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WhatsApp Privacy Policy: क्या आपको इसे स्वीकार करना चाहिए?

सार

व्हाट्सएप के मुताबिक यह पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है तो इसे स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बिजनेस अकाउंट से लोग बिजनेस को लेकर ही बात करते हैं।

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फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप (WhatsApp) अब तक की सबसे विवादित प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से लागू हो रहा है। पहले व्हाट्सएप ने कहा था कि जो यूजर पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेगा, उसके अकाउंट को डिलीट कर दिया जाएगा, लेकिन WhatsApp ने सांप को मारने और लाठी ना टूटने वाले फॉर्मूले को अप्लाई किया है। WhatsApp ने कहा है कि यदि आप उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो वह आपके अकाउंट को डिलीट नहीं करेगा लेकिन धीरे-धीरे सभी फीचर्स को बंद कर देगा, मसलन आपको किसी के मैसेज आने का नोटिफिकेशन तो दिखगा लेकिन आप उसे पढ़ नहीं पाएंगे। आइए विस्तार से समझते हैं कि WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करनी चाहिए या नहीं?

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी में क्या है?
व्हाट्सएप ने साफतौर पर कहा है कि उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी पैरेंट कंपनी फेसबुक को ध्यान में रखकर तैयार किया है। नई प्राइवेसी के तहत व्हाट्सएप का डाटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और पार्टनर कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा, लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है यानी यदि आप किसी बिजनेस अकाउंट (व्हाट्सएप बिजनेस) से व्हाट्सएप पर चैट करते हैं तो सिर्फ वही डाटा कंपनी लेगी और अन्य कंपनियों को देगी, लेकिन यदि आप अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार से आम व्हाट्एप अकाउंट से बात कर रहे हैं तो आपकी चैटिंग कंपनी नहीं देखेगी और ना ही किसी कंपनी के साथ शेयर करेगी, लेकिन यदि आपका दोस्त व्हाट्सएप का बिजनेस एप इस्तेमाल करता है तो आपकी चैटिंग कंपनी पढ़ेगी और शेयर भी करेगी। ऐसे में सीधी बात यह है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है। इसे स्वीकार करने के बाद निजी चैट प्रभावित नहीं होंगे।

नई पॉलिसी पर व्हाट्सएप का क्या कहना है?
व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका डाली गई थी जिसके जवाब में व्हाट्सएप ने कहा था कि तमाम इंटरनेट आधारित एप की वही पॉलिसी है जो हमारी है। बिग बास्केट, कू, ओला ट्रूकॉलर, जोमैटो और आरोग्य सेतु एप भी यूजर्स का डाटा लेते हैं। व्हाट्सएप ने 5 मई को कोर्ट में एफिडेविट दिया है जिसमें अन्य एप्स द्वारा लिए जा रहे यूजर डाटा की आलोचना की गई है। व्हाट्सएप ने अपने एफिडेविट में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, जूम और रिपब्लिक वर्ल्ड का भी नाम लिया है जो कि रिपब्लिक टीवी का डिजिटल वेंचर है। व्हाट्सएप ने कोर्ट से कहा है कि यदि भारत में उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी ब्लॉक की जाती है तो इस फैसले से अन्य कंपनियां भी प्रभावित होंगी। व्हाट्सएप का दावा है कि यदि उसके खिलाफ फैसला आता है तो भारत में सेवाएं दे रहे ग्रोसरी एप और ऑनलाइन डॉक्टर के अप्वाइंटमेंट दिलाने वाले एप्स भी प्रभावित होंगे। व्हाट्सएप का कहना है कि नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है। ऐसे में इसे लेकर हंगामा होना ही नहीं चाहिए।

