फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’
– फोटो : मार्वेल स्टूडियोज
Movie Review
शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स
कलाकार
सीमू लियू
,
फाला चेन
,
टोनी लेयुंग
और
अक्वाफिना
लेखक
डेव कैलाहम
और
डेस्टिन डैनियल क्रेटन
निर्देशक
डेस्टिन डैनियल क्रेटन
निर्माता
मार्वेल स्टूडियोज
कोरोना की दूसरी लहर के बाद खुले सिनेमाघरों तक लोगों को खींचकर लाने का तमगा एक बार फिर एक विदेशी फिल्म के सिर बंधने जा रहा है। पिछली लहर के बाद ये काम ‘टेनेट’ और ‘वंडर वूमन’ ने किया था, इस बार बारी मार्वेल सिनेमैटिक यूनीवर्स की नई फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ की है। फिल्म को मार्वेल के पहले एशियन सुपरहीरो की आमद के रूप में पहले ही काफी चर्चा मिल चुकी है। फिल्म को भारत में हिंदी समेत दूसरी अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओं में भी रिलीज किया गया है। फिल्म को इसके सामान्य संस्करण के साथ ही आईमैक्स, 3डी मैक्स और 4डी मैक्स में भी देखा जा सकता है 50 फीसदी क्षमता के साथ खुले सिनेमाघर फिल्म की रिलीज के पहले दिन ही हाउसफुल दिख रहे हैं। फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ रिश्तों की कहानी है। इसमें अतीत की कड़वी यादें और है एक संघर्ष बुराई पर अच्छाई की विजय का।
फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ का एक दृश्य
– फोटो : मार्वेल स्टूडियोज
फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ मार्वेल सिनेमैटिक यूनीवर्स में एक नया अध्याय जोड़ने वाली फिल्म है। फिल्म ‘एवेंजर्स एंडगेम’ के बाद से एमसीयू के प्रशंसक जिस एक ओरीजनल स्टोरी की तलाश में रहे हैं, उसकी कमी ये फिल्म पूरी करती नजर आ रही है। स्पाइडरमैन और ब्लैक विडो की फॉर्मूल कहानियों में अधूरेपन का एहसास करते रहे एमसीयू के प्रशंसकों को ये कहानी काफी पसंद आने वाली है। ये कहानी शुरू होती है सिलिकॉन वैली या सैन फ्रैसिस्को से जहां एक युगल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में मस्त हैं। दोनों को दो वक्त की रोटी जुटाने में दिक्कत नहीं है लेकिन तभी इनकी जिंदगी में एक भूचाल आता है। आम से दिखने वाले इंसानों की असीमित शक्तियों से पर्दा हटता है और कहानी में एंट्री होती है सुपरहीरो की जिसे उसके पिता का बुलावा आता है। बाप-बेटे का इस बार जो आमना सामना होता है वह निर्णायक है। सदियों से चली आ रही ‘टेन रिंग्स’ की परंपरा के अमरत्व को इस बार असली कसौटी पर कसा जाना है।
फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ का एक दृश्य
– फोटो : मार्वेल स्टूडियोज
फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ को अगर एमसीयू की अब तक की फिल्मों से संदर्भ से हटाकर देखें तो भी ये अपने आप में एक संपूर्ण फिल्म है। इसे देखते समय दर्शकों को एमसीयू की अब तक चली आ रही कहानी न भी पता हो तो फर्क नहीं पड़ता है। एमसीयू के दर्शक हालांकि इसके चौथे चरण को लेकर अब तक रिलीज हुई वेब सीरीज ‘वांडा विजन’, ‘द फाल्कन एंड द विंटर सोल्जर’, ‘लोकी’ और ‘व्हाट इफ’ ओटीटी पर देख चुके हैं लेकिन मार्वेल की कहानियों का असली मजा बड़े परदे पर है। और, ये बात फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ के निर्देशक डेस्टिन डैनियल क्रेटन ने एक बार फिर साबित कर दी है। क्रेटन की एमसीयू में ये पहली फिल्म है तो उनके ऊपर अतीत की किसी जिम्मेदारी को बचाए रखने का यहां दबाव नहीं है। उन्होंने मुक्तहस्त से एक ऐसी फिल्म निर्देशित की है जो एमसीयू से अलग करके देखने पर भी अपने आप में संपूर्ण है। अरसे बाद एमसीयू की कोई फिल्म देखते समय किसी तरह का तनाव दिमाग में नहीं बनने पाता है और यही इस फिल्म की जीत है।
फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ का एक दृश्य
– फोटो : मार्वेल स्टूडियोज
बतौर निर्देशक डेस्टिन क्रेटन को यहां अपनी तकनीकी टीम से बहुत मदद मिली है। फिल्म में दिखाए गए नैसर्गिक दृश्य फिल्म की वीएफएक्स पर निर्भरता काफी हद तक कम करते दिखते हैं और फिल्म के दूसरे हिस्से में जहां कहानी वीएफएक्स की मदद लेती भी है तो तब तक दर्शक कहानी में खो चुके होते हैं। एक पौराणिक सी दिखने वाली गाथा का आधुनिक दुनिया के साथ ये अद्भुत संगम है। डेव कैलाहम के साथ मिलकर क्रेटन ने एक सच्ची सी लगने वाली कहानी रची है। और, विलियम पोप की सिनेमैटोग्राफी से ये कहानी परदे पर जीवंत हो उठी है। फिल्म को एक और बहुत बड़ी मदद जोएल पी वेस्ट के रचे संगीत से भी मिलती है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक इस कहानी को दिल के करीब लाने में पूरी तरह कामयाब रहा है।
फिल्म ‘शांग ची एंड द लीजेंड ऑफ द टेन रिंग्स’ का एक दृश्य।
– फोटो : मार्वेल स्टूडियोज
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