पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Fri, 10 Sep 2021 10:30 AM IST
सार
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के श्रम बजार सर्वे के अनुसार, अक्तूबर-दिसंबर 2020 में बेरोजगारी दर बढ़कर 10.3 फीसदी हो गई।
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विस्तार
जुलाई-सितंबर में 13.3 फीसदी थी बेरोजगारी दर
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के श्रम बजार सर्वे के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2020 में बेरोजगारी दर बढ़कर 13.3 फीसदी हो गई थी। इससे पता चलता है कि कोरोना की पाबंदियां हटने के साथ देश में रोजगार के अवसर खुले हैं।
मालूम हो कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अप्रैल 2017 में निश्चित अवधि पर किए जाने वाले श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) शुरू किया था। इसी के आधार पर श्रम बल का अनुमान देते हुए एक त्रैमासिक बुलेटिन जारी किया जाता है। इसमें श्रमिक जनसंख्या अनुपात, श्रम बल भागीदारी दर, बेरोजगारी दर, वर्तमान साप्ताहिक स्थिति के तहत रोजगार और कार्य- उद्योग की व्यापक स्थिति के आधार पर श्रमिकों का वितरण आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। बेरोजगारी या बेरोजगारी दर (यूआर) को श्रम बल में बेरोजगार व्यक्तियों के फीसदी के रूप में परिभाषित किया जाता है।
37 फीसदी रही भागीदारी दर
बेरोजगारी दर का अर्थ कार्यबल में लोगों का फीसदी है, जिन्हें कोई रोजगार नहीं मिला है। श्रम बल सर्वे के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में सभी उम्र के लिए श्रम बल भागीदारी दर अक्तूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में 37.3 फीसदी थी। वहीं इससे एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 37.2 फीसदी था। जुलाई-सितंबर तिमाही में सभी उम्र के लिए श्रम बल की भागीदारी दर 37 फीसदी थी।