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Davis Cup: भारत मार्च में डेविस कप में करेगा डेनमार्क की मेजबानी, 38 साल बाद दोनों टीमें आमने-सामने होंगी
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 06 Dec 2021 09:36 PM IST
सार
तीन साल बाद भारतीय टेनिस टीम घर में कोई मुकाबला खेलेगी। दोनों टीमों के बीच हुए पिछले दो मैचों में से दोनों ने एक-एक मैच जीता है।
डेविस कप
– फोटो : सोशल मीडिया
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भारत ने इससे पहले फिनलैंड (2021), क्रोएशिया (2020) और कजाकिस्तान (2019, पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले के लिए) की यात्रा की थी। भारत ने फरवरी 2019 में अपनी सरजमीं पर इटली की मेजबानी की। कोलकाता में खेले गए इस मुकाबले में उसे 1-3 से हार मिली थी।
डेनमार्क के पास होल्गर रूण (103 वीं रैंकिंग) के रूप में एकल वर्ग में ऐसा खिलाड़ी है जिसकी रैंकिंग भारतीयों से बेहतर है। इसके बावजूद घरेलू परिस्थितियों के कारण भारत का पलड़ा भारी होगा। भारत और डेनमार्क की टीमों ने डेविस कप में सिर्फ दो बार एक-दूसरे का सामना किया है।
1927 में कोपनहेगन में डेनमार्क ने भारत को 5-0 से हराया तो वही सितंबर 1984 में भारत ने आरहूस में 3-2 से जीत दर्ज की थी। भारतीय कोच जीशान अली ने कहा कि शुक्र है कि कई टाई के बाद हमें घरेलू मैच मिला है। पिछले दो मुकाबले हमारे लिए कठिन थे, हमने क्रोएशिया से खेला जिसने डेविस कप फाइनल में जगह बनाई।
इसके बाद हमने फिनलैंड खेला और सभी को लगा कि फिनलैंड एक आसान टीम है, लेकिन ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि कागजों पर भारत को मजबूत टीम माना जाता है, लेकिन रामकुमार रामनाथन (रैंकिंग 190) को छोड़कर हमारे पास एकल में शीर्ष 200 (रैंकिंग) में कोई नहीं है।
लंबे समय से हमारे पास शीर्ष-100 का कोई खिलाड़ी नहीं है। हम हमेशा अंडरडॉग (जीत के कम दावेदार) रहे है लेकिन डेविस कप में हमारे खिलाड़ियों ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है।
विस्तार
भारत अगले साल चार और पांच मार्च को डेविस कप टेनिस प्रतियोगिता के विश्व ग्रुप एक मुकाबले में डेनमार्क की मेजबानी करेगा। फरवरी 2019 के बाद से यह पहली बार होगा कि भारत घरेलू सरजमीं पर डेविस कप मुकाबला खेलगा।
भारत ने इससे पहले फिनलैंड (2021), क्रोएशिया (2020) और कजाकिस्तान (2019, पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले के लिए) की यात्रा की थी। भारत ने फरवरी 2019 में अपनी सरजमीं पर इटली की मेजबानी की। कोलकाता में खेले गए इस मुकाबले में उसे 1-3 से हार मिली थी।
डेनमार्क के पास होल्गर रूण (103 वीं रैंकिंग) के रूप में एकल वर्ग में ऐसा खिलाड़ी है जिसकी रैंकिंग भारतीयों से बेहतर है। इसके बावजूद घरेलू परिस्थितियों के कारण भारत का पलड़ा भारी होगा। भारत और डेनमार्क की टीमों ने डेविस कप में सिर्फ दो बार एक-दूसरे का सामना किया है।
1927 में कोपनहेगन में डेनमार्क ने भारत को 5-0 से हराया तो वही सितंबर 1984 में भारत ने आरहूस में 3-2 से जीत दर्ज की थी। भारतीय कोच जीशान अली ने कहा कि शुक्र है कि कई टाई के बाद हमें घरेलू मैच मिला है। पिछले दो मुकाबले हमारे लिए कठिन थे, हमने क्रोएशिया से खेला जिसने डेविस कप फाइनल में जगह बनाई।
इसके बाद हमने फिनलैंड खेला और सभी को लगा कि फिनलैंड एक आसान टीम है, लेकिन ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि कागजों पर भारत को मजबूत टीम माना जाता है, लेकिन रामकुमार रामनाथन (रैंकिंग 190) को छोड़कर हमारे पास एकल में शीर्ष 200 (रैंकिंग) में कोई नहीं है।
लंबे समय से हमारे पास शीर्ष-100 का कोई खिलाड़ी नहीं है। हम हमेशा अंडरडॉग (जीत के कम दावेदार) रहे है लेकिन डेविस कप में हमारे खिलाड़ियों ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है।