पं जयगोविंद शास्त्री, ज्योतिषाचार्य, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Sun, 17 Oct 2021 10:29 AM IST
देवगुरु बृहस्पति 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर मकर राशि में गोचर करते हुए मार्गी हो रहे हैं। इसी अवस्था में गोचर करते हुए ये 20 नवंबर की रात्रि 11 बजकर 17 मिनट पर धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति मकर राशि में नीचराशि तथा कर्क राशि में उच्चराशिगत संज्ञक माने गए हैं। शनि के घर में गोचर कर रहे गुरु का शनि के साथ रहना नीच भंग योग बना रहा है अतः इसका कुप्रभाव जातकों पर नहीं पड़ेगा। इनके राशि परिवर्तन का अन्य राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।