न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Thu, 03 Mar 2022 09:34 AM IST
सार
रूस की राजधानी मॉस्को में हुई इस प्रेस वार्ता में रूसी रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन के अधिकारी बेलगोरोड जाने की उनकी इच्छा के विरुद्ध खारकीव में भारतीय छात्रों के एक समूह को ‘जबरन’ रोके हुए हैं।
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विस्तार
भारत स्थित यूक्रेन दूतावास ने भी किया खंडन
इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने इन आरोपों का जोरदार तरीके से खंडन किया और खारिज करते हुए कहा कि यूक्रेन स्वयं लहूलुहान है, वह देश में फंसे हुए सभी विदेशी छात्रों की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने शरणार्थियों की भारी भीड़ के बीच पश्चिमी सीमाओं को पार करने की कोशिश कर रहे छात्रों के मुद्दे को कम करने की अपनी ओर से पूरी कोशिश की और यह समस्या मूल रूप से हल हो गई है। जहां तक मुझे पता है, पश्चिमी सीमा की ओर से भारतीयों का पहला जत्था खारकीव को छोड़ चुका है।
उधर, रूसी अधिकारी द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि यूक्रेनी अधिकारियों ने छात्रों को पेशकश की है कि वे पोलैंड के साथ देश की सीमा के माध्यम से यूक्रेन से बाहर निकल सकते हैं। जबकि पोलिश सीमा का रास्ता एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेनी सेना पर लगाया था आरोप
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हमारी जानकारी के अनुसार, यूक्रेनी अधिकारियों ने भारतीय छात्रों के एक बड़े समूह को जबरन खारकीव में रोके रखा है, जो यूक्रेनी क्षेत्र छोड़कर बेलगोरोड जाना चाहते हैं। एक अधिकारी के अनुसार, बेलगोरोड रूस में एक सीमावर्ती क्षेत्र है और खारकीव से बहुत दूर नहीं है।