एजेंसी, वॉशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 21 Nov 2021 05:55 AM IST
सार
जॉनेथन कैंटर के विभाग को ही गूगल द्वारा ऑनलाइन विज्ञापनों के लाखों करोड़ रुपये के बाजार को अपने एकाधिकार से नियंत्रित करने के आरोपों की जांच सौंपी गई है।
ख़बर सुनें
विस्तार
जॉनेथन के विभाग को ही गूगल द्वारा ऑनलाइन विज्ञापनों के लाखों करोड़ रुपये के बाजार को अपने एकाधिकार से नियंत्रित करने के आरोपों की जांच सौंपी गई है। अपनी मांग के समर्थन में गूगल ने तर्क रखा कि जॉनेथन ने पूर्व में गूगल के खिलाफ कई मुकदमे लड़े हैं, इसलिए उन्हें गूगल के खिलाफ मुकदमे लड़ रही सरकारी एजेंसी का दायित्व नहीं सौंपना चाहिए। आशंका भी जताई कि वे निष्पक्ष होकर काम नहीं करेंगे।
अमेजन ने भी जताई थी आपत्ति
इससे पहले फेसबुक व अमेजन ने भी ऐसी ही वजहें बताते हुए केंद्रीय व्यापार आयोग में लीना खान और राष्ट्रीय आर्थिक परिषद में तकनीक व प्रतियोगिता नीति के लिए टिम वू की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी। इन सभी अधिकारियों की नियुक्ति को अमेरिका में तकनीकी कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगाने के सरकारी प्रयासों की शुरुआत माना जा रहा है।
एयरलाइन कंपनियों के समझौते से महंगी न हो यात्रा, सुनवाई करेगी अदालत
अमेरिका में दो एयरलाइन कंपनियों के बीच हुए समझौते के खिलाफ यहां के न्याय विभाग द्वारा दायर मुकदमे की सुनवाई का निर्णय अदालत ने लिया है। विभाग ने आशंका जताई है कि इस समझौते से खुली प्रतियोगिता खत्म होगी और एयरलाइंस का एकाधिकार स्थापित हो सकता है। इससे यात्रियों को महंगे टिकट खरीदने पड़ सकते हैं।
यह ‘नॉर्थ-ईस्ट समझौता’ पिछले वर्ष जुलाई में दुनिया की सबसे बड़ी यात्री विमान सेवा कंपनी अमेरिकन एयरलाइंस ग्रुप इंक और जेट ब्लू एयरवेज कॉर्प के बीच हुआ था। अमेरिका के बोस्टन में जिला जज लियो सोरोकिन ने न्याय विभाग द्वारा दायर याचिका पर विचार करने के बाद सुनवाई का निर्णय लिया। यह सुनवाई अगले वर्ष सितंबर में शुरू हो सकती है। अमेरिका के छह राज्यों ने भी इस समझौते पर आपत्ति जताई थी।