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सीबीएसई: पेपर से विवादित पैसेज हटाया गया, छात्रों को मिलेंगे पूरे अंक, गांधी परिवार ने सोशल मीडिया से लेकर संसद तक उठाया था मामला

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डिजिटल ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 14 Dec 2021 12:58 AM IST

सार

प्रश्न पत्र पर गहराते विवाद के बाद सीबीएसई ने इसे वापस ले लिया है। परीक्षा नियंत्रक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रश्न पत्र में से पैसेज नंबर एक और इससे संबंधित प्रश्न को हटाने का फैसला लिया गया है। इसके बदले में छात्रों को पूरे अंक दिए जाएंगे।
 

सीबीएसई पेपर विवाद प्रश्न रद्द होने पर खुशी जताती छात्राएं
– फोटो : फाइल फोटो

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दसवीं बोर्ड के अंग्रेजी प्रश्नपत्र के विवादित हिस्से पर बढ़ते विवाद को देखते हुए सीबीएसई ने वह हिस्सा निरस्त कर दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अंग्रेजी प्रश्न पत्र को लेकर कहा था कि ये सवाल ‘जेंडर स्टीरियोटाइप’ को बढ़ावा देने वाला है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सोमवार को लोकसभा में सीबीएसई के सिलेबस में आपत्तिजनक कंटेंट पर सवाल उठाए। बढ़ते विवाद के बाद सीबीएसई ने विवादित प्रश्नों को निरस्त कर दिया। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रश्न पत्र में से पैसेज नंबर एक और इससे संबंधित प्रश्न को हटाने का फैसला लिया गया है। इसके बदले में छात्रों को पूरे अंक दिए जाएंगे।

ये है विवादित पैसेज में
दरअसल, सीबीएसई टर्म-1 बोर्ड की अंग्रेजी विषय का पेपर विवादों में रहा है। इंग्लिश पेपर के सेट 002/1/4 के सेक्शन-ए रीडिंग में एक पैसेज पर दिए गए विवरण को कथित तौर पर महिला रूढ़िवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। इस पैसेज में टीनएजर्स (13 से 19 वर्ष की आयु) की जीवन शैली के बारे में बताया गया है कि कैसे वह अपनी ही दुनिया में जीने लगते हैं। पेपर के पैसेज में लिखा है कि जब परिवार में महिला अपनी इच्छा से समाज में आगे बढ़कर अपना करियर चुनती है और समाज में एक नाम-पहचान हासिल करती है। तब परिवार में माता-पिता का बच्चों पर से अधिकार कम होने लगता है। बच्चे यह फैसला नहीं कर पाते हैं कि वह दोनों में किसकी सुने। महिलाओं को परिवार में अनुशासन बनाए रखने के लिए अपने पति की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

साथ ही एक महिला, मां होते हुए अपने पति के तरीके को स्वीकार करेगी, तभी उसके छोटे बच्चे अपनी मां की आज्ञा का पालन करेंगे। महिला उद्धार ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को खत्म कर दिया है।

इस तरह के कई वाक्य इंग्लिश के इस पेपर में मौजूद हैं, जो ऐसी व्याख्या करते हैं। इस पैसेज में पिछली सदी के विचारों का उल्लेख किया गया है। शनिवार 11 दिसंबर को हुई सीबीएसई की 10वीं बोर्ड की टर्म-1 अंग्रेजी विषय की परीक्षा के पेपर सेट  002/2/4 में भी दो गलतियों पर शिक्षकों व छात्रों ने सवाल उठाए थे। इस पर भी सीबीएसई बोर्ड ने अपनी सफाई दी थी। दरअसल, सेट 002/2/4 में सेक्शन-ए रीडिंग में प्रश्न संख्या 13 व 14 दोनों की हेडिंग गायब थी। इसके अलावा प्रश्न संख्या 43 में भी चार विकल्पों – ए,बी,सी व डी में से सी और डी विकल्प एक समान थे। 

गांधी परिवार ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
सबसे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीबीएसई के 10वीं के अंग्रेजी के पेपर पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि अविश्वसनीय! क्या हम वाकई बच्चों को यह बेहूदा बातें सिखा रहे हैं? इसी के साथ केंद्र सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने पूछा था कि स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार महिलाओं को लेकर इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अगर नहीं तो फिर वे सीबीएसई पाठ्यक्रम में शामिल क्यों है? इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘अब तक सीबीएसई के अधिकांश पेपर बहुत कठिन थे लेकिन अंग्रेजी के पेपर में कॉम्प्रिहेंशन पैसेज ज्यादा बकवास था। आरएसएस और भाजपा युवाओं के मनोबल और भविष्य को कुचलने में तुले हैं। राहुल ने बच्चों से कहा कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहो, कड़ी मेहनत रंग लाती है। कट्टरता नहीं।’

सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीबीएसई के सिलेबस का मुद्दा उठाया। उन्होंने अंग्रेजी विषय के पेपर में कथित तौर पर स्त्री विरोधी सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई है। इसे शिक्षा मंत्रालय की गंभीर चूक बताते हुए उन्होंने सीबीएसई से परीक्षा में पूछे गए आपत्तिजनक प्रश्न को तत्काल वापस लेने की मांग की। 

