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रियल लाइफ टार्जन: जंगलों में 41 साल तक गुजारा स्वस्थ जीवन, इंसानों के बीच आठ साल में ही हो गई मौत
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, हनोई
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 14 Sep 2021 12:29 AM IST
सार
‘रियल लाइफ टार्जन’ हो वैन लैंग ने जीवन के 41 साल जंगलों में गुजारे थे लेकिन इंसानों के बीच लाने के महज आठ साल के अंदर ही उसकी कैंसर से मौत हो गई। जानिए उसकी कहानी…
हो वैन लैंग
– फोटो : वीडियो स्क्रीनग्रैब
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41 साल तक जंगलों में रहने के बाद उसे इंसानी सभ्यता में लाया गया था, लेकिन दुख की बात यह है कि ‘असली टार्जन’ की इंसानों के बीच महज आठ साल में ही मौत हो गई।उसकी मौत की वजह भी काफी दर्दनाक है।
हो वैन लैंग ने अपने पिता के साथ जंगल में 41 साल जीवित रहने के बाद पिछले सोमवार को बीमारी के कारण दम तोड़ दिया। उनके पिता 1972 में जंगलों में रहने चले गए थे, जब वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी बमबारी में उनके आधे परिवार की मौत हो गई थी।
हो वैन लैंग अपने पिता के साथ वियतनाम के जंगलों में रहता था। उसके पिता हो वैन थान एक वियतनामी सिपाही थे जो वियतनाम युद्ध के दौरान अपने छोटे से बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए जंगलों में छुपने के लिए आ गए थे। उनकी पत्नी और दो अन्य बच्चों की एक बम धमाके में मौत हो गई थी। तब से ही बाप-बेटे जंगलों में रहने लगे थे।
लैंग ने तो जीवन में कभी किसी दूसरे इंसान को देखा ही नहीं था। उसे इंसानी सभ्यता, पहनावा, खान-पान के बारे में पता ही नहीं था। मगर साल 2013 में उन दोनों के बारे में लोगों को पता चला और दोनों को इंसानों के बीच लाया गया। मगर दुर्भाग्य रहा कि पहले लैंग के पिता इंसानी सभ्यता में एडजस्ट नहीं कर पाए और उनकी स्थिति बिगड़ती गई। इसके बाद इंसानी सभ्यता में आने के महज आठ साल बाद ही लैंग ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। लैंग जंगलों में बेहद स्वस्थ जीवन बिता रहा था, लेकिन इंसानों के बीच आने के महज आठ साल में लैंग को लिवर कैंसर हो गया और उसकी मौत हो गई।
डू कास्टवे नाम की एक कंपनी, जो लोगों को जंगलों में रहने के ट्रिक्स सिखाती है। उस कंपनी के एलवरो सेरेजो ने लैंग से इंसानों के बीच आने के बाद मुलाकात की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एलवरो ने बताया कि उनकी मौत जरूर इंसानी दुनिया में आने के बाद हुए बदलाव के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि लैंग तैयार खाद्य पदार्थ खाने लगे थे और शराब का भी सेवन करने लगे थे। इसके अलावा उनके तौर तरीके भी जंगल की तुलना में काफी अलग हो गए थे। उन्होंने लैंग को भला इंसान बताते हुए कहा कि उनकी सर्वाइवल स्किल कमाल की थी।
विस्तार
41 साल तक जंगलों में रहने के बाद उसे इंसानी सभ्यता में लाया गया था, लेकिन दुख की बात यह है कि ‘असली टार्जन’ की इंसानों के बीच महज आठ साल में ही मौत हो गई।उसकी मौत की वजह भी काफी दर्दनाक है।
हो वैन लैंग ने अपने पिता के साथ जंगल में 41 साल जीवित रहने के बाद पिछले सोमवार को बीमारी के कारण दम तोड़ दिया। उनके पिता 1972 में जंगलों में रहने चले गए थे, जब वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी बमबारी में उनके आधे परिवार की मौत हो गई थी।
हो वैन लैंग अपने पिता के साथ वियतनाम के जंगलों में रहता था। उसके पिता हो वैन थान एक वियतनामी सिपाही थे जो वियतनाम युद्ध के दौरान अपने छोटे से बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए जंगलों में छुपने के लिए आ गए थे। उनकी पत्नी और दो अन्य बच्चों की एक बम धमाके में मौत हो गई थी। तब से ही बाप-बेटे जंगलों में रहने लगे थे।
लैंग ने तो जीवन में कभी किसी दूसरे इंसान को देखा ही नहीं था। उसे इंसानी सभ्यता, पहनावा, खान-पान के बारे में पता ही नहीं था। मगर साल 2013 में उन दोनों के बारे में लोगों को पता चला और दोनों को इंसानों के बीच लाया गया। मगर दुर्भाग्य रहा कि पहले लैंग के पिता इंसानी सभ्यता में एडजस्ट नहीं कर पाए और उनकी स्थिति बिगड़ती गई। इसके बाद इंसानी सभ्यता में आने के महज आठ साल बाद ही लैंग ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। लैंग जंगलों में बेहद स्वस्थ जीवन बिता रहा था, लेकिन इंसानों के बीच आने के महज आठ साल में लैंग को लिवर कैंसर हो गया और उसकी मौत हो गई।
डू कास्टवे नाम की एक कंपनी, जो लोगों को जंगलों में रहने के ट्रिक्स सिखाती है। उस कंपनी के एलवरो सेरेजो ने लैंग से इंसानों के बीच आने के बाद मुलाकात की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एलवरो ने बताया कि उनकी मौत जरूर इंसानी दुनिया में आने के बाद हुए बदलाव के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि लैंग तैयार खाद्य पदार्थ खाने लगे थे और शराब का भी सेवन करने लगे थे। इसके अलावा उनके तौर तरीके भी जंगल की तुलना में काफी अलग हो गए थे। उन्होंने लैंग को भला इंसान बताते हुए कहा कि उनकी सर्वाइवल स्किल कमाल की थी।