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Tokyo Olympics: सात टांके लगने के बाद घायल शेर की तरह लड़े बॉक्सर सतीश, हारकर भी जीत लिया दिल
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, टोक्यो
Published by: ओम. प्रकाश
Updated Sun, 01 Aug 2021 02:19 PM IST
सार
भारतीय बॉक्सर सतीश कुमार को 91 किग्रा भार वर्ग में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें क्वार्टर फाइनल में विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव ने शिकस्त दी। इस दौरान सतीश ने अपने प्रतिद्वंदी को घायल भी किया।
बॉक्सर सतीश कुमार और बखोदिर जालोलोव
– फोटो : सोशल मीडिया
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सेना के 32 वर्ष के बॉक्सर सतीश ने अपने दाहिए हाथ से भी प्रतिद्वंदी पर पंच जड़े। लेकिन विश्व चैंपियन जालोलोव इस मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज पर हावी रहे। तीसरे दौर का मुकाबला जब शुरू हुआ तो सतीश के माथे का घाव घुल गया। वह खून से लथपथ हो गए लेकिन लेकिन मैदान नहीं छोड़ा।
इस मुकाबले में सतीश ने घायल शेर की तरह अपने प्रतिद्वंदी का सामना किया। यही वजह थी कि जीतने के बाद खुद जालोलोव ने उनकी जमकर तारीफ की। सतीश ओलंपिक में सुपर हेवीवेट मुकाबले में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे। वहीं बखोदिर जालोलोव तीन बार एशियाई चैंपियन रह चुके हैं।
सतीश कुमार की इस हार के बाद पुरुषों की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है। वहीं महिला वर्ग में एक मात्र उम्मीद लवलीना बोरगोहेन से है। वह बॉक्सिंग में भारत का पदक पक्का कर चुकी हैं। अब वह सेमीफाइनल में अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ भिड़ेंगीं। अब देखना होगा कि लवलीना भारत के लिए स्वर्ण जीतती हैं या फिर रजत। सेमीफाइनल में पहुंचते ही उन्होंने कांस्य पदक पक्का कर लिया था।
विस्तार
सेना के 32 वर्ष के बॉक्सर सतीश ने अपने दाहिए हाथ से भी प्रतिद्वंदी पर पंच जड़े। लेकिन विश्व चैंपियन जालोलोव इस मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज पर हावी रहे। तीसरे दौर का मुकाबला जब शुरू हुआ तो सतीश के माथे का घाव घुल गया। वह खून से लथपथ हो गए लेकिन लेकिन मैदान नहीं छोड़ा।
Our #pugilist #Satishkumar will be in action in his quarterfinal bout against Bakhodir Jalolov of UZB in some time.
Stay tuned for the live updates. #Cheer4India pic.twitter.com/kwLpQ30wEU— SAIMedia (@Media_SAI) August 1, 2021
इस मुकाबले में सतीश ने घायल शेर की तरह अपने प्रतिद्वंदी का सामना किया। यही वजह थी कि जीतने के बाद खुद जालोलोव ने उनकी जमकर तारीफ की। सतीश ओलंपिक में सुपर हेवीवेट मुकाबले में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे। वहीं बखोदिर जालोलोव तीन बार एशियाई चैंपियन रह चुके हैं।
सतीश कुमार की इस हार के बाद पुरुषों की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है। वहीं महिला वर्ग में एक मात्र उम्मीद लवलीना बोरगोहेन से है। वह बॉक्सिंग में भारत का पदक पक्का कर चुकी हैं। अब वह सेमीफाइनल में अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ भिड़ेंगीं। अब देखना होगा कि लवलीना भारत के लिए स्वर्ण जीतती हैं या फिर रजत। सेमीफाइनल में पहुंचते ही उन्होंने कांस्य पदक पक्का कर लिया था।