बढ़ते विवाद के बाद सीबीएसई ने लिया फैसला
प्रश्न पत्र पर गहराते विवाद के बाद सीबीएसई ने इसे वापस ले लिया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा कि, कक्षा 10 के अंग्रेजी के पेपर में आया पैसेज नंबर 1 बोर्ड की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं है। ऐसे में इसे प्रश्न पत्र से हटाया जाता है। इस पैसेज के पूरे मार्क्स सभी विद्यार्थियों को मिलेंगे। 

विस्तार

दसवीं बोर्ड के अंग्रेजी प्रश्नपत्र के विवादित हिस्से पर बढ़ते विवाद को देखते हुए सीबीएसई ने वह हिस्सा निरस्त कर दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अंग्रेजी प्रश्न पत्र को लेकर कहा था कि ये सवाल ‘जेंडर स्टीरियोटाइप’ को बढ़ावा देने वाला है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सोमवार को लोकसभा में सीबीएसई के सिलेबस में आपत्तिजनक कंटेंट पर सवाल उठाए। बढ़ते विवाद के बाद सीबीएसई ने विवादित प्रश्नों को निरस्त कर दिया। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रश्न पत्र में से पैसेज नंबर एक और इससे संबंधित प्रश्न को हटाने का फैसला लिया गया है। इसके बदले में छात्रों को पूरे अंक दिए जाएंगे।

ये है विवादित पैसेज में

दरअसल, सीबीएसई टर्म-1 बोर्ड की अंग्रेजी विषय का पेपर विवादों में रहा है। इंग्लिश पेपर के सेट 002/1/4 के सेक्शन-ए रीडिंग में एक पैसेज पर दिए गए विवरण को कथित तौर पर महिला रूढ़िवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। इस पैसेज में टीनएजर्स (13 से 19 वर्ष की आयु) की जीवन शैली के बारे में बताया गया है कि कैसे वह अपनी ही दुनिया में जीने लगते हैं। पेपर के पैसेज में लिखा है कि जब परिवार में महिला अपनी इच्छा से समाज में आगे बढ़कर अपना करियर चुनती है और समाज में एक नाम-पहचान हासिल करती है। तब परिवार में माता-पिता का बच्चों पर से अधिकार कम होने लगता है। बच्चे यह फैसला नहीं कर पाते हैं कि वह दोनों में किसकी सुने। महिलाओं को परिवार में अनुशासन बनाए रखने के लिए अपने पति की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

साथ ही एक महिला, मां होते हुए अपने पति के तरीके को स्वीकार करेगी, तभी उसके छोटे बच्चे अपनी मां की आज्ञा का पालन करेंगे। महिला उद्धार ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को खत्म कर दिया है।

इस तरह के कई वाक्य इंग्लिश के इस पेपर में मौजूद हैं, जो ऐसी व्याख्या करते हैं। इस पैसेज में पिछली सदी के विचारों का उल्लेख किया गया है। शनिवार 11 दिसंबर को हुई सीबीएसई की 10वीं बोर्ड की टर्म-1 अंग्रेजी विषय की परीक्षा के पेपर सेट  002/2/4 में भी दो गलतियों पर शिक्षकों व छात्रों ने सवाल उठाए थे। इस पर भी सीबीएसई बोर्ड ने अपनी सफाई दी थी। दरअसल, सेट 002/2/4 में सेक्शन-ए रीडिंग में प्रश्न संख्या 13 व 14 दोनों की हेडिंग गायब थी। इसके अलावा प्रश्न संख्या 43 में भी चार विकल्पों – ए,बी,सी व डी में से सी और डी विकल्प एक समान थे। 

गांधी परिवार ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

सबसे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीबीएसई के 10वीं के अंग्रेजी के पेपर पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि अविश्वसनीय! क्या हम वाकई बच्चों को यह बेहूदा बातें सिखा रहे हैं? इसी के साथ केंद्र सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने पूछा था कि स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार महिलाओं को लेकर इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अगर नहीं तो फिर वे सीबीएसई पाठ्यक्रम में शामिल क्यों है? इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘अब तक सीबीएसई के अधिकांश पेपर बहुत कठिन थे लेकिन अंग्रेजी के पेपर में कॉम्प्रिहेंशन पैसेज ज्यादा बकवास था। आरएसएस और भाजपा युवाओं के मनोबल और भविष्य को कुचलने में तुले हैं। राहुल ने बच्चों से कहा कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहो, कड़ी मेहनत रंग लाती है। कट्टरता नहीं।’

सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीबीएसई के सिलेबस का मुद्दा उठाया। उन्होंने अंग्रेजी विषय के पेपर में कथित तौर पर स्त्री विरोधी सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई है। इसे शिक्षा मंत्रालय की गंभीर चूक बताते हुए उन्होंने सीबीएसई से परीक्षा में पूछे गए आपत्तिजनक प्रश्न को तत्काल वापस लेने की मांग की। 

बढ़ते विवाद के बाद सीबीएसई ने लिया फैसला

प्रश्न पत्र पर गहराते विवाद के बाद सीबीएसई ने इसे वापस ले लिया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा कि, कक्षा 10 के अंग्रेजी के पेपर में आया पैसेज नंबर 1 बोर्ड की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं है। ऐसे में इसे प्रश्न पत्र से हटाया जाता है। इस पैसेज के पूरे मार्क्स सभी विद्यार्थियों को मिलेंगे। 

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