टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Fri, 03 Dec 2021 12:22 PM IST
सार
StopNCII.org को लेकर करुणा ने कहा है कि इस प्लेटफॉर्म का मकसद किसी सहमति के बिना उसकी तस्वीरों को वायरल और शेयर होने से रोकना है। यह प्लेटफॉर्म पीड़ितों को कई सारे टूल देता है जिसकी मदद से वे शिकायत कर सकते हैं।
फेसबुक का नया महिला सुरक्षा फीचर
– फोटो : stopncii.org
Meta (Facebook) ने भारत में अपने प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई सारे सेफ्टी फीचर्स पेश किए हैं। मेटा ने StopNCII.org की लॉन्चिंग की भी घोषणा की है जिसका लक्ष्य गैर-सहमति वाली अंतरंग तस्वीरों को वायरल होने से रोकना है। Meta ने वूमन सेफ्टी हब भी पेश किया है जो कि हिंदी समेत अन्य 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। सेफ्टी हब में महिलाओं को फेसबुक पर सुरक्षित रहने के टिप्स दिए जाएंगे। इसके लिए उन्हें कई स्पेशल टूल भी मिलेंगे। मेटा प्लेटफॉर्म्स की निदेशक (वैश्विक सुरक्षा नीति) करुणा नैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि मेटा की यह पहल सुनिश्चित करेगी कि महिलाओं को भाषा को लेकर कोई समस्या ना हो।
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे सभी प्लेटफार्मों पर एक सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव बनाने और पेश करने के लिए यूजर्स की सुरक्षा मेटा की प्रतिबद्धता का एक अभिन्न अंग है और पिछले कुछ वर्षों में कंपनी ने ऑनलाइन यूजर्स की सुरक्षा के लिए कई सारे टूल पेश किए हैं। आगे भी हम यूजर्स की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन टूल पेश करेंगे। खास महिलाओं के लिए।’
StopNCII.org को लेकर करुणा ने कहा है कि इस प्लेटफॉर्म का मकसद किसी सहमति के बिना उसकी तस्वीरों को वायरल और शेयर होने से रोकना है। यह प्लेटफॉर्म पीड़ितों को कई सारे टूल देता है जिसकी मदद से वे शिकायत कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि शिकायत करने पर यह प्लेटफॉर्म यूजर्स से उसकी फोटो नहीं लेता है, बल्कि एक यूनिक आईडी के जरिए विवादित पोस्ट पर एक्शन लिया जाता है। उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई फोटो अपलोड होती है तो फेसबुक के ऑटोमेटिक टूल उसकी स्कैनिंग करते हैं। मेटा ने अपने प्लेटफॉम पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेंटर फॉर रिसर्च (CSR) और Red Dot फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है।
मेटा के मुताबिक भारत की महज 33 फीसदी महिलाएं ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती हैं, जबकि पुरुषों की संख्या 67 फीसदी है। महिलाओं के सोशल मीडिया पर नहीं आने के पीछे सबसे बड़ा कारण सेफ्टी है। उन्हें हमेशा अपनी तस्वीरों के गलत इस्तेमाल होने का डर रहता है।
विस्तार
Meta (Facebook) ने भारत में अपने प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई सारे सेफ्टी फीचर्स पेश किए हैं। मेटा ने StopNCII.org की लॉन्चिंग की भी घोषणा की है जिसका लक्ष्य गैर-सहमति वाली अंतरंग तस्वीरों को वायरल होने से रोकना है। Meta ने वूमन सेफ्टी हब भी पेश किया है जो कि हिंदी समेत अन्य 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। सेफ्टी हब में महिलाओं को फेसबुक पर सुरक्षित रहने के टिप्स दिए जाएंगे। इसके लिए उन्हें कई स्पेशल टूल भी मिलेंगे। मेटा प्लेटफॉर्म्स की निदेशक (वैश्विक सुरक्षा नीति) करुणा नैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि मेटा की यह पहल सुनिश्चित करेगी कि महिलाओं को भाषा को लेकर कोई समस्या ना हो।
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे सभी प्लेटफार्मों पर एक सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव बनाने और पेश करने के लिए यूजर्स की सुरक्षा मेटा की प्रतिबद्धता का एक अभिन्न अंग है और पिछले कुछ वर्षों में कंपनी ने ऑनलाइन यूजर्स की सुरक्षा के लिए कई सारे टूल पेश किए हैं। आगे भी हम यूजर्स की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन टूल पेश करेंगे। खास महिलाओं के लिए।’
StopNCII.org को लेकर करुणा ने कहा है कि इस प्लेटफॉर्म का मकसद किसी सहमति के बिना उसकी तस्वीरों को वायरल और शेयर होने से रोकना है। यह प्लेटफॉर्म पीड़ितों को कई सारे टूल देता है जिसकी मदद से वे शिकायत कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि शिकायत करने पर यह प्लेटफॉर्म यूजर्स से उसकी फोटो नहीं लेता है, बल्कि एक यूनिक आईडी के जरिए विवादित पोस्ट पर एक्शन लिया जाता है। उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई फोटो अपलोड होती है तो फेसबुक के ऑटोमेटिक टूल उसकी स्कैनिंग करते हैं। मेटा ने अपने प्लेटफॉम पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेंटर फॉर रिसर्च (CSR) और Red Dot फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है।
मेटा के मुताबिक भारत की महज 33 फीसदी महिलाएं ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती हैं, जबकि पुरुषों की संख्या 67 फीसदी है। महिलाओं के सोशल मीडिया पर नहीं आने के पीछे सबसे बड़ा कारण सेफ्टी है। उन्हें हमेशा अपनी तस्वीरों के गलत इस्तेमाल होने का डर रहता है।
Source link
Like this:
Like Loading...