढ़ते सैन्य खतरे को मानती हैं और उसके लिए उसे मिसाइल रक्षा प्रणाली की जरूरत है। वहीं विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते के खत्म होने के बाद इसको लेकर वियना में हो रही बातचीत भी अटक गई है, जिससे क्षेत्र में आगे संघर्ष के खतरे बढ़ गए हैं। विशेषज्ञ क्रिस्टन उलरिसेन ने कहा, क्षेत्र में आम धारणा है कि अमेरिका अब यहां उतना प्रतिबद्ध नहीं है जितना वह हुआ करता था।
उपग्रह तस्वीरों में सामने आया सच
अगस्त के अंतिम समय में उपग्रह से ली गई तस्वीर बताती है कि क्षेत्र से कुछ बैटरी हटाई गई हैं। हालांकि गतिविधि और वाहन वहां देखे गए। वहीं शुक्रवार को प्लेनेट लैब उपग्रह की तस्वीर में यह दिखा कि इस स्थल पर बैटरी पैड भी खाली हैं और किसी तरह की गतिविधि भी नहीं है। रक्षा प्रणाली को ऐसे समय में हटाया गया है जब हाल में सऊदी अरब पर हूथी के ड्रोन हमले में आठ लोग जख्मी हो गए। सऊदी अरब मार्च, 2015 से ही हूथी विद्रोहियों के खिलाफ जंग छेड़े हुए है। आईएसआई प्रमुख ने अफगानिस्तान को लेकर क्षेत्रीय देशों के खुफिया प्रमुखों के साथ सुरक्षा बैठक की
विस्तार
अमेरिका ने हाल के सप्ताहों में सऊदी अरब से अति आधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली और पैट्रियट बैटरी को हटा लिया। यह जानकारी उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों के विश्लेषण के आधार पर मिली है। अमेरिका की यह कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है जब सऊदी अरब लगातार यमन के हूथी विद्रोहियों से हवाई हमले का सामना कर रहा है।
रियाद से बाहर प्रिंस सुल्तान एयर बेस से सुरक्षा प्रणाली को हटाने की यह कार्रवाई ऐसे समय पर देखी जा रही है जब अमेरिका के खाड़ी अरब सहयोगियों ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की अफरा-तफरी वाले माहौल में वापसी देखी है। उधर ईरान का मुकाबला करने के लिए अरब प्रायद्वीप में हजारों अमेरिकी सैनिक बने हुए हैं।
ऐसे में खाड़ी अरब देशों को भावी अमेरिकी योजनाओं को लेकर चिंता है क्योंकि अमेरिका की सेना एशिया में बढ़ते सैन्य खतरे को मानती हैं और उसके लिए उसे मिसाइल रक्षा प्रणाली की जरूरत है। वहीं विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते के खत्म होने के बाद इसको लेकर वियना में हो रही बातचीत भी अटक गई है, जिससे क्षेत्र में आगे संघर्ष के खतरे बढ़ गए हैं। विशेषज्ञ क्रिस्टन उलरिसेन ने कहा, क्षेत्र में आम धारणा है कि अमेरिका अब यहां उतना प्रतिबद्ध नहीं है जितना वह हुआ करता था।
उपग्रह तस्वीरों में सामने आया सच
अगस्त के अंतिम समय में उपग्रह से ली गई तस्वीर बताती है कि क्षेत्र से कुछ बैटरी हटाई गई हैं। हालांकि गतिविधि और वाहन वहां देखे गए। वहीं शुक्रवार को प्लेनेट लैब उपग्रह की तस्वीर में यह दिखा कि इस स्थल पर बैटरी पैड भी खाली हैं और किसी तरह की गतिविधि भी नहीं है। रक्षा प्रणाली को ऐसे समय में हटाया गया है जब हाल में सऊदी अरब पर हूथी के ड्रोन हमले में आठ लोग जख्मी हो गए। सऊदी अरब मार्च, 2015 से ही हूथी विद्रोहियों के खिलाफ जंग छेड़े हुए है। आईएसआई प्रमुख ने अफगानिस्तान को लेकर क्षेत्रीय देशों के खुफिया प्रमुखों के साथ सुरक्षा बैठक की
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