भानुप्रिया
– फोटो : सोशल मीडिया
साउथ फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन अदाकारा भानुप्रिया, आज किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। 17 साल की उम्र में अभिनय करियर की शुरुआत करने वाली भानुप्रिया तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और हिंदी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी (रंगमपेटा गांव) में जन्मी इस आदाकारा का आज 58वां जन्मदिन है।
ऐसे हुई अभिनय करियर की शुरुआत
भानुप्रिया का असली नाम मंगा भामा है। इस फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्री का कोई गॉडफादर नहीं है और न ही कभी उन्होंने अभिनेत्री बनने का सपना देखा था। वो तो एक दिन स्कूल में भाग्यराजा गुरु आए। उन्होंने अपनी एक फिल्म में टीन गर्ल का किरदार निभाने के लिए भानुप्रिया को चुन लिया। लेकिन फोटोशूट के दौरान भाग्यराजा गुरु को लगा कि भानुप्रिया इस रोल के लिए काफी छोटी हैं, इसलिए उन्होंने अभिनेत्री को इस फिल्म में नहीं लिया। हालांकि यहां से भानु के अभिनेत्री बनने की शुरुआत हुई। इस घटना के बाद भानुप्रिया दोबारा स्कूल नहीं गईं। क्योंकि वह अपने स्कूल के सभी दोस्तों को बता चुकी थीं कि उन्हें फिल्म में रोल मिल गया है। अगर स्कूल में यह बात पता चलती कि उन्हें फिल्म से निकाल दिया गया है, तो उनका मजाक बनता।
5 भाषाओं में कर चुकी हैं काम
आखिरकार अभिनेत्री ने 1983 में आई तमिल फिल्म ‘मेल्ला पेसुन्गल’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। साउथ फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाने और प्रसिद्धि हासिल करने के बाद अभिनेत्री भानुप्रिया ने 90 के दशक में बॉलीवुड में कदम रखा। 150 से ज्यादा फिल्में करने वालीं भानुप्रिया ने बॉलीवुड की ‘दोस्ती-दुश्मनी’ (1986), ‘इंसाफ की पुकार’ (1987), ‘खुदगर्ज़'(1987), ‘मर मिटेंगे'(1988), ‘तमंचा’ (1988), ‘सूर्या’ (एन अवेकनिंग) (1989),’दाव पेंच’ (1989), ‘गरीबों का दाता’ (1989), ‘कसम वर्दी की’ (1989), ‘जहरीले’ (1990), ‘भाभी’ (1991) में अपने अभिनय से हिंदी फिल्म जगत में भी अपनी एक अलग पहचान बना ली।