टेक डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Sat, 18 Dec 2021 03:33 PM IST
एशिया के साथ बढ़ते इंटरनेट ट्रैफिक को देखते हुए बाइडन प्रशासन ने शुक्रवार को गूगल और फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा को समुद्र के अंदर डाटा केबल सिस्टम का उपयोग करने की अनुमति देने की सिफारिश की। बाइडन प्रशासन ने फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन (एफसीसी) से आग्रह किया किया कि कंपनियों को मौजूदा 8000 मील पैसिफिक लाइट केबल नेटवर्क पर डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिए लाइसेंस दिया जाए। बता दें कि पानी के नीचे फाइबर-ऑप्टिक केबल सिस्टम संयुक्त राज्य अमेरिका, ताइवान, फिलीपींस और हांगकांग को जोड़ता है।
दरअसल, मेटा ने फिलीपींस से अमेरिका तक जबकि गूगल ने ताइवान के हिस्से को जोड़ने की अनुमति मांगी थी। कंपनियों का कहना है कि वे अमेरिकियों के डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, खासकर चीन के खुफिया कार्यों के खिलाफ। वहीं, इस संबंध में अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि व्यक्तिगत डाटा हासिल करने के निरंतर प्रयासों को देखते हुए गूगल और मेटा के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा समझौतों की आवश्यकता थी। अनुबंधों के तहत गूगल और मेटा को संवेदनशील डाटा के जोखिम का वार्षिक मूल्यांकन करना होगा और उन्हें 24 घंटों के भीतर केबलों पर डेटा ट्रैफिक को प्रतिबंधित या बंद करने में सक्षम होना होगा।
गूगल ने पिछले साल कहा था कि उसे ताइवान और संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने डाटा केंद्रों के बीच बढ़ते ट्रैफिक को संभालने के लिए डाटा कनेक्शन की आवश्यकता है। मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा कि केबल सिस्टम इंटरनेट क्षमता बढ़ाता है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका और फिलीपींस के बीच लोगों को जुड़े रहने और सामग्री साझा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि केबल सुरक्षित हैं और डाटा उन्नत एन्क्रिप्शन के माध्यम से सुरक्षित है। बता दें कि समुद्र के अंदर करीब 300 केबल हैं, इंटरनेट की रीढ़ हैं जो दुनिया के 99 फीसदी डेटा ट्रैफिक को वहन करता है।
एशिया के साथ बढ़ते इंटरनेट ट्रैफिक को देखते हुए बाइडन प्रशासन ने शुक्रवार को गूगल और फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा को समुद्र के अंदर डाटा केबल सिस्टम का उपयोग करने की अनुमति देने की सिफारिश की। बाइडन प्रशासन ने फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन (एफसीसी) से आग्रह किया किया कि कंपनियों को मौजूदा 8000 मील पैसिफिक लाइट केबल नेटवर्क पर डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिए लाइसेंस दिया जाए। बता दें कि पानी के नीचे फाइबर-ऑप्टिक केबल सिस्टम संयुक्त राज्य अमेरिका, ताइवान, फिलीपींस और हांगकांग को जोड़ता है।
दरअसल, मेटा ने फिलीपींस से अमेरिका तक जबकि गूगल ने ताइवान के हिस्से को जोड़ने की अनुमति मांगी थी। कंपनियों का कहना है कि वे अमेरिकियों के डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, खासकर चीन के खुफिया कार्यों के खिलाफ। वहीं, इस संबंध में अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि व्यक्तिगत डाटा हासिल करने के निरंतर प्रयासों को देखते हुए गूगल और मेटा के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा समझौतों की आवश्यकता थी। अनुबंधों के तहत गूगल और मेटा को संवेदनशील डाटा के जोखिम का वार्षिक मूल्यांकन करना होगा और उन्हें 24 घंटों के भीतर केबलों पर डेटा ट्रैफिक को प्रतिबंधित या बंद करने में सक्षम होना होगा।
गूगल ने पिछले साल कहा था कि उसे ताइवान और संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने डाटा केंद्रों के बीच बढ़ते ट्रैफिक को संभालने के लिए डाटा कनेक्शन की आवश्यकता है। मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा कि केबल सिस्टम इंटरनेट क्षमता बढ़ाता है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका और फिलीपींस के बीच लोगों को जुड़े रहने और सामग्री साझा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि केबल सुरक्षित हैं और डाटा उन्नत एन्क्रिप्शन के माध्यम से सुरक्षित है। बता दें कि समुद्र के अंदर करीब 300 केबल हैं, इंटरनेट की रीढ़ हैं जो दुनिया के 99 फीसदी डेटा ट्रैफिक को वहन करता है।
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