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सलाह: बिना रुकावट के चाहिए बैंक लोन, तो सिबिल स्कोर की अहमियत को समझना है बेहद जरूरी

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बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 24 Mar 2022 09:33 AM IST

सार

बैंक हमेशा व्यक्ति का सिबिल स्कोर चेक कर के ही लोन देते हैं। इसे क्रेडिट स्कोर के तौर पर भी जाना जाता है। बैंक कर्जधारक के क्रेडिट स्कोर की मदद से यह देखते हैं कि वे समय पर लोन को चुकाते हैं या नहीं। इसके साथ ही बैंक यह भी चेक करते हैं कि क्या व्यक्ति ने किसी लोन की पेमेंट पर डिफॉल्ट किया है।

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अगर आप छोटा या फिर बड़ा लोन लेने का मन बना रहे हैं और चाहते हैं कि आपको बिना किसी रुकावट के आसान और कम ब्याज पर लोन मिले, तो इसके लिए अपने सिबिल स्कोर को समझना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि लोन की मांग को देखते हुए अब समय आ गया है कि हर व्यक्ति अपने सिबिल स्कोर की अहमियत को समझे और अगर यह कमजोर है तो कुछ आसान तरीकों से इसे मजबूत बनाया जाए। 

सिबिल स्कोर के आधार पर लोन
दरअसल,  बैंक हमेशा व्यक्ति का सिबिल स्कोर चेक कर के ही लोन देते हैं। इसे क्रेडिट स्कोर के तौर पर भी जाना जाता है। बैंक कर्जधारक के क्रेडिट स्कोर की मदद से यह देखते हैं कि वे समय पर लोन को चुकाते हैं या नहीं। इसके साथ ही बैंक यह भी चेक करते हैं कि क्या व्यक्ति ने किसी लोन की पेमेंट पर डिफॉल्ट किया है। मतलब लोन मांगने वाले व्यक्ति के बारे में पूरी की पूरी जानकारी बैंकों को उसके सिविल स्कोर के आधार पर ही पता चल जाती है। 

अच्छा क्रेडिट स्कोर है जरूरी
अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है तो यह आपको कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन प्राप्त करने में मदद कर सकता है। आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर तभी होगा जब आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी होगी। इसलिए आपको लगातार अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर करने की कोशिश करते रहना चाहिए। आपको इसके लिए अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान सही समय पर करना चाहिए और सभी लोन की ईएमआई का भुगतान तय समय पर करते रहने चाहिए। 

भूल से भी न करें ये गलतियां 
अगर आप किसी लोन की ईएमआई चुकाने में डिफॉल्ट करते हैं तो इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है। इससे आपका सिबिल स्कोर घट जाता है। अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो आपने बिल समय पर नहीं चुकाया है तो क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर है। क्रेडिट मापने वाली कंपनियां आपका स्कोर कम कर देंगेी। क्रेडिट स्कोर खराब होने पर आापको भविष्य में लोन लेने में आपको दिक्कत आएगी।

स्कोर कम होने के नुकसान
अगर आपका सिबिल स्कोर कमजोर है तो बैंक आपको आसानी से लोन नहीं देगा और देगा भी तो ज्यादा ब्याज दर पर। यानी लोने का भुगतान करने में आगे मुसीबत होगी और ज्यादा पैसा चुकाना होगा। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी बैंकों को इस संबंध में सलाह दी है कि बैंकों को लोन देने से पहले सिबिल कंफर्मेशन जरूर करना चाहिए. इससे लोन डिफॉल्ट की संभावना कम हो जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान
अपने सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए सबसे जरूरी है समय पर पेमेंट करना। क्रेडिट कार्ड पेमेंट या फिर किसी अन्य बिल या ईएमआई का भुगतान समय पर जरूर करें। क्योंकि इसका सीधा असर सिबिल स्कोर पर होगा। खर्च करने की आदत पर काबू रखना जरूरी है। उतना ही खर्च करें जितना जरूरी हो और उसका भुगतान समय पर कर सकें। क्रेडिट कार्ड से खर्च करते समय आपको बेहद सावधानी की जरूरत है और ध्यान रहे कि ड्यू डेट से पहले बिल भुगतान करें। 

विस्तार

अगर आप छोटा या फिर बड़ा लोन लेने का मन बना रहे हैं और चाहते हैं कि आपको बिना किसी रुकावट के आसान और कम ब्याज पर लोन मिले, तो इसके लिए अपने सिबिल स्कोर को समझना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि लोन की मांग को देखते हुए अब समय आ गया है कि हर व्यक्ति अपने सिबिल स्कोर की अहमियत को समझे और अगर यह कमजोर है तो कुछ आसान तरीकों से इसे मजबूत बनाया जाए। 

सिबिल स्कोर के आधार पर लोन

दरअसल,  बैंक हमेशा व्यक्ति का सिबिल स्कोर चेक कर के ही लोन देते हैं। इसे क्रेडिट स्कोर के तौर पर भी जाना जाता है। बैंक कर्जधारक के क्रेडिट स्कोर की मदद से यह देखते हैं कि वे समय पर लोन को चुकाते हैं या नहीं। इसके साथ ही बैंक यह भी चेक करते हैं कि क्या व्यक्ति ने किसी लोन की पेमेंट पर डिफॉल्ट किया है। मतलब लोन मांगने वाले व्यक्ति के बारे में पूरी की पूरी जानकारी बैंकों को उसके सिविल स्कोर के आधार पर ही पता चल जाती है। 

अच्छा क्रेडिट स्कोर है जरूरी

अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है तो यह आपको कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन प्राप्त करने में मदद कर सकता है। आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर तभी होगा जब आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी होगी। इसलिए आपको लगातार अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर करने की कोशिश करते रहना चाहिए। आपको इसके लिए अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान सही समय पर करना चाहिए और सभी लोन की ईएमआई का भुगतान तय समय पर करते रहने चाहिए। 

भूल से भी न करें ये गलतियां 

अगर आप किसी लोन की ईएमआई चुकाने में डिफॉल्ट करते हैं तो इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है। इससे आपका सिबिल स्कोर घट जाता है। अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो आपने बिल समय पर नहीं चुकाया है तो क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर है। क्रेडिट मापने वाली कंपनियां आपका स्कोर कम कर देंगेी। क्रेडिट स्कोर खराब होने पर आापको भविष्य में लोन लेने में आपको दिक्कत आएगी।

स्कोर कम होने के नुकसान

अगर आपका सिबिल स्कोर कमजोर है तो बैंक आपको आसानी से लोन नहीं देगा और देगा भी तो ज्यादा ब्याज दर पर। यानी लोने का भुगतान करने में आगे मुसीबत होगी और ज्यादा पैसा चुकाना होगा। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी बैंकों को इस संबंध में सलाह दी है कि बैंकों को लोन देने से पहले सिबिल कंफर्मेशन जरूर करना चाहिए. इससे लोन डिफॉल्ट की संभावना कम हो जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान

अपने सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए सबसे जरूरी है समय पर पेमेंट करना। क्रेडिट कार्ड पेमेंट या फिर किसी अन्य बिल या ईएमआई का भुगतान समय पर जरूर करें। क्योंकि इसका सीधा असर सिबिल स्कोर पर होगा। खर्च करने की आदत पर काबू रखना जरूरी है। उतना ही खर्च करें जितना जरूरी हो और उसका भुगतान समय पर कर सकें। क्रेडिट कार्ड से खर्च करते समय आपको बेहद सावधानी की जरूरत है और ध्यान रहे कि ड्यू डेट से पहले बिल भुगतान करें। 

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