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अमेरिका: पार्टी में खींचतान के बीच इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज पर झुकने को तैयार हुए जो बाइडन?

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 09 Oct 2021 06:27 PM IST

सार

सॉफ्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज नाम से जाने गए मौजूदा प्रस्ताव में बच्चों के पालन-पोषण के लिए परिवारों को मदद देने, हेल्थ केयर के तहत डेंचर, सुनने की मशीन, चश्मे आदि जैसी नई सेवाओं को शामिल करने, स्कूल और कॉलेज पर खर्च बढ़ाने जैसे प्रावधान और जलवायु परिवर्तन रोकने की योजनाएं शामिल हैं…

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी को सूचित किया है कि वे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज का आकार घटाने को तैयार हैं। अभी ये पैकेज 3.5 ट्रिलियन डॉलर का है। लेकिन इसको लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी में मतभेद और गहरे हो गए हैं। पार्टी के प्रोग्रेसिव और मध्यमार्गी धड़ों के बीच इस मुद्दे पर टकराव जारी है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के मध्यमार्गी सांसदों ने कहा है कि अगर वे मौजूदा पैकेज पर राजी हो जाएं, तब भी रिपब्लिकन पार्टी इसे सीनेट में नहीं पारित होने देगी। इसलिए इसमें कटौती कर एक व्यावहारिक प्रस्ताव तैयार करने की जरूरत है। लेकिन प्रोग्रेसिव खेमे का कहना है कि अमेरिका की जनता को बड़ी सहायता पहुंचाने का यह दुर्लभ मौका है, जिसे नहीं गंवाना चाहिए।

टीवी चैनल एनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक डेमोक्रेटिक सीनेटरों जो मेंचिन और क्रिस्टीन सिनेमा के अपने रुख पर अड़ जाने के बाद जो बाइडन को समझौतावादी रुख अपनाना पड़ा है। ये दोनों सीनेटर 3.5 ट्रिलियन के पैकेज को समर्थन देने को कतई राजी नहीं हैं। सॉफ्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज नाम से जाने गए मौजूदा प्रस्ताव में बच्चों के पालन-पोषण के लिए परिवारों को मदद देने, हेल्थ केयर के तहत डेंचर, सुनने की मशीन, चश्मे आदि जैसी नई सेवाओं को शामिल करने, स्कूल और कॉलेज पर खर्च बढ़ाने जैसे प्रावधान और जलवायु परिवर्तन रोकने की योजनाएं शामिल हैं।

अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की मध्यमार्गी सदस्य और 95 सदस्यीय न्यू डेमोक्रेट कोअलिशन की अध्यक्ष सुजैन डेलबेन ने कहा है कि आकार घटाकर ऐसी योजना बनाई जानी चाहिए, जिसे लंबे समय तक जारी रखा जा सके। लेकिन प्रोग्रेसिव गुट की नेता प्रमिला जयपाल ने कहा है कि अगर योजना में कटौती करनी ही पड़ी, तो उसके आकार में ऐसा नहीं किया जा सकता। बल्कि उसे जारी रखने की अवधि में कटौती की जाएगी।

राष्ट्रपति बाइडन ने अपने इस पैकेज को बिल्ड बेटर अमेरिका (यानी बेहतर अमेरिका का निर्माण) पैकेज कहा था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पार्टी के अंदर इस पर जारी खींचतान के बीच राष्ट्रपति अब अपनी महत्त्वाकांक्षा घटाने पर तैयार हो गए हैँ। उन्होंने पार्टी नेताओं को संकेत दिया है कि डेढ़ से दो ट्रिलियन डॉलर तक पैकेज सभी पक्षों को स्वीकार्य हो सकता है। एनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि सार्वजनिक रूप से प्रोग्रेसिव खेमा अभी भी पूरा पैकेज पारित कराने पर अडिग दिखता है, लेकिन उसके अंदर भी समझौते का रुख है। ऐसे संकेत हैं कि ये खेमा 2.5 ट्रिलियन डॉलर के प्रस्ताव पर सहमत हो जाएगा।

प्रोग्रेसिव धड़े के एक प्रमुख नेता और हाउस के सदस्य रो खन्ना ने कहा है कि इस पैकेज में शामिल योजनाएं लोकप्रिय हैं और उन्हें लागू करना डेमोक्रेटिक पार्टी के फायदे में होगा। लेकिन उन्होंने कहा- ‘हम पैकेज के जारी रहने की अवधि घटा सकते हैं। लेकिन हमें हर अमेरिकी बच्चे को प्री-स्कूल सुविधा, चाइल्ड केयर, परिवारों को सवैतनिक अवकाश, ग्रीन अर्थव्यवस्था में नई नौकरियां पैदा करने, बुजुर्गों को दांत, सुनने और देखने की सुविधा देने आदि पर कायम रहना चाहिए। इसके बावजूद अगर रिपब्लिकन पार्टी इसे पारित नहीं होने देती है, तो हमे भी इसे 2024 के चुनाव के बाद लागू करने का इरादा जताना चाहिए।’

विस्तार

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी को सूचित किया है कि वे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज का आकार घटाने को तैयार हैं। अभी ये पैकेज 3.5 ट्रिलियन डॉलर का है। लेकिन इसको लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी में मतभेद और गहरे हो गए हैं। पार्टी के प्रोग्रेसिव और मध्यमार्गी धड़ों के बीच इस मुद्दे पर टकराव जारी है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के मध्यमार्गी सांसदों ने कहा है कि अगर वे मौजूदा पैकेज पर राजी हो जाएं, तब भी रिपब्लिकन पार्टी इसे सीनेट में नहीं पारित होने देगी। इसलिए इसमें कटौती कर एक व्यावहारिक प्रस्ताव तैयार करने की जरूरत है। लेकिन प्रोग्रेसिव खेमे का कहना है कि अमेरिका की जनता को बड़ी सहायता पहुंचाने का यह दुर्लभ मौका है, जिसे नहीं गंवाना चाहिए।

टीवी चैनल एनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक डेमोक्रेटिक सीनेटरों जो मेंचिन और क्रिस्टीन सिनेमा के अपने रुख पर अड़ जाने के बाद जो बाइडन को समझौतावादी रुख अपनाना पड़ा है। ये दोनों सीनेटर 3.5 ट्रिलियन के पैकेज को समर्थन देने को कतई राजी नहीं हैं। सॉफ्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज नाम से जाने गए मौजूदा प्रस्ताव में बच्चों के पालन-पोषण के लिए परिवारों को मदद देने, हेल्थ केयर के तहत डेंचर, सुनने की मशीन, चश्मे आदि जैसी नई सेवाओं को शामिल करने, स्कूल और कॉलेज पर खर्च बढ़ाने जैसे प्रावधान और जलवायु परिवर्तन रोकने की योजनाएं शामिल हैं।

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