स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ओम. प्रकाश
Updated Wed, 01 Sep 2021 11:43 AM IST
सार
भारतीय एथलीट थंगवेलु मरियप्पन टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए। जिसकी वजह बारिश और उनके गीले मोजे रहे। थंगवेलु ने इस बात का खुद खुलासा किया है। टोक्यो पैरालंपिक में ऊंटी कूद स्पर्धा में वह रजत पदक जीतने में सफल रहे।
टोक्यो पैरालंपिक 2021 भारतीय एथलीट मरियप्पन
– फोटो : सोशल मीडिया
रियो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता टी मरियप्पन यहां भी स्वर्ण पदक जीतने के दावेदार थे, लेकिन बरसात के चलते उनके भीग गए मोजों ने सारा काम खराब कर दिया। यह उनके गीले मोजे थे जिनके चलते मरियप्पन अपने खिताब की रक्षा नहीं कर सके। मरियप्पन खुलासा करते हैं कि वह आसानी से 1.90 मीटर की कुदान भर सकते थे। उनका यही लक्ष्य था, लेकिन गीले मोजों के चलते उन्होंने जोखिम नहीं लिया।
मरियप्पन के मुताबिक, जब उन्होंने शुरुआत की उस समय बरसात ज्यादा नहीं हो रही थी। उन्होंने आसानी से 1.80 मीटर की कुदान भरी, लेकिन जैसे ही उनका अधिक ऊंचाई की कुदान भरने का नंबर आया वैसे ही बरसात तेज हो गई। वह पैरों में स्पाइक नहीं पहन सकते हैं, लेकिन उनके अमेरिकी साथी ने स्पाइक पहन रखे थे, जिसके चलते उन्हें बरसात में दिक्कत नहीं आई, लेकिन उन्हें इसका फर्क पड़ गया।
मरियप्पन को इस बात का भी दुख है कि वह उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक नहीं बन पाए। फ्लाइट के दौरान वह कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ गए थे। इसके चलते उन्हें अकेले अभ्यास करना पड़ा।
विस्तार
रियो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता टी मरियप्पन यहां भी स्वर्ण पदक जीतने के दावेदार थे, लेकिन बरसात के चलते उनके भीग गए मोजों ने सारा काम खराब कर दिया। यह उनके गीले मोजे थे जिनके चलते मरियप्पन अपने खिताब की रक्षा नहीं कर सके। मरियप्पन खुलासा करते हैं कि वह आसानी से 1.90 मीटर की कुदान भर सकते थे। उनका यही लक्ष्य था, लेकिन गीले मोजों के चलते उन्होंने जोखिम नहीं लिया।
मरियप्पन के मुताबिक, जब उन्होंने शुरुआत की उस समय बरसात ज्यादा नहीं हो रही थी। उन्होंने आसानी से 1.80 मीटर की कुदान भरी, लेकिन जैसे ही उनका अधिक ऊंचाई की कुदान भरने का नंबर आया वैसे ही बरसात तेज हो गई। वह पैरों में स्पाइक नहीं पहन सकते हैं, लेकिन उनके अमेरिकी साथी ने स्पाइक पहन रखे थे, जिसके चलते उन्हें बरसात में दिक्कत नहीं आई, लेकिन उन्हें इसका फर्क पड़ गया।
मरियप्पन को इस बात का भी दुख है कि वह उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक नहीं बन पाए। फ्लाइट के दौरान वह कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ गए थे। इसके चलते उन्हें अकेले अभ्यास करना पड़ा।
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