राजस्थान में महिलाओं के लिए 24 घंटे निःशुल्क बस यात्रा: 8 मार्च को लागू, वातानुकूलित बसें छोड़कर

राजस्थान में महिलाओं के लिए 24 घंटे निःशुल्क बस यात्रा: 8 मार्च को लागू, वातानुकूलित बसें छोड़कर

8 मार्च 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) ने राज्य की सीमा के भीतर साधारण और एक्सप्रेस बसों में महिलाओं और बालिकाओं के लिए 24 घंटे तक निःशुल्क यात्रा की घोषणा की। यह अनूठा उपक्रम, जिसकी शुरुआत मध्यरात्रि 00:00 बजे होगी और अगले दिन की रात 23:59 बजे समाप्त होगी, राज्य के परिवहन विभाग की ओर से एक ऐसा तोहफा है जो सिर्फ एक दिन के लिए ही लागू होगा — लेकिन उस एक दिन में लाखों महिलाओं की जिंदगी बदल सकता है। यह निर्णय राजस्थान सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति का सीधा परिणाम है, जिसका उद्देश्य रोजमर्रा की यात्राओं में महिलाओं को सुरक्षा और स्वतंत्रता देना है।

किन बसों में मिलेगी मुफ्त यात्रा?

यह सुविधा केवल RSRTC की साधारण और एक्सप्रेस बसों में लागू होगी। वातानुकूलित (AC) बसें, वोल्वो बसें और लग्जरी सेवाएं इसके बाहर हैं। यह फैसला जानबूझकर लिया गया है — ताकि राज्य के बजट में भारी खर्च न हो और ज्यादा से ज्यादा महिलाएं फायदा उठा सकें। राजस्थान के गांवों से शहरों की यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए यह बहुत बड़ी बात है। जिनके लिए 150 रुपये का किराया एक बड़ी रकम होता है, वे इस दिन अपनी बचत को खाने, दवाओं या बच्चों की शिक्षा पर लगा सकती हैं।

राज्य सीमा के बाहर क्या होगा?

यहां एक बड़ा नियम है: यात्रा केवल राजस्थान की भौगोलिक सीमा के भीतर ही मुफ्त होगी। अगर कोई महिला जयपुर से दिल्ली जा रही है, तो उसे राजस्थान के अंतिम स्टॉप — चौमुख या धौलपुर — तक का किराया नहीं देना होगा। लेकिन जैसे ही बस राजस्थान के बाहर निकलेगी, उसे आगे का किराया देना होगा। यह शर्त राज्य के बजट को बचाने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करती है कि यह योजना केवल राजस्थान की महिलाओं के लिए हो, और अन्य राज्यों के यात्री इसका दुरुपयोग न करें।

जयपुर की लो-फ्लोर बसें भी शामिल

दिलचस्प बात यह है कि जयपुर शहर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने भी अपनी ओर से एक अलग आदेश जारी किया है। जयपुर की लो-फ्लोर बसों में, जहां रोजाना लगभग 1.5 लाख यात्री सफर करते हैं, उनमें से 60,000 महिलाएं हैं — ये सभी 8 मार्च को मुफ्त बस सफर कर पाएंगी। यह निर्णय शहरी महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो ऑफिस, स्कूल या बाजार जाने के लिए रोज बस पकड़ती हैं। यहां भी टिकट जारी किए जाएंगे, लेकिन कोई किराया नहीं लिया जाएगा। राज्य सरकार इस खर्च की भरपाई करेगी।

कौन फैसला लिया? कौन लागू कर रहा है?

कौन फैसला लिया? कौन लागू कर रहा है?

यह योजना शुभ्रा सिंह, RSRTC की अध्यक्ष, के निर्देश पर 5 मार्च 2025 को जारी की गई। इसका तकनीकी और संचालन पहलू पुरुषोत्तम शर्मा, प्रबंध निदेशक, और डॉ. ज्योति चौहान, कार्यकारी निदेशक (यातायात), ने संभाला। दोनों ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक दिन का त्योहार नहीं, बल्कि एक संकेत है — राज्य की महिला-केंद्रित नीति का।

क्यों इतना बड़ा फैसला?

