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संशोधन की मांग: शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा- किशोर न्याय अधिनियम बेटियों के हक में नहीं
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 20 Feb 2022 04:49 AM IST
सार
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस अधिनियम के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट की विशेष अनुमति के बिना बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है।
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चतुर्वेदी ने कहा, एक ओर केंद्र सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करती है। जबकि दूसरी तरफ किशोर न्याय विधेयक में संशोधन भी लाती है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट की विशेष अनुमति के बिना बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है।
केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को शनिवार को भेजे पत्र में उन्होंने इस अधिनियम में सुधार की मांग की है। पत्र में लिखा है कि किशोर न्याय अधिनियम 2021 में जो संशोधन किया गया है, वह बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों को गैर-संज्ञेय अपराधों के रूप में वर्गीकृत करता है। यह उन अपराधियों को बचाता है, जो बच्चों का भीख मंगवाने, श्रम कराने और ड्रग्स की तस्करी के लिए शोषण करते हैं।
विस्तार
चतुर्वेदी ने कहा, एक ओर केंद्र सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करती है। जबकि दूसरी तरफ किशोर न्याय विधेयक में संशोधन भी लाती है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट की विशेष अनुमति के बिना बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है।
केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को शनिवार को भेजे पत्र में उन्होंने इस अधिनियम में सुधार की मांग की है। पत्र में लिखा है कि किशोर न्याय अधिनियम 2021 में जो संशोधन किया गया है, वह बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों को गैर-संज्ञेय अपराधों के रूप में वर्गीकृत करता है। यह उन अपराधियों को बचाता है, जो बच्चों का भीख मंगवाने, श्रम कराने और ड्रग्स की तस्करी के लिए शोषण करते हैं।