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करनी चाहिए या नहीं?
व्हाट्सएप के मुताबिक यह पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है तो इसे स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बिजनेस अकाउंट से लोग बिजनेस को लेकर ही बात करते हैं। यदि आप नई पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो आपको कुछ समय तक पॉलिसी स्वीकार करने के लिए नोटिफिकेशन मिलेंगे। शुरुआती कुछ दिनों तक तो आप व्हाट्सएप पर आने वाले ऑडियो और वीडियो कॉल का जवाब दे पाएंगे, मैसेज का रिप्लाई कर पाएंगे, नोटिफिकेशन देख पाएंगे, लेकिन कुछ सप्ताह बाद आपके व्हाट्सएप अकाउंट पर कॉल, मैसेज और नोटिफिकेशन आने बंद हो जाएंगे। यदि आप पॉलिसी स्वीकार नहीं करते हैं और 120 दिनों तक आपका अकाउंट इस्तेमाल नहीं होता है तो कंपनी आपके अकाउंट को डिलीट कर देगी।

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी में दिक्कत क्या है?
साल 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप को खरीदा था उसके दो साल बाद यानी 2016 में कंपनी ने नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की थी जिसके बाद कंपनी फेसबुक के साथ आपका मोबाइल नंबर शेयर कर रही है ताकि आपको बेहतर फ्रेंड सजेशन मिलें और आपको संबंधित विज्ञापन दिखाए जाएं। इसका सीधा मतलब यह है कि व्हाट्सएप पहले से ही आपका कुछ डाटा फेसबुक के साथ शेयर कर रहा है। नई प्राइवेसी के बाद व्हाट्सएप फेसबुक के साथ आपका और अधिक डाटा शेयर करना चाह रहा है। नई पॉलिसी के तहत व्हाट्सएप पेमेंट का डाटा भी फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा यानी इसमें पेमेंट से लेकर ट्रांजेक्शन तक की जानकारी होगी, हालांकि कंपनी ने साफ कहा है कि निजी चैट प्रभावित नहीं होंगे। रही बात डाटा लेने की तो कई ऐसे एप्स आपके फोन में होंगे जो आपका डाटा ले रहे हैं और वह भी चुपके से…

तो यदि आपको व्हाट्सएप इस्तेमाल करना है तो आपको उसकी प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करनी ही होगी, वरना आपको अपना अकाउंट डिलीट करना होगा। एक बाद ध्यान रहे कि एक बार अकाउंट डिलीट होने के बाद वह दोबारा एक्टिव नहीं होगा।

विस्तार

फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप (WhatsApp) अब तक की सबसे विवादित प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से लागू हो रहा है। पहले व्हाट्सएप ने कहा था कि जो यूजर पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेगा, उसके अकाउंट को डिलीट कर दिया जाएगा, लेकिन WhatsApp ने सांप को मारने और लाठी ना टूटने वाले फॉर्मूले को अप्लाई किया है। WhatsApp ने कहा है कि यदि आप उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो वह आपके अकाउंट को डिलीट नहीं करेगा लेकिन धीरे-धीरे सभी फीचर्स को बंद कर देगा, मसलन आपको किसी के मैसेज आने का नोटिफिकेशन तो दिखगा लेकिन आप उसे पढ़ नहीं पाएंगे। आइए विस्तार से समझते हैं कि WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करनी चाहिए या नहीं?

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी में क्या है?

व्हाट्सएप ने साफतौर पर कहा है कि उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी पैरेंट कंपनी फेसबुक को ध्यान में रखकर तैयार किया है। नई प्राइवेसी के तहत व्हाट्सएप का डाटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और पार्टनर कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा, लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है यानी यदि आप किसी बिजनेस अकाउंट (व्हाट्सएप बिजनेस) से व्हाट्सएप पर चैट करते हैं तो सिर्फ वही डाटा कंपनी लेगी और अन्य कंपनियों को देगी, लेकिन यदि आप अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार से आम व्हाट्एप अकाउंट से बात कर रहे हैं तो आपकी चैटिंग कंपनी नहीं देखेगी और ना ही किसी कंपनी के साथ शेयर करेगी, लेकिन यदि आपका दोस्त व्हाट्सएप का बिजनेस एप इस्तेमाल करता है तो आपकी चैटिंग कंपनी पढ़ेगी और शेयर भी करेगी। ऐसे में सीधी बात यह है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है। इसे स्वीकार करने के बाद निजी चैट प्रभावित नहीं होंगे।

नई पॉलिसी पर व्हाट्सएप का क्या कहना है?

