Desh

Supreme Court: बार एसोसिएशन ने कहा- शीर्ष अदालत में महामारी पूर्व की स्थिति वाली सुनवाई शुरू हो

Posted on

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 06 Feb 2022 12:44 AM IST

सार

एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह ने जस्टिस रमण को पत्र लिखकर कहा, खुली अदालत में मामलों की सुनवाई परंपरा और संविधान दोनों रूप से अनिवार्य है। इसे देखते हुए आग्रह है कि शीर्ष अदालत में महामारी पूर्व की स्थिति वाली सुनवाई आरंभ की जाए।

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने शनिवार को देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण से आग्रह किया है कि शीर्ष अदालत में पूर्ण क्षमता से शारीरिक उपस्थिति वाली सुनवाई शुरू की जाए।

एससीबीए ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है और इसे देखते हुए खुले कोर्ट रूम में महामारी से पहले वाली स्थिति में सुनवाई शुरू की जानी चाहिए। एसोसिएशन ने इस बात पर जोर दिया कि यह पारंपरिक और सांविधानिक अनिवार्यता भी है।

एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह ने जस्टिस रमण को पत्र लिखकर कहा, खुली अदालत में मामलों की सुनवाई परंपरा और संविधान दोनों रूप से अनिवार्य है। इसे देखते हुए आग्रह है कि शीर्ष अदालत में महामारी पूर्व की स्थिति वाली सुनवाई आरंभ की जाए।

सुप्रीम कोर्ट में मार्च 2020 में महामारी के आरंभ के बाद मामलों की वर्चुअल सुनवाई शुरू हुई थी और पिछले साल 9 नवंबर से शीर्ष अदालत ने सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को खुली अदालत में सुनवाई शुरू की है।

पत्र में विकास सिंह ने लिखा है कि राजधानी दिल्ली में संक्रमण की दर 4 प्रतिशत से नीचे आ गई है और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने स्कूल-कॉलेज और जिम आदि को 7 फरवरी से खोलने का निर्णय लिया है। दफ्तरों को 100 फीसदी क्षमता से खोल दिया गया है। नर्सरी से ऊपर के क्लास भी 14 फरवरी से आरंभ हो जाएंगे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के खुले कोर्ट रूम में पूरी क्षमता से सप्ताह में 5 दिन काम नहीं करने की कोई न्यायोचित वजह नहीं है।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने शनिवार को देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण से आग्रह किया है कि शीर्ष अदालत में पूर्ण क्षमता से शारीरिक उपस्थिति वाली सुनवाई शुरू की जाए।

एससीबीए ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है और इसे देखते हुए खुले कोर्ट रूम में महामारी से पहले वाली स्थिति में सुनवाई शुरू की जानी चाहिए। एसोसिएशन ने इस बात पर जोर दिया कि यह पारंपरिक और सांविधानिक अनिवार्यता भी है।

एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह ने जस्टिस रमण को पत्र लिखकर कहा, खुली अदालत में मामलों की सुनवाई परंपरा और संविधान दोनों रूप से अनिवार्य है। इसे देखते हुए आग्रह है कि शीर्ष अदालत में महामारी पूर्व की स्थिति वाली सुनवाई आरंभ की जाए।

सुप्रीम कोर्ट में मार्च 2020 में महामारी के आरंभ के बाद मामलों की वर्चुअल सुनवाई शुरू हुई थी और पिछले साल 9 नवंबर से शीर्ष अदालत ने सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को खुली अदालत में सुनवाई शुरू की है।

पत्र में विकास सिंह ने लिखा है कि राजधानी दिल्ली में संक्रमण की दर 4 प्रतिशत से नीचे आ गई है और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने स्कूल-कॉलेज और जिम आदि को 7 फरवरी से खोलने का निर्णय लिया है। दफ्तरों को 100 फीसदी क्षमता से खोल दिया गया है। नर्सरी से ऊपर के क्लास भी 14 फरवरी से आरंभ हो जाएंगे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के खुले कोर्ट रूम में पूरी क्षमता से सप्ताह में 5 दिन काम नहीं करने की कोई न्यायोचित वजह नहीं है।

Source link

Click to comment

Most Popular