Grah Nakshatra: मंगल एक लाल और उग्र ग्रह है जिसे कुजा भी कहा जाता है जिसका अर्थ है पृथ्वी से पैदा हुआ। यह आक्रामक ग्रह माना जाता है और अस्थि मज्जा, हीमोग्लोबिन, रीढ़ की हड्डी पर नियंत्रण रखता है और साथ ही यह भाई-बहनों का कारक है। यह अचल संपत्ति, कृषि को नियंत्रित करता है और सैन्य, पुलिस, खिलाड़ियों और संबंधित क्षेत्रों जैसे व्यवसायों की ओर जाता है। मंगल दुर्बल या अस्त होने पर अशुभ होता है। मंगल प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में हो तो अशुभ माना जाता है। जब ग्रह जन्म कुंडली में अशुभ स्थिति में गोचर करते हैं और वे अन्य पाप ग्रहों से प्रभावित होते हैं, तो यह नकारात्मक परिणाम देता है। ज्योतिषशास्त्र में मंगल ग्रह को साहस और पराक्रम का प्रतीक माना गया है। यदि किसी की कुंडली में मंगल की स्थिति सही नहीं होती तो व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं मंगल के अशुभ फल देने के संकेत क्या है-
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Grah Nakshatra: अशुभ फल देता है अगर ये ग्रह तो स्वास्थ्य को होती है हानि, भाई-बहनों से रहता है मनमुटाव
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल खराब हो, तो उसे रक्त संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें रक्तचाप फोड़े-फुन्सी जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा व्यक्ति को गुर्दे में पथरी गठिया और आंखों से संबंधित परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो ऐसे लोग आक्रामक स्वभाव के हो जाते हैं, इनकी अपने भाइयों से भी नहीं बनती है। कई बार अपने उग्र स्वभाव के कारण इन्हें कोर्ट-कचहरी संबंधी मामलों में भी फंसना पड़ जाता है।
- ज्योतिष शास्त्र की मानें तो मांस-मदिरा का सेवन करने के कारण भी मंगल अशुभ फल प्रदान करता है। इसके साथ ही भाई के साथ गलत व्यवहार करने वाले जातकों का मंगल भी शुभ फल नहीं देता है। मंगल को सही करने के लिए उपाय करने के साथ ही अपने व्यवहार को भी सही रखना चाहिए।
मंगल ग्रह के दोष को कम करने के उपाय
- यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो उसे हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
- मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में उग्र स्वभाव बनाता है, इसलिए जातक को अपने क्रोध पर नियंत्रण करने का प्रयास करना चाहिए।
- मंगलवार के दिन गेहूं, तांबा, लाल कपड़ा, माचिस, लाल फल और गुड़ आदि चीजों का दान करने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- मंगल ग्रह से संबंधित मंत्रों का जाप करने से भी मंगल का अशुभ प्रभाव कम होता है।