फ्रेंड्स, अगर आपको लगता है कि भारत की होम सीरीज में इंग्लैंड का जादू चल रहा है, तो विजयवाड़ा का मैच आपकी सोच को बदल देगा। भारत बनाम इंग्लैंड का दूसरा टेस्ट, शुक्रवार, 2 फरवरी 2024 को सुबह 9:30 बजे डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम, विजयवाड़ा में शुरू हुआ। यह वही मैदान है जहां इंग्लैंड कभी जीत नहीं पाया—कभी नहीं। भारत ने पहले दो टेस्ट मैचों में यहां 246 रन और 203 रन से जीत दर्ज की है। अब तीसरा टेस्ट भी इसी रिकॉर्ड को जारी रखेगा? या इंग्लैंड इतिहास बदल देगा? ये सवाल आज पूरे देश को लहरा रहे हैं।
पिच का रहस्य: ब्लैक सॉइल और स्पिन का खेल
विजयवाड़ा की पिच को ब्लैक सॉइल के रूप में जाना जाता है—एक ऐसा सतह जो शुरुआत में बेहद सूखी और बिना हरियाली के लगती है। एक अंग्रेजी पत्रकार ने ट्वीट किया कि पिच पर ‘कोई हरा धब्बा नहीं’ था। यानी गेंदबाजों के लिए शुरुआती दिनों में तेज गेंदबाजी के लिए कोई मदद नहीं। लेकिन यही जगह है जहां तीसरे दिन के बाद सब कुछ बदल जाता है। पिच फटने लगती है, धूल उड़ने लगती है, और स्पिनर्स को बार-बार गेंद को उछालने और घूमने का मौका मिलता है। यह वो जगह है जहां रविचंद्रन अश्विन ने अपने सबसे बड़े जीत के लिए गेंदों को नरम बनाया।
भारत की चुनौती: जडेजा और केएल राहुल का अनुपस्थिति
भारत ने इस मैच में अपने दो सबसे बड़े खिलाड़ियों के बिना शुरुआत की। रवींद्र जडेजा की चोट के कारण उनकी जगह वाशिंगटन सुंदर ने ली, जो एक जैसे ऑलराउंडर के रूप में तैयार हैं। वहीं, केएल राहुल के अनुपस्थिति से विकेटकीपर बल्लेबाजी की भारी जिम्मेदारी रोहित शर्मा के कंधों पर आ गई। इसके अलावा, पहले मैच में यशस्वी जैसवाल ने चार कैच छोड़े—एक ऐसी गलती जो टेस्ट क्रिकेट में खतरनाक होती है। भारत के लिए अब फील्डिंग और निचले ऑर्डर की बल्लेबाजी पर नजर रखना होगा।
इंग्लैंड की रणनीति: बाजबल और तीन स्पिनर्स
इंग्लैंड ने पहले टेस्ट में अपनी ताकत दिखाई। ओली पोप ने 196 रन की शानदार पारी खेली, और टॉम हार्टले ने एक टेस्ट मैच में नौ विकेट लेकर बड़ा नाम कमाया। अब वे विजयवाड़ा में तीन स्पिनर्स—हार्टले, जॉनी बेल्स, और रोस टेलर—के साथ आए हैं। यह एक साफ संकेत है कि वे इस पिच के बारे में जानते हैं। उनकी रणनीति स्पष्ट है: शुरुआत में बल्लेबाजी को दबाएं, और फिर तीसरे दिन के बाद गेंद को उछालकर भारत के बल्लेबाजों को फंसाएं।
इतिहास का बोझ: विजयवाड़ा में इंग्लैंड की हार का रिकॉर्ड
यहां आए हुए इंग्लैंड के लिए यह जगह सिर्फ एक मैदान नहीं, एक श्राप है। 2016 में यहां खेले गए एकमात्र पहले टेस्ट में भारत ने 203 रन से जीत दर्ज की। अब आठ साल बाद, इंग्लैंड फिर से यहीं आया है। उनके पास कोई अनुभव नहीं है—कोई जीत नहीं, कोई ड्रॉ नहीं। केवल हार। और इस बार भी भारत की टीम ने बड़े स्कोर बनाए हैं—455 और 502 रन। यह पिच अहमदाबाद की तरह बेकार नहीं है, और न ही यह एक रैंक टर्नर है। यह एक धीमी, स्पिन-अनुकूल पिच है, जहां बल्लेबाज जीत सकते हैं, लेकिन बहुत मेहनत करके।
अगले दिन क्या होगा? बारिश और बल्लेबाजी का टाइमलाइन
