Desh
संसद सत्र खत्म: उपराष्ट्रपति से अलग-अलग मिले कुछ केंद्रीय मंत्री और विपक्षी नेता
एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 13 Aug 2021 02:47 AM IST
सार
विपक्षी सांसदों ने बुधवार को बीमा कारोबार से संबंधित बिल को लेकर सदन में जबरदस्त हंगामा किया था और कागजात फाड़कर पीठासीन सभापति की ओर फेंके थे। इसी घटनाक्रम को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपनी बात रखी
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी समेत अन्य कुछ मंत्रियों ने नायडू से उनके सरकारी आवास पर भेंट की और बुधवार को सदन में हुए घटनाक्रम को लेकर चर्चा की।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, आनंद शर्मा, सपा के रामगोपाल यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात कर बुधवार को उच्च सदन में हुई घटना की जानकारी दी। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने संसदीय नियमों का पालन नहीं किया और कानूनों का मजाक बना दिया है।
खरगे ने कहा कि 15 दलों के नेताओं ने नायडू से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। हमने उन्हें सदन की घटना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सदन में हर 10 मिनट में एक बिल पास किया। किसी को भी बोलने का मौका नहीं दिया गया। यहां तक कानूनों में क्या खामियां हैं, यह भी बताने का मौका नहीं मिला।
इसके बावजूद 6 घंटे की बातचीत के बाद हम सभी नेताओं ने मिलकर संविधान संशोधन बिल पर सरकार का साथ दिया क्योंकि हम चाहते थे कि संसद चले।
विस्तार
संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी समेत अन्य कुछ मंत्रियों ने नायडू से उनके सरकारी आवास पर भेंट की और बुधवार को सदन में हुए घटनाक्रम को लेकर चर्चा की।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, आनंद शर्मा, सपा के रामगोपाल यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात कर बुधवार को उच्च सदन में हुई घटना की जानकारी दी। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने संसदीय नियमों का पालन नहीं किया और कानूनों का मजाक बना दिया है।
खरगे ने कहा कि 15 दलों के नेताओं ने नायडू से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। हमने उन्हें सदन की घटना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सदन में हर 10 मिनट में एक बिल पास किया। किसी को भी बोलने का मौका नहीं दिया गया। यहां तक कानूनों में क्या खामियां हैं, यह भी बताने का मौका नहीं मिला।
इसके बावजूद 6 घंटे की बातचीत के बाद हम सभी नेताओं ने मिलकर संविधान संशोधन बिल पर सरकार का साथ दिया क्योंकि हम चाहते थे कि संसद चले।