खाने: सरल रेसिपी, स्टोरेज और ताज़गी के युक्तियाँ

यह पेज उन लोगों के लिए है जो खाना बनाना पसंद करते हैं या रोज़मर्रा के खाने को बेहतर, सस्ता और सेहतमंद बनाना चाहते हैं। यहाँ आपको घर पर बनने वाली आसान रेसिपी, भारतीय मिठाइयों की रख-रखाव की सलाह और खाने से जुड़ी छोटी-छोटी ट्रिक्स मिलेंगी। हर टिप का मकसद यही है कि आप कम समय में अच्छा स्वाद और पौष्टिकता पा सकें।

रोज़ के खाने के व्यावहारिक सुझाव

सुबह जल्दी नाश्ते के लिए दलिया या ओट्स में पके फल और थोड़ा शहद मिलाकर तैयार कर लें—तेजी से ऊर्जा मिलती है और पाचन भी ठीक रहता है। डिनर हल्का रखें: सब्ज़ी, दाल और एक छोटा सा रोटी/चावल पर्याप्त है, इससे नींद भी अच्छी आती है। जब समय कम हो तो एक पैन में सब्ज़ी और दाल मिलाकर बनाएं—प्रोटीन और सब्जियों का बैलेंस रहता है और बर्तन भी कम गंदे होते हैं।

तैयारी (meal prep) करने से हफ्ते भर का खाना आसान हो जाता है। उदाहरण के लिए, उबली हुई दाल, भुनी हुई सब्ज़ियाँ और चावल अलग-अलग बक्सों में रखें—रोज़ 10-15 मिनट में ताज़ा खाना तैयार हो जाएगा। सब्ज़ियों को जल्दी खराब होने से बचाने के लिए कटी हुई चीज़ें एयरटाइट कंटेनर में रखें और फ्रिज के सबसे ठंडे हिस्से में न रखें—सलाद की पत्तियाँ अलग रखें ताकि नमी उन्हें बिगाड़े नहीं।

मिठाइयाँ और स्टोरेज के सीधे नियम

भारतीय मिठाइयों की बात करें तो घी वाली मिठाइयाँ (लड्डू, पेड़ा) ठंडी और सूखी जगह पर 7-10 दिन तक ठीक रहती हैं; फ्रिज करने पर इन्हें एयरटाइट जार में रखें और खाने से पहले कमरे पर लाकर नरम करें। सांमीदार मिठाइयाँ जैसे रसगुल्ला या रस मलाई फ्रिज में 3-4 दिनों तक ठीक रहती हैं, पर स्वाद और बनावट धीरे बदल सकती है—खाने से पहले अच्छी तरह चख लें।

बेक्ड आइटम जैसे केक और कुकीज़ को कमरे के तापमान पर 2-3 दिन तक रखें, ज्यादा दिनों के लिए फ्रिज या फ्रीज़ करें। फ्रीज़ करने से पहले पैकिंग अच्छी होनी चाहिए ताकि फ्रिज की खुशबू न लगें। नोट: नमी सबसे बड़ी दुश्मन है—किसी भी खाने को स्टोर करने से पहले पूरी तरह ठंडा होने दें।

स्ट्रिट फूड खाते समय साफदिली रखें: भीड़-भाड़ वाले स्टॉल पर ताज़ा बनाया हुआ और गर्म परोसा गया खाना चुनें। तला हुआ खाना तभी खाएँ जब तेल ताज़ा दिखे और ज्यादा धुँआ न हो। नए मसालों के प्रयोग से पहले छोटी मात्रा में बनाकर टेस्ट कर लें—यह पैसे और समय दोनों बचाता है।

इस टैग पर आपको आसान रेसिपी, मिठाइयों की सही स्टोरेज विधि, छोटे-छोटे किचन हैक्स और क्षेत्रीय व्यंजनों के बारे में प्रैक्टिकल बातें मिलेंगी। अगर किसी रेसिपी या स्टोरेज के बारे में खास सवाल हो तो बताइए—हम सरल और तुरंत अपनाने योग्य जवाब देंगे।

दक्षिण भारतीय खाने के हस्ताक्षर सामग्री क्या हैं?
दक्षिण भारतीय खाने के हस्ताक्षर सामग्री क्या हैं?

भारत में दक्षिण भाषाओं के रूप में अनेक भाषाएं हैं। इन भाषाओं के अनुसार, दक्षिण भारतीय खाने के हस्ताक्षर सामग्री क्या हैं यह प्रश्न है। दक्षिण भारतीय खाने के हस्ताक्षर व्यंजनों को करी, तंदूरी, नारियल और तड़के के साथ प्रदान किया जाता है। इनमें आलू, गोभी, मूंगफली, चना, मटर, गाजर, सेम आदि भी शामिल हैं। इन व्यंजनों को अलग-अलग तरह के साबुत घटकों के साथ मिलाया जाता है।

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