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वसूली मामला: परमबीर सिंह के खिलाफ जारी की गई जमानती वारंट रद्द, चांदीवाल आयोग ने लिया फैसला

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पीटीआई, मुंबई
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Mon, 29 Nov 2021 12:57 PM IST

सार

तत्कालीन गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह की ओर से लगाए गए वसूली के आरोपों की जांच के लिए चांदीवाल आयोग का गठन किया गया था।

परमबीर सिंह आयोग के सामने पेश होते हुए
– फोटो : ANI

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मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह सोमवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे चांदीवाल  आयोग के सामने पेश हुए। पूछताछ के बाद चांदीवाल कमीशन ने परमबीर सिंह के खिलाफ जारी की गई जमानती वारंट को रद्द कर दिया है।  आयोग ने परमबीर सिंह पर जुर्माना लगाते हुए आदेश दिया है कि वह मुख्यमंत्री राहत कोष में 15,000 रुपये जमा कराएं।

इस साल मार्च में किया गया था आयोग का गठन
तत्कालीन गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए इस साल मार्च में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था। पैनल ने इससे पहले सिंह पर कई मौकों पर पेश होने में विफल रहने के लिए जुर्माना लगाया था और उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था। गौरतलब है कि परमबीर सिंह को एंटीलिया बम कांड के बाद मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरित कर दिया गया था।  स्थानांतरित होने के बाद परमबीर ने देशमुख पर आरोप लगाते हुए कहा था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से शहर में बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये प्रति माह इकट्ठा करने के लिए कहा था।

एक अदालत ने परमबीर को फरार घोषित कर दिया था
वसूली मामले में जब कई दिनों तक परमबीर सिंह नजर नहीं आए तो यहां की एक अदालत ने उन्हें फरार घोषित कर दिया था। अदालत के आदेश के बाद जुहू स्थित उनके फ्लैट के बाहर एक नोटिस चिपका दिया गया है।

विस्तार

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह सोमवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे चांदीवाल  आयोग के सामने पेश हुए। पूछताछ के बाद चांदीवाल कमीशन ने परमबीर सिंह के खिलाफ जारी की गई जमानती वारंट को रद्द कर दिया है।  आयोग ने परमबीर सिंह पर जुर्माना लगाते हुए आदेश दिया है कि वह मुख्यमंत्री राहत कोष में 15,000 रुपये जमा कराएं।

इस साल मार्च में किया गया था आयोग का गठन

तत्कालीन गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए इस साल मार्च में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था। पैनल ने इससे पहले सिंह पर कई मौकों पर पेश होने में विफल रहने के लिए जुर्माना लगाया था और उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था। गौरतलब है कि परमबीर सिंह को एंटीलिया बम कांड के बाद मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरित कर दिया गया था।  स्थानांतरित होने के बाद परमबीर ने देशमुख पर आरोप लगाते हुए कहा था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से शहर में बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये प्रति माह इकट्ठा करने के लिए कहा था।

एक अदालत ने परमबीर को फरार घोषित कर दिया था

वसूली मामले में जब कई दिनों तक परमबीर सिंह नजर नहीं आए तो यहां की एक अदालत ने उन्हें फरार घोषित कर दिया था। अदालत के आदेश के बाद जुहू स्थित उनके फ्लैट के बाहर एक नोटिस चिपका दिया गया है।

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