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Budget 2022: वित्त वर्ष 2023 में विनिवेश से 65 हजार करोड़ मिलने की संभावना
एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 02 Feb 2022 03:10 AM IST
सार
चालू वित्त वर्ष में बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्प, कंटेनर कॉर्प, आरआईएनएल और पवन हंस की रणनीतिक बिक्री के अलावा जीवन बीमा निगम (एलआईसी) एक बड़ा विनिवेश है।
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सरकार अब तक पीएसयू के विनिवेश से करीब 12,030 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। इसमें एअर इंडिया के निजीकरण से 2700 करोड़ रुपये और विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) से 9330 करोड़ रुपये शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष में बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्प, कंटेनर कॉर्प, आरआईएनएल और पवन हंस की रणनीतिक बिक्री के अलावा जीवन बीमा निगम (एलआईसी) एक बड़ा विनिवेश है।
सरकार ने 2020-21 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के बजटीय विनिवेश लक्ष्य के मुकाबले 37,897 करोड़ जुटाए थे। वहीं 2019-20 में विनिवेश प्राप्तियां 50,298 करोड़ रुपये थी। यह 65 हजार करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से कम है।
वित्त वर्ष 2018-19 और 2017-18 में सरकार ने बजट में निर्धारित विनिवेश लक्ष्य को प्राप्त कर लिया था। 2018-19 में 80 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले विनिवेश संग्रह 84,972 रुपये था। वहीं 2017-18 में सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक 1,00,056 करोड़ रुपये जुटाए थे।
2016-17 में सरकार विनिवेश के लक्ष्य से चूक गई थी। बजट में 56,500 करोड़ रुपये का लक्ष्य था, जबकि सरकार 46,247 करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही थी। 2015-16 में सरकार ने सीपीएसई के विनिवेश से 23,996 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी। जो कि 69,500 करोड़ के लक्ष्य से कम है।
विस्तार
सरकार अब तक पीएसयू के विनिवेश से करीब 12,030 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। इसमें एअर इंडिया के निजीकरण से 2700 करोड़ रुपये और विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) से 9330 करोड़ रुपये शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष में बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्प, कंटेनर कॉर्प, आरआईएनएल और पवन हंस की रणनीतिक बिक्री के अलावा जीवन बीमा निगम (एलआईसी) एक बड़ा विनिवेश है।
सरकार ने 2020-21 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के बजटीय विनिवेश लक्ष्य के मुकाबले 37,897 करोड़ जुटाए थे। वहीं 2019-20 में विनिवेश प्राप्तियां 50,298 करोड़ रुपये थी। यह 65 हजार करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से कम है।
वित्त वर्ष 2018-19 और 2017-18 में सरकार ने बजट में निर्धारित विनिवेश लक्ष्य को प्राप्त कर लिया था। 2018-19 में 80 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले विनिवेश संग्रह 84,972 रुपये था। वहीं 2017-18 में सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक 1,00,056 करोड़ रुपये जुटाए थे।
2016-17 में सरकार विनिवेश के लक्ष्य से चूक गई थी। बजट में 56,500 करोड़ रुपये का लक्ष्य था, जबकि सरकार 46,247 करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही थी। 2015-16 में सरकार ने सीपीएसई के विनिवेश से 23,996 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी। जो कि 69,500 करोड़ के लक्ष्य से कम है।