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Virendra Singh Demand: वीरेन्द्र को पहले ही मिल चुका है 1.20 करोड़ का पुरस्कार, खेल विभाग में नौकरी भी
सार
पद्मश्री वीरेंद्र सिंह गूंगा पहलवान अपनी मांग को लेकर पहले भी विरोध जता चुके हैं। इससे पहले वो धरने पर बैठे थे। गूंगा पहलवान ने दिल्ली में हरियाणा भवन के बाहर धरना दिया था। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद धरना खत्म किया था।
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वीरेन्द्र ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था “माननीय मुख्यमंत्री जी क्या मैं पाकिस्तान से हूं, कब बनेगी कमेटी, कब मिलेंगे समान अधिकार। माननीय प्रधानमंत्री जी जब मैं आपसे मिला आपने ही कहा था, हम आपके साथ अन्याय नहीं होने देंगे अब आप ही देख लो।” इसके साथ ही उन्होंने अपनी एक फोटो शेयर की थी, जिसमें उनके हाथे में उनके जीते सभी मेडल थे। और दूसरे हाथ में पद्मश्री पुरस्कार था।
वीरेन्द्र सिंह के ट्वीट के जवाब में हरियाणा सरकार के खेल निदेशक पंकज नैन ने लिखा “1) वीरेंद्र को पहले ही हरियाणा सरकार द्वारा 1.20 करोड़ नकद पुरस्कार दिया जा चुका है, जो देश में सबसे अधिक है। 2) वह पहले से ही खेल विभाग हरियाणा में कार्यरत है। उन्हें पैरालिंपियन के समान ग्रुप बी पोस्ट की पेशकश की गई, जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया।”
पहले भी कर दे चुके हैं धरना
पद्मश्री वीरेंद्र सिंह गूंगा पहलवान अपनी मांग को लेकर पहले भी विरोध जता चुके हैं। इससे पहले वो धरने पर बैठे थे। गूंगा पहलवान ने दिल्ली में हरियाणा भवन के बाहर धरना दिया था। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद धरना खत्म किया था। इसके बाद सीएम से लेकर खेल निदेशक तक मिल चुके हैं लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। पहलवान का कहना है कि डीफ खिलाड़ियों को भी पैरालंपिक खिलाड़ियों के समान दर्जा दिया जाए। इसके बाद वो विधानसभा के बाहर भी धरने पर बैठ गए थे।
कौन हैं वीरेंद्र सिंह
साल 19970 में हरियाणा के झज्जर में जन्में वीरेंद्र यादव भारत के पूर्व पहलवान हैं। उन्होंने 2005 मेलबर्न डेफलंपिक्स में गोल्ड मेडल और 2009 तायपेई डेफलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2008 और 2012 में बधिरों की विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भी वीरेंद्र सिल्वर और ब्रॉन्ज पदक जीत चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है।
विस्तार
देश-दुनिया में भारत का खूब नाम रोशन करने वाले गूंगा पहलवान उर्फ वीरेंद्र सिंह के ट्वीट पर हरियाणा सरकार की तरफ से जवाब दिया गया है। वीरेन्द्र ने ट्वीट कर मांग की थी कि उनके जैसे खिलाड़ियों को पैरा एथलीट की दर्जा दिया जाना चाहिए और उसी हिसाब से उन्हें सरकारी मदद भी दी जानी चाहिए। इसके बाद हरियाणा के खेल निदेशक पंकज नैन ने बताया है कि वीरेन्द्र को पहले ही 1.20 करोड़ का पुरस्कार दिया जा चुका है। वो पहले ही राज्य के खेल विभाग में नौकरी कर रहे हैं और उन्हें ग्रुप बी की नौकरी की पेशकश भी की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है।
वीरेन्द्र ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था “माननीय मुख्यमंत्री जी क्या मैं पाकिस्तान से हूं, कब बनेगी कमेटी, कब मिलेंगे समान अधिकार। माननीय प्रधानमंत्री जी जब मैं आपसे मिला आपने ही कहा था, हम आपके साथ अन्याय नहीं होने देंगे अब आप ही देख लो।” इसके साथ ही उन्होंने अपनी एक फोटो शेयर की थी, जिसमें उनके हाथे में उनके जीते सभी मेडल थे। और दूसरे हाथ में पद्मश्री पुरस्कार था।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar जी क्या मैं पाकिस्तान से हूँ
कब बनेगी कमेटी, कब मिलेंगे समान अधिकार,
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, जब मैं आपसे मिला, आपने ही कहा था हम आपके साथ अन्याय नही होने देंगे, अब आप ही देख लो!🙏 @ANI pic.twitter.com/q4LQBPsN2Y
— Virender Singh (@GoongaPahalwan) January 15, 2022
वीरेन्द्र सिंह के ट्वीट के जवाब में हरियाणा सरकार के खेल निदेशक पंकज नैन ने लिखा “1) वीरेंद्र को पहले ही हरियाणा सरकार द्वारा 1.20 करोड़ नकद पुरस्कार दिया जा चुका है, जो देश में सबसे अधिक है। 2) वह पहले से ही खेल विभाग हरियाणा में कार्यरत है। उन्हें पैरालिंपियन के समान ग्रुप बी पोस्ट की पेशकश की गई, जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया।”
1) Virender has already been given 1.20 cr of cash award by Haryana govt, which is highest in country .
2) He is already working in sports department Haryana . He was offered group B post on par with paralympians , which he refused to take.@GoongaPahalwan@cmohry @flickersingh https://t.co/aazZjPejgb— Pankaj Nain IPS (@ipspankajnain) January 16, 2022
पहले भी कर दे चुके हैं धरना
पद्मश्री वीरेंद्र सिंह गूंगा पहलवान अपनी मांग को लेकर पहले भी विरोध जता चुके हैं। इससे पहले वो धरने पर बैठे थे। गूंगा पहलवान ने दिल्ली में हरियाणा भवन के बाहर धरना दिया था। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद धरना खत्म किया था। इसके बाद सीएम से लेकर खेल निदेशक तक मिल चुके हैं लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। पहलवान का कहना है कि डीफ खिलाड़ियों को भी पैरालंपिक खिलाड़ियों के समान दर्जा दिया जाए। इसके बाद वो विधानसभा के बाहर भी धरने पर बैठ गए थे।
कौन हैं वीरेंद्र सिंह
साल 19970 में हरियाणा के झज्जर में जन्में वीरेंद्र यादव भारत के पूर्व पहलवान हैं। उन्होंने 2005 मेलबर्न डेफलंपिक्स में गोल्ड मेडल और 2009 तायपेई डेफलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2008 और 2012 में बधिरों की विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भी वीरेंद्र सिल्वर और ब्रॉन्ज पदक जीत चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है।