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शिखर सम्मेलन: रूसी तनाव के बीच ईयू व पूर्व सोवियत नेताओं की मुलाकात, रिश्ते मजबूत करने का लिया संकल्प
एजेंसी, ब्रुसेल्स।
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 17 Dec 2021 12:57 AM IST
सार
शिखर सम्मेलन की अंतिम घोषणा के अनुसार, बैठक का मकसद समान मूलभूत मूल्यों पर आधारित रणनीतिक, महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी साझेदारी के लिए ‘मजबूत प्रतिबद्धता’ की पुष्टि करना है।
यूरोपीय संघ (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : pixabay
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शिखर सम्मेलन की अंतिम घोषणा के अनुसार, बैठक का मकसद समान मूलभूत मूल्यों पर आधारित रणनीतिक, महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी साझेदारी के लिए ‘मजबूत प्रतिबद्धता’ की पुष्टि करना है। ईयू के पूर्वी साझेदारों में बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको इस मंच का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि पिछले साल उनके पुन: निर्वाचन में कथित धोखाधड़ी को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की खबरों के बाद यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगाए थे।
बेलारूस का झंडा शिखर सम्मेलन की मेज पर उस जगह लगा है, जहां लुकाशेंको बैठने वाले थे। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, कमरे में एक कुर्सी खाली है और मुझे उम्मीद है कि यह कुर्सी जल्द ही एक वैध, लोकतांत्रिक रूप से चुने गए बेलारूसी नेता से भर जाएगी।
2008 में हुई थी स्थापना
‘पूर्वी साझेदार संगठन’ की स्थापना 2008 में रूस द्वारा जॉर्जिया में सैनिकों को भेजे जाने के बाद की गई थी, इस कदम से पूरी दुनिया हैरान रह गई थी। साझेदारी का उद्देश्य छह देशों के बीच संबंधों को सुधारना और गहरा करना है, इनमें से अधिकांश रूस के साथ सीमा साझा करते हैं और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊर्जा के गढ़ हैं।
विस्तार
शिखर सम्मेलन की अंतिम घोषणा के अनुसार, बैठक का मकसद समान मूलभूत मूल्यों पर आधारित रणनीतिक, महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी साझेदारी के लिए ‘मजबूत प्रतिबद्धता’ की पुष्टि करना है। ईयू के पूर्वी साझेदारों में बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको इस मंच का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि पिछले साल उनके पुन: निर्वाचन में कथित धोखाधड़ी को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की खबरों के बाद यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगाए थे।
बेलारूस का झंडा शिखर सम्मेलन की मेज पर उस जगह लगा है, जहां लुकाशेंको बैठने वाले थे। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, कमरे में एक कुर्सी खाली है और मुझे उम्मीद है कि यह कुर्सी जल्द ही एक वैध, लोकतांत्रिक रूप से चुने गए बेलारूसी नेता से भर जाएगी।
2008 में हुई थी स्थापना
‘पूर्वी साझेदार संगठन’ की स्थापना 2008 में रूस द्वारा जॉर्जिया में सैनिकों को भेजे जाने के बाद की गई थी, इस कदम से पूरी दुनिया हैरान रह गई थी। साझेदारी का उद्देश्य छह देशों के बीच संबंधों को सुधारना और गहरा करना है, इनमें से अधिकांश रूस के साथ सीमा साझा करते हैं और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊर्जा के गढ़ हैं।