अमर उजाला रिसर्च टीम, वाशिंगटन।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 05 Jan 2022 06:08 AM IST
सार
पांच स्तरीय सनशील्ड टेलिस्कोप को ठंडा रखने के लिए लगाई गई है,ताकि टेलिस्कोप अपने ऑपरेशन को आसानी से अंजाम दे सके। मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि सोमवार से शुरू होने वाली प्रक्रिया के तहत सनशील्ड को खोलने में तीन दिन का समय लगना था। इसकी तैनाती पांच जनवरी को निर्धारित थी। अब इसमें देरी की आशंका है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप
– फोटो : iStock
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विस्तार
पांच स्तरीय सनशील्ड टेलिस्कोप को ठंडा रखने के लिए लगाई गई है,ताकि टेलिस्कोप अपने ऑपरेशन को आसानी से अंजाम दे सके। मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि सोमवार से शुरू होने वाली प्रक्रिया के तहत सनशील्ड को खोलने में तीन दिन का समय लगना था। इसकी तैनाती पांच जनवरी को निर्धारित थी। अब इसमें देरी की आशंका है।
10 लाख किमी दूर से भेजेगा डाटा महीने भर तक चलेगी तैनाती
जेम्स वेब की पूर्ण तैनाती इंजीनियरों को मिलने वाले डाटा पर निर्भर करेगी। पूरी प्रक्रिया एक महीने चलेगी। इसके बाद धरती से करीब 10 लाख किमी दूर से यह टेलिस्कोप अंतरिक्ष से जुड़ी अहम जानकारियां भेजने लगेगा।
अड़चन से आश्चर्यचकित नहीं
अड़चन से आश्चर्यचकित नहीं हैं। हमें ऐसी दिक्कतें आएंगी, जिसे धरती से नहीं देखा जा सकता। ऐसी स्थिति में वैज्ञानिक उसे समझकर हल निकालते हैं। -बिल ऑक्स, प्रोजेक्ट मैनेजर
सूर्य की किरणों से बढ़ गया था मोटरों का तापमान
शील्ड के प्रथम स्तर को कसने से पहले इंजीनियरों ने वेब के पावर सबसिस्टम को समझने में एक अतिरिक्त दिन खर्च किया। इस दौरान उन्हें दो परेशानियां आईं। पहली, समस्या सनशील्ड को कसने के लिए इस्तेमाल होने वाली छह मोटरों से जुड़ी थी। सूर्य की किरणों के कारण मोटरों का तापमान ज्यादा बढ़ गया था। इसके चलते इंजीनियरों ने इन्हें छांव में किया। दूसरी अड़चन सौर पैनल को लेकर थी,जो वेब की ऊर्जा को प्रभावित कर रहा था। टेलिस्कोप पर पांच सौर पैनल लगाए गए हैं।