व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका डाली गई थी जिसके जवाब में व्हाट्सएप ने कहा था कि तमाम इंटरनेट आधारित एप की वही पॉलिसी है जो हमारी है। बिग बास्केट, कू, ओला ट्रूकॉलर, जोमैटो और आरोग्य सेतु एप भी यूजर्स का डाटा लेते हैं। व्हाट्सएप ने 5 मई को कोर्ट में एफिडेविट दिया है जिसमें अन्य एप्स द्वारा लिए जा रहे यूजर डाटा की आलोचना की गई है। व्हाट्सएप ने अपने एफिडेविट में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, जूम और रिपब्लिक वर्ल्ड का भी नाम लिया है जो कि रिपब्लिक टीवी का डिजिटल वेंचर है। व्हाट्सएप ने कोर्ट से कहा है कि यदि भारत में उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी ब्लॉक की जाती है तो इस फैसले से अन्य कंपनियां भी प्रभावित होंगी। व्हाट्सएप का दावा है कि यदि उसके खिलाफ फैसला आता है तो भारत में सेवाएं दे रहे ग्रोसरी एप और ऑनलाइन डॉक्टर के अप्वाइंटमेंट दिलाने वाले एप्स भी प्रभावित होंगे। व्हाट्सएप का कहना है कि नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है। ऐसे में इसे लेकर हंगामा होना ही नहीं चाहिए।

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करनी चाहिए या नहीं?

व्हाट्सएप के मुताबिक यह पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है तो इसे स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बिजनेस अकाउंट से लोग बिजनेस को लेकर ही बात करते हैं। यदि आप नई पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो आपको कुछ समय तक पॉलिसी स्वीकार करने के लिए नोटिफिकेशन मिलेंगे। शुरुआती कुछ दिनों तक तो आप व्हाट्सएप पर आने वाले ऑडियो और वीडियो कॉल का जवाब दे पाएंगे, मैसेज का रिप्लाई कर पाएंगे, नोटिफिकेशन देख पाएंगे, लेकिन कुछ सप्ताह बाद आपके व्हाट्सएप अकाउंट पर कॉल, मैसेज और नोटिफिकेशन आने बंद हो जाएंगे। यदि आप पॉलिसी स्वीकार नहीं करते हैं और 120 दिनों तक आपका अकाउंट इस्तेमाल नहीं होता है तो कंपनी आपके अकाउंट को डिलीट कर देगी।

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी में दिक्कत क्या है?

साल 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप को खरीदा था उसके दो साल बाद यानी 2016 में कंपनी ने नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की थी जिसके बाद कंपनी फेसबुक के साथ आपका मोबाइल नंबर शेयर कर रही है ताकि आपको बेहतर फ्रेंड सजेशन मिलें और आपको संबंधित विज्ञापन दिखाए जाएं। इसका सीधा मतलब यह है कि व्हाट्सएप पहले से ही आपका कुछ डाटा फेसबुक के साथ शेयर कर रहा है। नई प्राइवेसी के बाद व्हाट्सएप फेसबुक के साथ आपका और अधिक डाटा शेयर करना चाह रहा है। नई पॉलिसी के तहत व्हाट्सएप पेमेंट का डाटा भी फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा यानी इसमें पेमेंट से लेकर ट्रांजेक्शन तक की जानकारी होगी, हालांकि कंपनी ने साफ कहा है कि निजी चैट प्रभावित नहीं होंगे। रही बात डाटा लेने की तो कई ऐसे एप्स आपके फोन में होंगे जो आपका डाटा ले रहे हैं और वह भी चुपके से…

तो यदि आपको व्हाट्सएप इस्तेमाल करना है तो आपको उसकी प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करनी ही होगी, वरना आपको अपना अकाउंट डिलीट करना होगा। एक बाद ध्यान रहे कि एक बार अकाउंट डिलीट होने के बाद वह दोबारा एक्टिव नहीं होगा।

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