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Diwali 2021 Pujan Muhurat : आज इस समय करें बहीखाता, घर, दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री में मां लक्ष्मी की पूजा

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ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Thu, 04 Nov 2021 12:59 PM IST

सार

लक्ष्मी पूजन से पूर्व भगवान गणेश, विष्णु, इंद्र, कुबेर और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। लक्ष्मी पूजन सिर्फ घर में ही नहीं बल्कि दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री आदि में भी होता है ताकि धन-धान्य और वैभव बना रहे। आइए जानें इस बार दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री आदि में लक्ष्मी पूजन का सही समय क्या है। 

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आज कार्तिक मास की अमावस्या यानि 4 नवंबर को पूरे देश में दिवाली का त्योहार पूरे धूम धाम से मनाया जा रहा है। भागवत पुराण के अनुसार ऐसा माना जाता है कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी का प्रकाट्य हुआ था। इसके साथ ही यह भी कहते हैं कि आज के ही दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और जो भक्त साफ सफाई रखते हुए पूरे विधि विधान से पूजन करता हैं मां लक्ष्मी उनके घर निवास करती है। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने का विधान है। दिवाली के दिन दफ्तर, दुकान आदि में भी पूजा होती है। व्यापारी बही खाते का पूजन करते हैं। इसलिए दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का अलग मुहूर्त निकाला जाता है।  दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री आदि में लक्ष्मी पूजन होने से धन-धान्य का वैभव बना रहता है। आइए जानें इस बार दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री आदि में लक्ष्मी पूजन का सही समय क्या है।

लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त

तिथि: कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या 
अमावस्या तिथि आरंभ: 4 नवंबर, गुरुवार प्रातः  06: 03 मिनट से 
अमावस्या तिथि समाप्त: 5 नवंबर, शुक्रवार प्रातः 02: 44 मिनट तक
प्रदोष काल समय: सायं 05:34 से  रात्रि 8:10 मिनट तक
वृषभ काल समय:  सायं  06 :09 से रात्रि 8:04 मिनट तक
सिंह काल समय- रात्रि 12: 42 से 02:59 मिनट तक

ऑफिस, दुकान और फैक्ट्री के लिए पूजन का सही समय

4 नवंबर 2021, गुरुवार के दिन दोपहर 12 :10  से  01:35 मिनट तक का समय शुभ 

दिवाली के दिन बही-खाता का ऐसे करें पूजन

आज दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ बही-खाता पूजन करने का भी विधान है। माना जाता है कि इस दिन बही-खाता पूजन से माता लक्ष्मी की कृपा साल भर बनी रहती है। दिवाली के दिन इस विधि से लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ बही-खाता पूजन करना चाहिए। आइए जानते हैं दिवाली के दिन बही खाता पूजन की सही विधि-

  • बही-खातों का पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त में नए खाता पुस्तकों पर केसर और चंदन मिलकर लाल कुमकुम से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं।
  • इसके उपरांत इन बही-खाताऔर पुस्तकों के ऊपर ‘श्री गणेशाय नम:’ लिखें।
  • इसके बाद एक नई थैली लेकर उसमें हल्दी की पांच गांठे, कमलगट्टा, अक्षत, दूर्वा, धनिया और दक्षिणा रखकर, थैली में भी स्वास्तिक का चिह्न लगाकर सरस्वती मां का स्मरण करें।
  • इसके बाद माता सरस्वती का ध्यान करें।
  • अब बही खातों का गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें।
  • जिस स्थान पर नवग्रह यंत्र बनाया गया है वहां दक्षिणा, सोना या चांदी का सिक्का, लक्ष्मी जी की मूर्ति या मिट्टी के बने हुए लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती जी की मूर्तियां सजाएं।
  • यदि आपके पास कोई धातु की मूर्ति है तो उसे साक्षात रूप मानकर दूध, दही ओर गंगाजल से स्नान कराकर अक्षत, चंदन का श्रृंगार करके फूल आदि से सजाएं।
  • इसके साथ ही दाहिने ओर एक पंचमुखी दीपक अवश्य जलाएं, जिसमें घी या तिल का तेल प्रयोग किया जाता है।

विस्तार

आज कार्तिक मास की अमावस्या यानि 4 नवंबर को पूरे देश में दिवाली का त्योहार पूरे धूम धाम से मनाया जा रहा है। भागवत पुराण के अनुसार ऐसा माना जाता है कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी का प्रकाट्य हुआ था। इसके साथ ही यह भी कहते हैं कि आज के ही दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और जो भक्त साफ सफाई रखते हुए पूरे विधि विधान से पूजन करता हैं मां लक्ष्मी उनके घर निवास करती है। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने का विधान है। दिवाली के दिन दफ्तर, दुकान आदि में भी पूजा होती है। व्यापारी बही खाते का पूजन करते हैं। इसलिए दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का अलग मुहूर्त निकाला जाता है।  दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री आदि में लक्ष्मी पूजन होने से धन-धान्य का वैभव बना रहता है। आइए जानें इस बार दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री आदि में लक्ष्मी पूजन का सही समय क्या है।

लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त

तिथि: कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या 

अमावस्या तिथि आरंभ: 4 नवंबर, गुरुवार प्रातः  06: 03 मिनट से 

अमावस्या तिथि समाप्त: 5 नवंबर, शुक्रवार प्रातः 02: 44 मिनट तक

प्रदोष काल समय: सायं 05:34 से  रात्रि 8:10 मिनट तक

वृषभ काल समय:  सायं  06 :09 से रात्रि 8:04 मिनट तक

सिंह काल समय- रात्रि 12: 42 से 02:59 मिनट तक

ऑफिस, दुकान और फैक्ट्री के लिए पूजन का सही समय

4 नवंबर 2021, गुरुवार के दिन दोपहर 12 :10  से  01:35 मिनट तक का समय शुभ 

दिवाली के दिन बही-खाता का ऐसे करें पूजन

आज दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ बही-खाता पूजन करने का भी विधान है। माना जाता है कि इस दिन बही-खाता पूजन से माता लक्ष्मी की कृपा साल भर बनी रहती है। दिवाली के दिन इस विधि से लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ बही-खाता पूजन करना चाहिए। आइए जानते हैं दिवाली के दिन बही खाता पूजन की सही विधि-

  • बही-खातों का पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त में नए खाता पुस्तकों पर केसर और चंदन मिलकर लाल कुमकुम से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं।
  • इसके उपरांत इन बही-खाताऔर पुस्तकों के ऊपर ‘श्री गणेशाय नम:’ लिखें।
  • इसके बाद एक नई थैली लेकर उसमें हल्दी की पांच गांठे, कमलगट्टा, अक्षत, दूर्वा, धनिया और दक्षिणा रखकर, थैली में भी स्वास्तिक का चिह्न लगाकर सरस्वती मां का स्मरण करें।
  • इसके बाद माता सरस्वती का ध्यान करें।
  • अब बही खातों का गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें।
  • जिस स्थान पर नवग्रह यंत्र बनाया गया है वहां दक्षिणा, सोना या चांदी का सिक्का, लक्ष्मी जी की मूर्ति या मिट्टी के बने हुए लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती जी की मूर्तियां सजाएं।
  • यदि आपके पास कोई धातु की मूर्ति है तो उसे साक्षात रूप मानकर दूध, दही ओर गंगाजल से स्नान कराकर अक्षत, चंदन का श्रृंगार करके फूल आदि से सजाएं।
  • इसके साथ ही दाहिने ओर एक पंचमुखी दीपक अवश्य जलाएं, जिसमें घी या तिल का तेल प्रयोग किया जाता है।

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