Astrology

Kashi Vishwanath Dham : रेवती नक्षत्र और मातंग योग में धाम की प्रतिष्ठा, जानें क्या कहता है आज का पंचांग

Posted on

{“_id”:”61b6dd6b94dfe053c83eeea8″,”slug”:”kashi-vishwanath-dham-corridor-project-inauguration-aaj-ka-panchang-shubh-muhurat-time-nakshatra-and-shlesha-nadi”,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Kashi Vishwanath Dham : रेवती नक्षत्र और मातंग योग में धाम की प्रतिष्ठा, जानें क्या कहता है आज का पंचांग”,”category”:{“title”:”Astrology”,”title_hn”:”ज्योतिष”,”slug”:”astrology”}}

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Mon, 13 Dec 2021 11:13 AM IST

सार

प्रधानमंत्री के हाथों से काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण आज के पंचांग के अनुसार रेवती नक्षत्र में होगा। रेवती नक्षत्र 13 दिसंबर के दोपहर 01 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।

काशी विश्वनाथ धाम
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

Kashi Vishwanath Dham Corridor Project Inauguration: आज 13 दिसंबर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जाना है। काशी विश्वनाथ धाम का नया स्वरूप बनाने में करीब 33 महीने और 700 करोड़ की लागत लगी है। प्रधानमंत्री के हाथों से काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण आज के पंचांग के अनुसार रेवती नक्षत्र में होगा। रेवती नक्षत्र 13 दिसंबर के दोपहर 01 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा और इसी शुभ मुहूर्त में काशी धाम का लोकार्पण किया जाएगा।

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का शुभ मुहूर्त काशी प्रसिद्ध ज्योतिषी और वैदिक विद्वान आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविण ने निकाला है। इससे पहले अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का शिलान्यास का शुभ मुहूर्त आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविण ने ही तय किया था। हिंदू पंचांग के अनुसार विक्रम संवत 2078, शालिवाहन शक 1943, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि सोमवार के दिन रेवती नक्षत्र और श्लेषा नाड़ी के काल है। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण और पूजा प्रतिष्ठा दिन के आठवें होरा में करना बहुत ही शुभ और कल्याणकारी रहेगा। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार आठवां होरा चंद्रमा का होता है और चंद्रमा शिवजी के मस्तक में शुशोभित होता है। इसलिए इस शुभ मुहूर्त में पूजा करना शुभ रहेगा। इसके आलावा 13 दिसंबर 2021 को मातंग नाम का शुभ योग भी बन रहा है।  

क्या होता है रेवती नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 27 नक्षत्र होते हैं-अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

इनमें 15 नक्षत्रों को बहुत ही शुभ और कल्याणकारी माना गया है जिसमें रेवती नक्षत्र भी आता है। शुभ नक्षत्र वो होते हैं जिनमें किए गए सभी काम सिद्ध और सफल होते हैं। इनमें 15 नक्षत्रों को माना जाता है – रोहिणी, अश्विन, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, चित्रा, रेवती, श्रवण, स्वाति, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढा, उत्तरा फाल्गुनी, घनिष्ठा, पुनर्वसु

आज का पंचांग
पंचांग की गणना के अनुसार दशमी तिथि रात्रि के 09 बजकर 33 मिनट तक रहेगी फिर इसके बाद एकादशी तिथि का शुरुआत, रेवती नक्षत्र रात्रि 02 बजकर 56 मिनट तक फिर इसके बाद आश्विन नक्षत्र का आरंभ हो जाएगा। राहुकाल का समय सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा और विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

विस्तार

Kashi Vishwanath Dham Corridor Project Inauguration: आज 13 दिसंबर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जाना है। काशी विश्वनाथ धाम का नया स्वरूप बनाने में करीब 33 महीने और 700 करोड़ की लागत लगी है। प्रधानमंत्री के हाथों से काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण आज के पंचांग के अनुसार रेवती नक्षत्र में होगा। रेवती नक्षत्र 13 दिसंबर के दोपहर 01 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा और इसी शुभ मुहूर्त में काशी धाम का लोकार्पण किया जाएगा।

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का शुभ मुहूर्त काशी प्रसिद्ध ज्योतिषी और वैदिक विद्वान आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविण ने निकाला है। इससे पहले अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का शिलान्यास का शुभ मुहूर्त आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविण ने ही तय किया था। हिंदू पंचांग के अनुसार विक्रम संवत 2078, शालिवाहन शक 1943, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि सोमवार के दिन रेवती नक्षत्र और श्लेषा नाड़ी के काल है। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण और पूजा प्रतिष्ठा दिन के आठवें होरा में करना बहुत ही शुभ और कल्याणकारी रहेगा। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार आठवां होरा चंद्रमा का होता है और चंद्रमा शिवजी के मस्तक में शुशोभित होता है। इसलिए इस शुभ मुहूर्त में पूजा करना शुभ रहेगा। इसके आलावा 13 दिसंबर 2021 को मातंग नाम का शुभ योग भी बन रहा है।  

क्या होता है रेवती नक्षत्र

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 27 नक्षत्र होते हैं-अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।

इनमें 15 नक्षत्रों को बहुत ही शुभ और कल्याणकारी माना गया है जिसमें रेवती नक्षत्र भी आता है। शुभ नक्षत्र वो होते हैं जिनमें किए गए सभी काम सिद्ध और सफल होते हैं। इनमें 15 नक्षत्रों को माना जाता है – रोहिणी, अश्विन, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, चित्रा, रेवती, श्रवण, स्वाति, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढा, उत्तरा फाल्गुनी, घनिष्ठा, पुनर्वसु

आज का पंचांग

पंचांग की गणना के अनुसार दशमी तिथि रात्रि के 09 बजकर 33 मिनट तक रहेगी फिर इसके बाद एकादशी तिथि का शुरुआत, रेवती नक्षत्र रात्रि 02 बजकर 56 मिनट तक फिर इसके बाद आश्विन नक्षत्र का आरंभ हो जाएगा। राहुकाल का समय सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा और विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

Source link

Click to comment

Most Popular