मैच के तीसरे दिन बारिश का खतरा है, लेकिन बारिश के कारण मैच रद्द होने की संभावना कम है। अगर बारिश नहीं होती, तो भारत के लिए दूसरी पारी में 300+ रन बनाना जरूरी होगा। विजयवाड़ा में चौथी पारी का चेस आमतौर पर असंभव होता है—पिच बहुत खराब हो जाती है। अगर भारत पहली पारी में 400+ रन बना देता है, तो इंग्लैंड के लिए जीतना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। वहीं, अगर भारत का निचला ऑर्डर फेल हो गया, तो इंग्लैंड के लिए एक बड़ा मौका खुल जाएगा।
स्टैट्स का नज़ारा: गवास्कर, एंडरसन और अश्विन का युद्ध
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट इतिहास में कुल 117 मैच खेले गए हैं। इंग्लैंड के 52 जीत, भारत के 35 जीत और 50 ड्रॉ। लेकिन भारत में? भारत के 35 जीत में से 26 यहां हुए हैं। वहीं, इंग्लैंड के 52 जीत में से 37 अपने घर पर हुए। सुनील गवास्कर ने इंग्लैंड के खिलाफ 2,483 रन बनाए। जेम्स एंडरसन ने 149 विकेट लिए। और रविचंद्रन अश्विन ने आज भी इंग्लैंड के लिए एक दुश्मन के रूप में नाम कमाया है। ये स्टैट्स बस नंबर नहीं—ये एक भावना हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
विजयवाड़ा की पिच पर भारत क्यों इतनी ज्यादा जीतता है?
विजयवाड़ा की ब्लैक सॉइल पिच धीमी होती है और तीसरे दिन के बाद फटने लगती है, जिससे स्पिनर्स को बड़ा फायदा होता है। भारत के स्पिनर्स—अश्विन, जडेजा, सुंदर—इस तरह की पिच पर अनुभवी हैं। इंग्लैंड के बल्लेबाज इस तरह की धीमी और घूमने वाली पिच पर आमतौर पर फंस जाते हैं। इसलिए यहां भारत का जीतना लगभग नियम बन चुका है।
रवींद्र जडेजा की चोट ने भारत की टीम को कैसे प्रभावित किया?
जडेजा न केवल एक बल्लेबाज हैं, बल्कि एक बेहतरीन ऑलराउंडर और फील्डर भी हैं। उनकी कमी से भारत के लिए बार-बार विकेट लेने और दूसरी पारी में रन बनाने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। वाशिंगटन सुंदर अच्छे हैं, लेकिन जडेजा के जैसी अनुभवी और बहुमुखी प्रतिभा को बदलना मुश्किल है। यह भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है।
इंग्लैंड के तीन स्पिनर्स क्यों चुने गए?
इंग्लैंड ने विजयवाड़ा की पिच के बारे में गहराई से अध्ययन किया है। उन्होंने देखा कि पिच शुरुआत में सूखी है, लेकिन बाद में स्पिन के लिए बहुत अच्छी हो जाती है। इसलिए उन्होंने टॉम हार्टले, जॉनी बेल्स और रोस टेलर को चुना। यह एक जोखिम भरी रणनीति है, लेकिन उनके लिए एकमात्र रास्ता है।
अगर भारत इस मैच को जीत गया, तो सीरीज की स्थिति क्या होगी?
अगर भारत इस मैच को जीत गया, तो सीरीज 1-1 से बराबर हो जाएगी। इसके बाद तीसरा टेस्ट बेंगलुरु में होगा, जहां भारत का रिकॉर्ड बहुत मजबूत है। अगर भारत यहां जीत जाता है, तो वह श्रृंखला में आगे निकल जाएगा। इंग्लैंड के लिए अब बचा हुआ समय बहुत कम है।
क्या बारिश मैच को बर्बाद कर सकती है?
तीसरे दिन बारिश की संभावना है, लेकिन तूफान जैसी बारिश का अनुमान नहीं है। अगर बारिश एक घंटे के लिए हुई, तो मैच दो घंटे आगे बढ़ जाएगा। लेकिन अगर बारिश दो दिन तक रुक गई, तो मैच ड्रॉ हो सकता है। लेकिन ऐसा होने की संभावना कम है।
इस मैच का नतीजा क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
क्योंकि यह भारत के घरेलू अहंकार का परीक्षण है। इंग्लैंड ने पहले मैच में बाजबल अपनाकर जीत दर्ज की। अगर वे विजयवाड़ा में भी जीत जाते हैं, तो वे भारत के घर पर भी जीत का रास्ता बना देंगे। लेकिन अगर भारत जीत जाता है, तो यह दिखाएगा कि भारत की घरेलू जीत का जादू अभी भी जीवित है।