अमर उजाला रिसर्च डेस्क, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 03 Jan 2022 06:23 AM IST
सार
पृथ्वी से 418 किलोमीटर की ऊंचाई और करीब 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की परिक्रमा करते हुए अंतरिक्ष-यात्रियों ने साल का पहला दिन गुजारा।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र
– फोटो : अमर उजाला
एक दिन में लगातार 16 सूर्योदयों के शानदार दृश्य देखते हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) के अंतरिक्ष-यात्रियों ने नया साल मनाया। अमेरिका, यूरोपीय संघ और रूस की अंतरिक्ष एजेंसियों के इन यात्रियों ने सूर्योदयों की तस्वीरें लीं, इन्हें नए साल के तोहफ के तौर पर जारी किया। पृथ्वी से 418 किलोमीटर की ऊंचाई और करीब 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की परिक्रमा करते हुए उन्होंने साल का पहला दिन गुजारा।
पृथ्वी द्वारा सूर्य की नई परिक्रमा शुरू करने वाले इस दिन अंतरिक्ष में रहने वालों में भारतीय-अमेरिकी राजा चारी सहित नासा के टॉम मॉर्सबर्न, कायला बैरन, मार्क वंडे ही, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से माथिया मॉरर और रूसी एजेंसी रॉसकॉसमॉस से एंटोन श्काप्लेरोव और पीटर दुब्रोव शामिल थे। नव वर्ष से पूर्व आईएसएस पर मॉरर की मेजबानी में पारंपरिक सारलैंड डिनर भी हुआ। मॉरर मूलत: जर्मन हैं, सारलैंड यहां का एक प्रांत है। उन्होंने इसके टाइम लैप्स वीडियो अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर पोस्ट किए।
16 सूर्योदय देखना इसलिए हुआ संभव
मॉर्सबर्न ने बताया कि आईएसएस को पृथ्वी के एक कोने से दूसरे पर पहुंचने में कुछ मिनट लगते हैं। वे पृथ्वी के एक हिस्से में सूर्योदय देखने के बाद विपरीत दिशा में 28 हजार किमी की रफ्तार से बढ़े, जिससे सूर्योदय बार-बार नजर आए। सामान्य दिनों में भी वे कई बार सूर्योदय देखते हैं, लेकिन चारी के अनुसार, इस बार इसे देखना और यह सोचना कि हर सूर्योदय को देखते हुए लोग नए साल में जाग रहे होंगे, शानदार अनुभव था।
इतने पृथ्वीवासी नए साल के दिन अंतरिक्ष में थे
- यह पहली बार हुआ कि आईएसएस के अलावा भी दूसरे केंद्रो पर नव वर्ष पर मानव मौजूद रहे।
- चीन के शेनझो 13 मिशन के तीन सदस्य अपने नए बन रहे अंतरिक्ष स्टेशन तियांगोंग पर थे। इसके इसी साल पूरा होने की उम्मीद है।
- 12 क्रू सदस्य पुराने रूसी स्पेस स्टेशन मीर पर थे।
- एक क्रू अमेरिका की पहले ऑर्बिटल वर्कशॉप स्कायलैब पर मौजूद रहा।
विस्तार
एक दिन में लगातार 16 सूर्योदयों के शानदार दृश्य देखते हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) के अंतरिक्ष-यात्रियों ने नया साल मनाया। अमेरिका, यूरोपीय संघ और रूस की अंतरिक्ष एजेंसियों के इन यात्रियों ने सूर्योदयों की तस्वीरें लीं, इन्हें नए साल के तोहफ के तौर पर जारी किया। पृथ्वी से 418 किलोमीटर की ऊंचाई और करीब 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की परिक्रमा करते हुए उन्होंने साल का पहला दिन गुजारा।
पृथ्वी द्वारा सूर्य की नई परिक्रमा शुरू करने वाले इस दिन अंतरिक्ष में रहने वालों में भारतीय-अमेरिकी राजा चारी सहित नासा के टॉम मॉर्सबर्न, कायला बैरन, मार्क वंडे ही, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से माथिया मॉरर और रूसी एजेंसी रॉसकॉसमॉस से एंटोन श्काप्लेरोव और पीटर दुब्रोव शामिल थे। नव वर्ष से पूर्व आईएसएस पर मॉरर की मेजबानी में पारंपरिक सारलैंड डिनर भी हुआ। मॉरर मूलत: जर्मन हैं, सारलैंड यहां का एक प्रांत है। उन्होंने इसके टाइम लैप्स वीडियो अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर पोस्ट किए।
16 सूर्योदय देखना इसलिए हुआ संभव
मॉर्सबर्न ने बताया कि आईएसएस को पृथ्वी के एक कोने से दूसरे पर पहुंचने में कुछ मिनट लगते हैं। वे पृथ्वी के एक हिस्से में सूर्योदय देखने के बाद विपरीत दिशा में 28 हजार किमी की रफ्तार से बढ़े, जिससे सूर्योदय बार-बार नजर आए। सामान्य दिनों में भी वे कई बार सूर्योदय देखते हैं, लेकिन चारी के अनुसार, इस बार इसे देखना और यह सोचना कि हर सूर्योदय को देखते हुए लोग नए साल में जाग रहे होंगे, शानदार अनुभव था।
इतने पृथ्वीवासी नए साल के दिन अंतरिक्ष में थे
- यह पहली बार हुआ कि आईएसएस के अलावा भी दूसरे केंद्रो पर नव वर्ष पर मानव मौजूद रहे।
- चीन के शेनझो 13 मिशन के तीन सदस्य अपने नए बन रहे अंतरिक्ष स्टेशन तियांगोंग पर थे। इसके इसी साल पूरा होने की उम्मीद है।
- 12 क्रू सदस्य पुराने रूसी स्पेस स्टेशन मीर पर थे।
- एक क्रू अमेरिका की पहले ऑर्बिटल वर्कशॉप स्कायलैब पर मौजूद रहा।
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