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शत्रुघ्न सिन्हा की वजह से फिल्म खिलौना छोड़ने को तैयार हो गई थीं मुमताज
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दोस्तों आपने बॉलीवुड में दो अभिनेताओं के बीच दोस्ती की कई मिसालें सुनी होंगी, लेकिन एक हीरो और हीरोइन के बीच दोस्ती का ये किस्सा आपको वाकई अचंभे में डाल देगा। ऐसी ही दोस्ती रही है अभिनेत्री मुमताज और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की…एक बार तो शत्रुघ्न सिन्हा के लिए उनकी दोस्त और मुमताज़ ज़िद पर अड़ गई थीं और फिल्म छोड़ने के लिए तैयार हो गई थीं… किस्सा है फिल्म खिलौना का.वाकया उन दिनों का है जब अपने मुंहफट अंदाज और बड़बोलेपन के चलते शत्रुघ्न सिन्हा को इंडस्ट्री में नापसंद किया जाने लगा था।
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दोस्तों आपने बॉलीवुड में दो अभिनेताओं के बीच दोस्ती की कई मिसालें सुनी होंगी, लेकिन एक हीरो और हीरोइन के बीच दोस्ती का ये किस्सा आपको वाकई अचंभे में डाल देगा। ऐसी ही दोस्ती रही है अभिनेत्री मुमताज और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की…एक बार तो शत्रुघ्न सिन्हा के लिए उनकी दोस्त और मुमताज़ ज़िद पर अड़ गई थीं और फिल्म छोड़ने के लिए तैयार हो गई थीं… किस्सा है फिल्म खिलौना का.वाकया उन दिनों का है जब अपने मुंहफट अंदाज और बड़बोलेपन के चलते शत्रुघ्न सिन्हा को इंडस्ट्री में नापसंद किया जाने लगा था।
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आज बात करेंगे फिल्म मिस्टर इंडिया की…फिल्म की कहानी लिखी थी सलीम जावेद ने….लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म अनिल कपूर के लिए नहीं बल्कि किसी और अभिनेता को ध्यान में रखकर लिखी गई थी. राजेश खन्ना से लेकर अमिताभ बच्चन से होते हुए सलीम-जावेद की जो कहानी अनिल कपूर तक आई, उसमें खासियत अनिल कपूर की ये रही कि उन्होंने अमिताभ बच्चन के लिए लिखे गए एक रोल को परदे पर यूं करके दिखा दिया कि कहीं से लगा ही नहीं कि ये रोल अनिल कपूर के लिए नहीं लिखा गया था…
8 मार्च 1921 में लुधियाना के एक जागीरदार घराने में जन्मे साहिर लुधियानवी के पिता बेहद अमीर थे, लेकिन मां-पिता के अलगाव के बाद उन्होंने मां के साथ गरीबी में रहना पसंद किया। लुधियाना के खालसा हाई स्कूल में साहिर ने पढ़ाई की। 1939 में कॉलेज के दिनों में वह अमृता प्रीतम से प्यार कर बैठे, लेकिन अमृता के घरवालों को ये रास नहीं आया क्योंकि एक तो साहिर मुस्लिम थे और दूसरे गरीब। बाद में अमृता के पिता के कहने पर उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया।
अमर उजाला आवाज सुनने वालों को मेरा यानी आसिफ का प्यार भरा नमस्कार…हाजिर हो गया हूं लेकर आपका पसंदीदा शो सुन सिनेमा लेकर…दोस्तों
अभिनेत्री ऐश्वर्या राय दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं। इसके साथ ही बॉलीवुड की फिल्मों में भी वह अपनी अदाकारी का जलवा दिखा चुकीं हैं। माना जाता है कि ऐश्वर्या राय जिस भी फिल्म में होती है, अपने किरदार के लिए वह खुद को वैसा ही ढाल लेती हैं। आज ऐश्वर्या राय से जुड़ा हम आपको ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं।
बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्री अमृता सिंह बॉलीवुड फिल्मों में आयरन लेडी के तौर पर मशहूर हुईं. अपनी एक्टिंग से दर्शकों पर जादू चलाने वालीं अमृता ने दिल तो बहुत लगाया, लेकिन कोई भी प्यार सफल नहीं हो पाया। इंडस्ट्री में उनके अफेयर के बहुत चर्चे रहे, लेकिन बार-बार प्यार मिलने के बाद भी अमृता अकेली ही रह गईं…अमृता सिंह ने साल 1983 में फिल्म ‘बेताब’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फिल्म में उनके साथ अभिनेता सनी देओल भी नजर आए थे। फिल्म हिट रही और दर्शकों ने दोनों को बेहद पसंद किया। इस फिल्म में दोनों के बीच एक बोल्ड सीन भी फिल्माया गया था जो उस समय के लिए आम बात नहीं थी। दोनों की ये पहली फिल्म थी और दोनों ने फिल्म में इस तरह का सीन देकर दर्शकों को हैरान कर दिया था।
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एक वक्त था जब राज कपूर और नर्गिस के रोमांस के खूब चर्चे थे जिसके चलते नर्गिस एक बार अपने मेकअप रूम में बैठकर खूब रोईं और राज कपूर के भाई शम्मी कपूर को किस करने तक का वादा कर दिया था। आखिर ऐसा क्या हुआ था जो नर्गिस रोईं और शम्मी कपूर को किस करने का वादा कर दिया था…चलिए बताते हैं…बात उन दिनों की है जब नर्गिस राज कपूर के साथ फिल्म ‘बरसात’ में काम कर रही थीं।
नमस्कार अमर उजाला आवाज में एक बार फिर आप सभी का स्वागत है और मैं हूं …हाजिर हो गई हूं लेकर दिनभर की मनोरंजन जगत की बड़ी खबरें…आगे बताएंगे कि क्या मां बनने वाली हैं दीपिका कक्कड़… क्यो हो रही ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ को बैन करने की मांग… और इस दिन होगी रिलीज जॉन अब्राहम की फिल्म ‘तेहरान’ जानते हैं विस्तार से…
दोस्तों फिल्मों को समाज का आईना कहा जाता है…कई फिल्में महज मनोरंजन के लिए बनाई जाती है तो कई ऐसी होती जो समाज को आईना भी दिखाती हैं…ऐसी ही एक फिल्म की आज हम बात करेंगे जो बनी तो लेकिन कभी सिनेमाघरों तक नहीं पहुंच पाई…हम बात कर रहे हैं फिल्म किस्सा कुर्सी का की…इंदिरा गांधी ने जब देश में आपातकाल लगाई तो उसका असर बॉलीवुड में भी देखा गया। बॉलीवुड में कई फिल्मों की रिलीज को रोक दिया गया। ऐसी ही एक फिल्म थी किस्सा कुर्सी का। फिल्म पर आरोप लगा था कि इसमें इंदिरा गांधी और संजय गांधी के साथ-साथ सरकारी की नीतियों पर भी तंज कसे गए थे। फिल्म का निर्देशन अमृत नाहटा ने किया था।
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