वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 29 Jan 2022 01:39 PM IST
सार
चीन के राजदूत ने कहा कि ताइवान पर उसका 70 सालों से स्वतंत्र शासन है। ताइवान द्वीप को बीजिंंग अपना प्रांत मानता है। ताइवान में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार है और वह स्वायत्त देश है।
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विस्तार
अमेरिका में पदस्थ चीन के राजदूत किन आंग ने शुक्रवार को अमेरिकी रेडियो स्टेशन एनपीआर से चर्चा में कहा, ‘ताइवान में अमेरिका द्वारा प्रोत्साहित किए जा रहे लोग स्वतंत्रता की मांग करते हुए सड़कों पर उतरते हैं। ऐसे में यह प्रबल संभावना है कि चीन और अमेरिका के बीच सैन्य संघर्ष छिड़ जाए।’
चीन के राजदूत ने कहा कि ताइवान की आजादी का ख्वाब देखने वालों को अमेरिका का समर्थन जारी रहा तो यह पक्की संभावना है कि दोनों महाशक्ति देशों के बीच सैन्य संग्राम छिड़ जाए। ताइवान पर चीन का 70 सालों से स्वतंत्र शासन है। ताइवान द्वीप को बीजिंंग अपना प्रांत मानता है। ताइवान में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार है और वह स्वायत्त देश है।
चीन के राजदूत का यह इंटरव्यूह अगले माह बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलिंपक के चंद दिनों पूर्व आया है। चीन द्वारा उइगर मुस्लिमों के नरसंहार के विरोध में अमेरिका ने इन खेलों के ‘राजनयिक बहिष्कार’ का फैसला किया है। वहीं चीन के दूत ने नरसंहार के आरोपों का खंडन किया है। चीन का कहना है कि ये आरोप झूठे व मनगढ़ंत हैं।
ताइवान को लेकर चीन के राजदूत ने कहा कि उसके दोनों किनारों पर बसे लोग चीनी हैं। आखिरी में हमें हमवतन से लड़ना पड़ सकता है, लेकिन हम शांतिपूर्वक एकीकरण के गंभीरतापूर्वक प्रयास करेंगे।
चीन के राजदूत की यह टिप्पणी बहुत अहम है, क्योंकि चीन ने ताइवान पर सैन्य कब्जे की संभावना से इनकार नहीं किया है। वह अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में भेज कर ताइवान की लोकतांत्रिक सरकार पर दबाव बढ़ाता जा रहा है। दूसरी ओर अमेरिका व अन्य पश्चिमी देश भी चीन की इन हरकतों का लगातार विरोध करते हुए अपनी तैयारियों में जुटे हैं।
