सभी ग्रहों में शनिदेव सबसे ज्यादा मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। यह किसी एक राशि में लगभग ढाई वर्षों तक रहते हैं जिस कारण से ज्यादा समय तक राशियों पर इनका प्रभाव रहता है। शनि ग्रह का राशि परिवर्तन काफी मायने रखता है। शनि जब एक राशि को छोड़कर किसी दूसरी राशि में जाते हैं तो किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है तो किसी पर शनि की ढैय्या। शनि एक साथ पांच राशियों पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालते हैं। आइए जानते हैं अब कब शनि का राशि परिवर्तन होने जा रहा है और किन राशि पर शनि का प्रभाव रहेगा।
शनि अभी मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि 24 जनवरी 2020 से इस राशि में हैं। शनि के मकर राशि में होने से पांच राशियों पर इसका प्रभाव है। धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब किसी पर भी शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है तब उसके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। नौकरी में संकट और कार्यों में लगातार बाधाएं आती हैं।
अब साल 2022 में शनि राशि परिवर्तन करने वाले हैं। 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के कुंभ राशि में गोचर से मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी जबकि मकर राशि वाले जातक शनि की साढ़ेसाती स मुक्त हो जाएंगे। वहीं मिथुन और तुला राशि से शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी।
ग्रह अक्सर मार्गी से वक्री और वक्री से मार्गी भी होते रहते हैं। जिस कारण से शनि 12 जुलाई 2022 को एक बार फिर से वक्री चाल से चलने लगेंगे। जिस कारण से दोबारा से मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती आ जाएगी। ऐसी स्थिति 17 जनवरी 2023 तक रहेगी फिर इसके बाद मार्गी होकर कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे।
साल 2022 में आठ राशियों पर शनि का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा।
29 अप्रैल 2022 से लेकर 12 जुलाई 2022 तक- मकर, कुंभ, मीन, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि का प्रभाव रहेगा।
12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक- मकर, कुंभ और धनु राशि पर शनि साढे़साती और मिथुन व तुला राशि पर ढैय्या का प्रभाव रहेगा।
साल 2022 में 08 राशियों पर शनि का प्रभाव- धनु, मकर, कुंभ, मीन, मिथुन, तुला, कर्क और वृश्चिक राशियों पर।
साल 2022 में इन राशि पर शनि का कोई प्रभाव नहीं रहेगा- मेष, वृषभ, सिंह और कन्या राशि।