फोन टैपिंग को वायर टैपिंग या लाइन बगिंग भी कहा जाता है। यदि कोई अन्य व्यक्ति बगैर इजाजत के किसी की बातचीत या वार्तालाप सुनता है या पढ़ता है तो उसे फोन टैपिंग कहते हैं। उदाहरण के तौर पर कहें तो अगर आप फोन पर किसी से बात कर रहे हैं और वार्तालाप में शामिल व्यक्तियों के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति आप दोनों की बात को रिकॉर्ड करता है या पढ़ता है, तो इसे वायर टैपिंग कहा जाता है।
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Phone Tapping: क्या होता है फोन टैपिंग? क्या सरकार के पास आपके फोन को टैप करने की अनुमति है, जानें क्या कहता है नियम?
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कई राज्यों में हलचल मची हुई है। ऐसे में पक्ष और विपक्ष हमेशा की ही तरह एक दूसरे के साथ आरोप प्रत्यारोप का खेल, खेल रहे हैं। हर पार्टी अपना पक्ष भारी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इस दौरान एक मुद्दा है जिसे कुछ ज्यादा ही हवा दी जा रही है। आपने पिछले कई रैलियों, भाषणों, इंटरव्यू और सोशल मीडिया पर देखा होगा कि विपक्ष फोन टैपिंग को अहम मुद्दा बना रहा है। फोन टैपिंग को लेकर कई बड़े नेता भी एक दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर फोन टैपिंग है क्या? आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर भारत में फोन टैंपिंग को लेकर क्या कानून है? साथ ही कानून के मुताबिक फोन टैपिंग किस अधिकार के खिलाफ है? जिसके चलते ये चर्चा का विषय बना हुआ है। आइए जानते हैं कि फोन टैपिंग किसे कहते हैं?
भारत की बात की जाए तो ये हमारे देश में गैर कानूनी है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार के लिए ये करना गैर कानूनी है या नहीं? तो इसका जवाब है हां। आपके फोन कॉल्स को सरकार भी रिकॉर्ड नहीं कर सकती है। हालांकि सरकार को फोन टैप करने के विशेष अधिकार प्राप्त हैं। निश्चित प्रक्रिया के चलते सरकार एक विशेष परिस्थितियों में ही ऐसा कर सकती है।
आपको पता होना चाहिए कि यदि आपका फोन कोई टैप करता है तो इससे आपके एक अधिकार का उल्लंघन होता है। यह अधिकार है राइट टू प्राइवेसी यानी निजता का अधिकार। इसके तहत कोई भी व्यक्ति आपके निजी वार्तालाप को रिकॉर्ड नहीं कर सकता है। इंडियन टेलिग्राफ एक्ट सेक्शन 5(2) के तहत फोन टैपिंग का जिक्र किया गया है। इसको आप 1990 में हुए पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर फोन टैपिंग केस के उदाहरण से भी समझ सकते हैं। तब कोर्ट ने ये कहा था कि फोन टैंपिंग निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के मुताबिक सरकार को केवल कुछ ही परिस्थितियों में फोन टैप करने की इजाजत है। सेक्शन (1) और (2) के तहत पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी के उद्देश्य से सरकार ऐसा कर सकती है। ऐसा करने के लिए सरकार को कई प्रकार की स्वीकृतियां लेनी पड़ती हैं। यदि किसी व्यक्ति के साथ ऐसा किया जाए तो उसे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का पूरा हक है।