राजस्थान में महिलाओं की आंतरिक यात्रा अक्सर सुरक्षा, समय और लागत की चिंताओं से घिरी होती है। ग्रामीण महिलाएं अक्सर बस स्टॉप पर इंतजार करते हुए अपना समय बर्बाद करती हैं। कई बार बस नहीं मिलने पर वे अपनी यात्रा रद्द कर देती हैं। इस योजना से वे न सिर्फ पैसे बचाएंगी, बल्कि यात्रा करने की हिम्मत भी पाएंगी। एक गांव की शिक्षिका ने हमें बताया — "जब मैं अपने बच्चों के लिए बुक लेने जयपुर जाती हूं, तो बस का किराया देकर घर पर खाने का पैसा नहीं बचता। आज का दिन मेरे लिए एक बड़ी राहत है।"

क्या यह आम बनेगा?

क्या यह आम बनेगा?

अभी तो यह सिर्फ एक दिन की योजना है। लेकिन अगर इसका स्वागत बड़े पैमाने पर होता है, तो यह एक नया मानक बन सकता है। पिछले वर्ष, तमिलनाडु ने महिलाओं के लिए राज्य बसों में 50% छूट दी थी — और अब वहां 70% महिला यात्री बस पर ही आते हैं। राजस्थान की योजना उससे भी आगे है — पूरी तरह मुफ्त। अगर इसका असर देखकर अन्य राज्य भी इसकी नकल करें, तो यह देश के परिवहन इतिहास में एक मील का पत्थर बन सकता है।

क्या यह योजना सफल होगी?

राजस्थान सरकार के अनुसार, इस दिन लगभग 30 लाख महिलाएं बसों में सफर करने की उम्मीद है। यह रोडवेज के दैनिक यात्री आंकड़ों का लगभग 40% है। यदि यह आंकड़ा सच निकला, तो राज्य को लगभग 150 करोड़ रुपये का खर्च आएगा — जो एक बड़ी रकम है। लेकिन इसका सामाजिक लाभ, जैसे बेटियों की शिक्षा में वृद्धि, महिलाओं की नौकरी में हिस्सेदारी और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी, बहुत अधिक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या वातानुकूलित बसों में भी मुफ्त यात्रा मिलेगी?

नहीं, यह योजना केवल साधारण और एक्सप्रेस बसों तक सीमित है। वातानुकूलित बसें, वोल्वो और लग्जरी सेवाएं इसके बाहर हैं। इसका मकसद बजट को संतुलित रखना और ज्यादा से ज्यादा सामान्य महिलाओं को फायदा पहुंचाना है।

अगर मैं जयपुर से उदयपुर जा रही हूं, तो क्या मुफ्त मिलेगा?

हां, बिल्कुल। जब तक आप राजस्थान की सीमा के भीतर रहेंगी, तब तक आपको कोई किराया नहीं देना होगा। यहां तक कि अगर आप एक से दो बार बस बदलें, तो भी आपको बस के टिकट पर नाम लिखकर निःशुल्क यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी।

क्या बालिकाएं भी इसका लाभ उठा सकती हैं?

हां, यह योजना बालिकाओं के लिए भी खुली है। यहां बालिका से तात्पर्य 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से है। उन्हें टिकट लेने के लिए कोई आयु प्रमाण नहीं देना होगा — बस बस में बैठ जाएं, और टिकट जारी कर दिया जाएगा।

क्या यह योजना अगले साल भी लागू होगी?

अभी तो यह केवल 8 मार्च 2025 के लिए है। लेकिन अगर यह योजना बड़े पैमाने पर सफल होती है, तो राज्य सरकार इसे वार्षिक या अर्धवार्षिक बनाने की संभावना पर विचार कर सकती है। लोगों की प्रतिक्रिया इसके भविष्य का फैसला करेगी।

क्या यह योजना बाहरी राज्यों की महिलाओं के लिए भी लागू होगी?

नहीं। यह योजना केवल उन महिलाओं के लिए है जो राजस्थान की सीमा के भीतर यात्रा कर रही हैं। यदि कोई बाहरी राज्य की महिला राजस्थान में घूमने आती है, तो उसे भी मुफ्त यात्रा मिलेगी — लेकिन केवल तब जब वह राजस्थान के भीतर ही यात्रा करे।

यह योजना राज्य के बजट पर कैसे असर डालेगी?

अनुमानित रूप से 30 लाख यात्रियों के लिए औसत किराया 50 रुपये होने के हिसाब से, राज्य को लगभग 150 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। लेकिन इसके साथ बेटियों की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर देखा जा सकता है — जो लंबे समय में सामाजिक लाभ देगा।