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सुप्रीम कोर्ट: क्या झारखंड के डीजीपी के खिलाफ अवमानना याचिका पर होगी तत्काल सुनवाई? विचार करने के लिए तैयार हुई शीर्ष अदालत

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

Published by: संजीव कुमार झा
Updated Thu, 17 Feb 2022 12:56 PM IST

सार

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा पर आरोप है कि वे 31 जनवरी को सेवानिवृत्ति के बाद भी पद पर काबिज हैं।

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा(फाइल)
– फोटो : Social media

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सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को झारखंड सरकार और डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ लंबित अवमानना याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हो गया। डीजीपी नीरज सिन्हा पर आरोप है कि वे 31 जनवरी को सेवानिवृत्ति के बाद भी पद पर काबिज हैं। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि मामला, जिसे पिछले साल सितंबर में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया था, अभी तक सुनवाई के लिए नहीं आया है। अवमानना याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए पहले तीन फरवरी और फिर नौ फरवरी को गुहार लगाई गई थी लेकिन व्यस्तता के कारण इसपर विचार नहीं किया जा सका। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि झारखंड के वर्तमान पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा 31 जनवरी को अपनी सेवानिवृति के बाद भी पद पर बने हुए हैं।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को झारखंड सरकार और डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ लंबित अवमानना याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हो गया। डीजीपी नीरज सिन्हा पर आरोप है कि वे 31 जनवरी को सेवानिवृत्ति के बाद भी पद पर काबिज हैं। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि मामला, जिसे पिछले साल सितंबर में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया था, अभी तक सुनवाई के लिए नहीं आया है। अवमानना याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए पहले तीन फरवरी और फिर नौ फरवरी को गुहार लगाई गई थी लेकिन व्यस्तता के कारण इसपर विचार नहीं किया जा सका। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि झारखंड के वर्तमान पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा 31 जनवरी को अपनी सेवानिवृति के बाद भी पद पर बने हुए हैं।

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